बुध मेष राशि में अस्त: जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव!

बुध मेष राशि में अस्त: चंद्रमा के बाद बुध सबसे छोटा और सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह है। साथ ही, सूर्य के सबसे निकट है। अपने स्वभाव की तरह ज्योतिष में भी बुध एक राशि से दूसरी राशि में सबसे तेज गति से परिवर्तन करते हैं। बुध को तर्क शक्ति, वाणी, गणित, संचार, बातचीत आदि का कारक माना गया है। बुध की मजबूत स्थिति के परिणामस्वरूप जातक को अच्छे स्वास्थ्य और तेज बुद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक उच्च सफलता और अनुकूल परिणाम भी प्राप्त करता है। यही नहीं मजबूत बुध के कारण जातक ज्ञान अर्जित करने में सक्षम होता है। वहीं बुध की कमजोर स्थिति जातक को कई तरह की परेशानियां दे सकती है। 

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध के मेष राशि में अस्त के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएँगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा और इसके नकारात्मक प्रभावों से कैसे बचा जा सकता है लेकिन इससे पहले जान लेते हैं कि बुध के मेष राशि में अस्त होने की तिथि व समय क्या है।

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बुध मेष राशि में अस्त: समय व तिथि

ज्योतिष शास्त्र में बुध 28 दिनों के अंतराल पर एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं और जो अब 23 अप्रैल 2023 की रात 11 बजकर 58 मिनट पर मेष राशि में अस्त होंगे। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि देश-दुनिया पर इसका क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

ज्योतिष में बुध अस्त का महत्व

जब ग्रहों के राजा सूर्य के समीप कोई ग्रह आता है, तो वह बलहीन होकर अस्त हो जाता है। किसी भी ग्रह के अस्त होने पर उसका प्रभाव और उसकी सभी शक्तियां शून्य हो जाती हैं। इस अवधि में ग्रह शुभ परिणाम देने में असमर्थ हो जाते हैं। जब बुध सूर्य के 14 डिग्री या उससे कम डिग्री निकट तक आ जाता है तो उसे अस्त माना जाता है। बुध की अस्त अवस्था कुंडली में बुध की स्थिति एवं दृष्टि के आधार पर जातकों की वाणी, संचार और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

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मेष राशि में बुध का प्रभाव

बुध बुद्धि, बेहतर तर्क क्षमता, अच्छे संचार कौशल और तुरंत निर्णय लेने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। जबकि मेष ऊर्जा, जुनून, साहस और नेतृत्व का प्रतीक है और अग्नि तत्व वाली राशि है। मेष राशि में बुध के प्रभाव से जातक अपनी मन की बात कहने में सक्षम होते हैं और इनके विचारों में नयापन और भाषण में निर्भीकता होती है। ये ऊर्जावान होते हैं और कुछ नया शुरू करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। साथ ही, ये रचनात्मक भी होते हैं जिसके फलस्वरूप कला, संगीत व नृत्य में रुचि रखते हैं। इनकी सीखने की क्षमता तेज होती है और हर काम को समय पर खत्म करने में सक्षम होते हैं। ये किसी भी कार्य को लंबे समय तक नहीं खींचते हैं और हर बार कुछ नया व रोमांचक करने की इच्छा रखते हैं। वहीं यदि किसी कुंडली में बुध अस्त अवस्था में हों तो जातक को इन सबके विपरीत परिणाम मिलने की संभावना होती है।

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बुध मेष राशि में अस्त: वैश्विक प्रभाव

  • इस दौरान निर्यात से जुड़ा व्यवसाय करने वाले लोगों का बिज़नेस फलता-फूलता दिखेगा लेकिन इन्हें विदेश से धन प्राप्त होने में थोड़ी देरी हो सकती है।
  • जो जातक संचार से जुड़े क्षेत्रों जैसे कि पत्रकारिता, काउंसलिंग आदि से संबंध रखते हैं उन्हें इस दौरान गलत शब्दों के चयन के कारण अधिकारियों और सत्ता में बैठे लोगों के साथ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं।
  • बुध की अस्त अवस्था के दौरान बड़े पद में बैठे नेता गलत टिप्पणी के चलते समस्या में पड़ सकते हैं और जिसके लिए उन्हें माफी तक मांगनी पड़ सकती है।
  • इस दौरान कुछ देश भारत के लिए समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन कोई भी कदम उठाने से पहले सोच विचार करने की आवश्यकता है।
  • भारत और विदेशों में रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े लोग प्रतिकूल परिणामों का अनुभव कर सकते हैं।
  • सरकार के प्रतिनिधि और अधिकारी अपनी अपरिपक्व बयानबाजी के चलते किसी संकट में पड़ सकते हैं जिसके फलस्वरूप उन्हें विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
  • सार्वजनिक हस्तियां और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग भी विभिन्न विषयों के बारे में पूछे जाने पर अपना धैर्य खो सकते हैं और जिस वजह से वे परेशानी में पड़ सकते हैं।
  • दुनिया भर में संगीत और मनोरंजन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह समय अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। संभव है कि म्यूजिक एल्बम और फिल्में इस दौरान उम्मीद से कम प्रदर्शन करें।
  • आशंका है कि गलत संवाद और गलत प्रबंधन का खामियाजा बड़े संगठनों को उठाना पड़े और ऐसे में इन संगठनों का यह कदम व्यवसाय को प्रभावित कर सकता है।

बुध मेष राशि में अस्त: सामान्य उपाय

बुध अस्त के दौरान अपनाएं ये आसान उपाय:

  • नए कपड़े पहनने से पहले धो लें।
  • बुध देव को प्रसन्न करने के लिए बुध के मंत्रों का जाप करें।
  • कुंडली में बुध को मजबूत करने के लिए पक्षियों को दाना डालें।
  • प्रतिदिन या सप्ताह में 1-2 बार खुद भोजन करने से पहले गाय को खिलाएं।
  • पक्षियों को भीगी हुई हरी दाल खिलाएं।
  • मुंह की साफ-सफाई का ध्यान रखें और हमेशा स्वच्छ रखें।
  • बुध यंत्र की स्‍थापना करें और विधि-विधान से पूजा करें।

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