बुध की अस्त अवस्था इन राशि वालों के जीवन में लेकर आ सकती है भूचाल, हो जाएं सावधान!

बुध की अस्त अवस्था इन राशि वालों के जीवन में लेकर आ सकती है भूचाल, हो जाएं सावधान!बुध की अस्त अवस्था इन राशि वालों के जीवन में लेकर आ सकती है भूचाल, हो जाएं सावधान!

बुध की अस्त अवस्था इन राशि वालों के जीवन में लेकर आ सकती है भूचाल, हो जाएं सावधान!

बुध मीन राशि में अस्त: ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी और तर्क का कारक माना गया है जो राशि चक्र में कन्या और मिथुन राशि के अधिपति देव हैं। कुंडली में बुध देव की मजबूत स्थिति होने पर जातक अपनी बुद्धि का उपयोग सही तरीके और सही दिशा में करने में सक्षम होता है और ऐसे में, वह अपने कार्यों में सफलता हासिल करता है। ग्रहों के युवराज के नाम से विख्यात बुध ग्रह के कुंडली में शुभ होने पर जातक का जीवन सुखमय, शांतिपूर्ण और सुख-सुविधाओं से भरा होता है। इसके विपरीत, बुध ग्रह के कमजोर या पीड़ित होने पर व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है। अब बुध जल्द ही मीन राशि में रहते हुए अस्त होने जा रहे हैं और ऐसे में, इनका प्रभाव मनुष्य जीवन पर नज़र आ सकता है। 

यह भी पढ़ें: राशिफल 2025

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों के लिए “बुध मीन राशि में अस्त” का यह ब्लॉग लेकर आया है जिसके अंतर्गत आपको बुध अस्त से जुड़ी जानकारी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी जैसे कि तिथि और समय आदि। बुध अस्त होने का प्रभाव न सिर्फ मनुष्य जीवन को प्रभावित करेगा, बल्कि राशि चक्र की 12 राशियों के साथ-साथ देश और दुनिया पर भी दिखाई देगा। इसके अलावा, बुध की अस्त अवस्था के दौरान शेयर मार्केट में निवेश करना सही रहेगा या नहीं? मीन राशि वालों को कैसे प्रभावित करेगा अस्त बुध? इन सभी सवालों के जवाब आपको बुध मीन राशि में अस्त के इस लेख में मिलेंगे, इसलिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना जारी रखें। 

बुध मीन राशि में अस्त: तिथि और समय 

बुद्धि, तर्क, वाणी और व्यापार के कारक ग्रह बुध देव 17 मार्च 2025 की शाम 07 बजकर 31 मिनट पर मीन राशि में अस्त होने जा रहे हैं। मीन राशि में बुध की स्थिति को बहुत ख़ास मानी जाएगी क्योंकि इस राशि में रहते हुए बुध देव एक नहीं अनेक बार अपनी दशा और स्थिति में बदलाव करेंगे। बता दें कि मीन राशि में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले बुध ग्रह 15 मार्च 2025 को वक्री होंगे और इसके दो दिन बाद मीन राशि में अस्त हो जाएंगे। सबसे अंत में, गुरु ग्रह की राशि में रहते हुए 31 मार्च को बुध अपनी अस्त अवस्था से बाहर आकर मीन राशि में उदित हो जाएंगे। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं कि आख़िर क्या होती है अस्त अवस्था?

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

क्या होता है ज्योतिष में ग्रह का अस्त होना?

ज्योतिष की मानें तो, किसी ग्रह का अस्त होना एक ऐसी अवस्था होती है जो उस समय घटित होती है जब कोई ग्रह सूर्य के बहुत निकट चला जाता है। बता दें कि हर ग्रह अपनी अस्त अवस्था के दौरान शक्तिहीन हो जाता है अर्थात अपनी शक्तियां खो देता है। ग्रह अस्त के दौरान जातकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उदाहरण के तौर पर, शनि के अस्त होने पर जातक को करियर, काम का दबाव, करियर में संतुष्टि की कमी और प्रशंसा न मिलने आदि समस्याओं से जातक परेशान रहता है। इस प्रकार, बुध की अस्त अवस्था में जातकों को बुद्धि, वाणी और संचार से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। 

मीन राशि में सूर्य-बुध और शुक्र की युति 

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति देव को मीन राशि पर स्वामित्व प्राप्त है और मार्च के महीने में इस राशि में एक साथ कई ग्रह मौजूद होंगे। ऐसे में, कई युतियों और शुभ योगों का निर्माण होगा जिसका प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति पर दिखाई देगा। 

  • जिस समय बुध मीन राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय वहां शुक्र ग्रह पहले से मौजूद होंगे। ऐसे में, बुध और शुक्र दोनों युति का निर्माण करेंगे। इन दोनों ग्रहों के एक साथ होने से लक्ष्मी नारायण योग बनेगा। 
  • इसके बाद, मीन राशि में सूर्य देव 14 मार्च 2025 को गोचर कर जाएंगे और ऐसे में, बुध, सूर्य और शुक्र इन तीनों ग्रहों की युति बनेगी जिससे मीन राशि में त्रिग्रही योग निर्मित होगा। साथ ही, बुध और सूर्य के साथ होने से बुधादित्य योग भी बनने जा रहा है। 
  • इन तीनों ग्रहों के बाद मार्च 2025 के अंत में साल का सबसे बड़ा गोचर होगा। सरल शब्दों में कहें तो, शनि देव 2023 के बाद अपनी राशि में बदलाव करते हुए 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके फलस्वरूप, शनि और बुध की युति होगी और साथ में, इन चारों ग्रहों के मौजूद होने से चतुर्ग्रही योग भी बनेगा। 

नोट: मीन राशि में रहते हुए शुक्र वक्री, बुध अस्त एवं वक्री और शनि अस्त अवस्था में ही मीन राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में, इन सभी शुभ योगों का प्रभाव कमज़ोर रह सकता है।  

चलिए अब आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं बुध ग्रह से बनने वाले अशुभ योगों के बारे में। 

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

कुंडली में बुध देव से बनने वाले योग 

हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि ज्योतिष में ग्रहों की युति अनेक प्रकार के शुभ-अशुभ योगों का निर्माण करती हैं। जहाँ शुभ योग जातक के जीवन को सुख-सुविधाओं का आशीर्वाद देते हैं, तो वहीं अशुभ योग व्यक्ति के जीवन को समस्याओं से भर देते हैं। इसी क्रम में, हम आपको बुध से बनने वाले अशुभ योगों के बारे में नीचे बताने जा रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:

जड़त्व योग: 

ज्योतिष में जड़त्व योग को एक अशुभ योग माना जाता है जिसका निर्माण संचार के कारक बुध और छाया ग्रह राहु की युति से होता है। कुंडली में जब बुध महाराज और राहु देव एक साथ एक राशि या भाव में विराजमान होते हैं, तब जिस योग का निर्माण होता है उसे जड़त्व योग के नाम से जाना जाता है जो कि अशुभ योग होता है। जिन जातकों की कुंडली में जड़त्व योग बनता है, उन्हें अपने जीवन में धन हानि, अचानक से हानि होना, चिंता और मानसिक रोगों जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा  

जड़त्व योग दूर करने के उपाय 

अगर आप कुंडली में निर्मित जड़त्व योग के नकारात्मक प्रभाव झेल रहे हैं, तो आप नीचे दिए गए उपाय अपना सकते हैं। 

  • संभव हो, तो चतुर्थी तिथि पर उपवास रखें और भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करें। साथ ही, उन्हें दूर्वा (घास) और लड्डू अर्पित करें। 
  • ज्ञान और विद्या की देवी माता सरस्वती की आराधना करने से जातक को जड़त्व योग के नकारात्मक प्रभाव से राहत मिलती है। 
  • प्रतिदिन पढ़ाई शुरू करने से पहले थोड़ी देर ध्यान करें। 
  • आप अपनी छोटी बहन को प्रसन्न रखें क्योंकि ऐसा करने से बुध प्रसन्न होते हैं। 

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

कुंडली में बुध को शांत करने के लिए करें ये उपाय

  • कमज़ोर बुध से पीड़ित जातक को सदैव व्यापार में ईमानदार रहना चाहिए और किसी के भी साथ छल, कपट और धोखा करने से बचना चाहिए।
  • बुधवार के दिन जरूरतमंदों या गरीबों को साबुत मूंग, हरी घास, हाथी के दांत से बनी हुई वस्तुएं, पालक आदि का दान करें।
  • बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आप चार मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष भी पहन सकते हैं। लेकिन, ऐसा करने से पहले आपको किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेने का परामर्श दिया जाता है। 
  • जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें। 
  • बुधवार के दिन उपवास करें और विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करें।
  • दैनिक जीवन में हरे रंग के वस्त्र ज्यादा से ज्यादा धारण करें।
  • बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए आप किसी विशेषज्ञ ज्योतिषियों से सलाह लेकर पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। 

बुध मीन राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके … (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके लग्न/पहले भाव और चौथे भाव के… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह को तीसरे और बारहवें भाव का स्वामित्व… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके पहले/लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके… (विस्तार से पढ़ें)

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए बुध देव आपके बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में बुध महाराज आपके ग्यारहवें और आठवें भाव के…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए बुध आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे … (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके छठे भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब …(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह आपके पांचवें और आठवें भाव के अधिपति देव हैं जो…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. ग्रह का अस्त होना किसे कहते हैं?

जब कोई ग्रह सूर्य के बेहद नज़दीक चला जाता है और अपनी शक्तियां खो देता है, तो इसे ग्रह का अस्त होना कहते हैं। 

2. बुध मीन राशि में कब अस्त होंगे?

बुध देव 17 मार्च 2025 को मीन राशि में अस्त हो जाएंगे। 

3. मीन राशि का स्वामी कौन है?

गुरु ग्रह को मीन राशि के अधिपति देव माना जाता है। 

whatsapp