बृहस्पति मीन राशि में अस्त: धन और ज्ञान के कारक बृहस्पति 28 मार्च की सुबह 09 बजकर 20 मिनट पर मीन राशि में अस्त हो रहे हैं और यह 27 अप्रैल तक अस्त अवस्था में रहने वाले हैं। गुरु बड़े और महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक है क्योंकि इनका गोचर लगभग 1 साल में होता है। यह ज्यादातर 1 साल में एक बार ही अस्त होते हैं। ऐसे में, बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने से सभी राशियों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
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बृहस्पति मीन राशि में अस्त का ज्योतिषीय महत्व
बृहस्पति को संतान, शिक्षा, विवाह, धन, भाग्य और धार्मिक कार्यों का कारक ग्रह माना गया है। स्वाभाविक है कि बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने से जीवन के इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। सामान्य रूप से बृहस्पति के अस्त होने की अवस्था में शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से परहेज़ किया जाता है। वर्ष 2023 में बृहस्पति के अस्त होने का प्रभाव पिछले सालों की तुलना में अधिक हो सकता है क्योंकि इस बार बृहस्पति अपनी ही राशि में अस्त होने वाले हैं। साथ ही, गुरु ग्रह अस्त अवस्था में रहते हुए ही 22 अप्रैल 2023 को मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
बृहस्पति मीन राशि में अस्त: देश पर प्रभाव
बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने की अवस्था को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ कमज़ोर कहा जा सकता है। भारतवर्ष की कुंडली में बृहस्पति आठवें और लाभ भाव के स्वामी होकर लाभ भाव में ही अस्त हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, यह अवधि कुछ प्राकृतिक आपदाओं की तरफ संकेत कर रही है। साथ ही, बैंकिंग सेक्टर में कुछ बड़े बदलाव भी संभावित हैं। आम जनता के लिए भी बृहस्पति का मीन राशि में अस्त होना अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने से आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आइए जानते हैं।
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बृहस्पति मीन राशि में अस्त: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बृहस्पति आपके भाग्य और खर्च के भाव के स्वामी हैं और यह खर्च के भाव में ही अस्त हो रहे हैं। आपको बता दें कि बारहवें भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है और बृहस्पति इसी भाव में अस्त हो रहे हैं। लिहाज़ा, मेष राशि वालों को बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने से बहुत ज्यादा परेशानियां नहीं होंगी। हालांकि, जिन कामों के सकुशल पूर्ण होने की उम्मीद थी, उनमें देरी हो सकती है। पिता का स्वास्थ्य थोड़ा सा कमज़ोर रह सकता है, लेकिन खर्चों में कमी भी आने की संभावना है।
उपाय: इस समय आपके लिए साधु-संत और गुरुजनों की सेवा करना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली के आठवें और लाभ भाव के स्वामी हैं जो अब लाभ भाव में अस्त हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में कहीं से आने वाले पैसों में विलंब हो सकता है। बृहस्पति मीन राशि में अस्त के दौरान पेट और गुप्त अंगों से संबंधित कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। हालांकि, यदि पहले से कोई समस्या रही है तो वह शांत हो सकती है।
उपाय: आपके लिए पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना फलदायी साबित होगा।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में सातवें और कर्म भाव के स्वामी हैं और अब कर्म भाव में ही अस्त होने जा रहे हैं। ऐसे में, आपको वैवाहिक जीवन में कुछ कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं। विशेष रूप से, जीवनसाथी या जीवनसंगिनी के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। रोजमर्रा के कामों में भी कुछ समस्याएं पैदा हो सकती हैं। वरिष्ठों के साथ संबंध कमजोर न होने पाएं, इस बात का ख्याल रखना होगा। हालांकि, बृहस्पति आपकी कुंडली का बाधक ग्रह है और बाधक ग्रह यानी कि बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने से लंबित कामों को पूरा करवाने का काम भी कर सकता है।
उपाय: गुरुवार के दिन मंदिर में बादाम चढ़ाएं।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में छठे और भाग्य भाव के स्वामी हैं और भाग्य भाव में ही अस्त हो रहे हैं। इसके फलस्वरूप लंबी दूरी की यात्राओं में कोई बदलाव देखने को मिल सकता है। यदि आप कहीं से लोन इत्यादि के लिए कोशिश कर रहे थे तो उसकी प्राप्ति में देरी हो सकती है। बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने की इस अवधि में पिता और पिता के समान व्यक्तियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश जारी रखें। साथ ही, आपको पिताजी के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना होगा।
उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाना आपके लिए शुभ रहेगा।
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सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली के पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आठवें भाव में ही अस्त हो रहे हैं। अत: बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने से आपको कुछ मामलों में फायदा भी देखने को मिल सकता है। कहीं से आपको अप्रत्याशित धन लाभ होने के योग बन सकते हैं। हालांकि, इस समय अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें क्योंकि बृहस्पति की अस्त अवस्था के चलते कमर से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
उपाय: मंदिर में आलू का दान करना शुभ रहेगा।
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कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी हैं जो अब सप्तम भाव में ही अस्त हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में आपको अपने दैनिक कार्यों को गंभीरता से करने की आवश्यकता होगी। बृहस्पति मीन राशि में अस्त की अवधि के दौरान जीवनसाथी या जीवनसंगिनी के स्वास्थ्य में कुछ कमी देखने को मिल सकती है। घर-गृहस्थी को लेकर कुछ चिंताएं भी पैदा हो सकती हैं। हालांकि, पिछले समय से जो बाधाएं चल रही थी, उनके दूर होने के भी योग बनेंगे।
उपाय: प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी होकर छठे भाव में ही अस्त हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में आपको मिले जुले परिणाम मिल सकते हैं। इस अवधि में आपको अति आत्मविश्वासी होने से बचना होगा। हालांकि, बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने के कारण आपके विरोधी काफ़ी हद तक शांत रह सकते हैं और साथ ही, स्वास्थ्य संबंधी मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है।
उपाय: इन जातकों के लिए मंदिर के बुजुर्ग पुजारी को कपड़े दान करना लाभदायक साबित होगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में धन भाव तथा पंचम भाव के स्वामी हैं और अब यह पंचम भाव में ही अस्त हो रहे हैं। बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने से विद्यार्थियों को कुछ कमज़ोर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। साथ ही,पेट से संबंधित कुछ परेशानियां भी इस अवधि में आपको परेशान कर सकती हैं। परिजनों के साथ संबंधों में कमज़ोरी न आने पाए इस बात का ख्याल रखना होगा। इस दौरान अपनी जमा पूंजी को व्यर्थ के कामों में खर्च करने से भी बचना होगा।
उपाय: नियमित रूप से साधु-संतों की सेवा करें क्योंकि ऐसा करने से शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी।
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धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बृहस्पति आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ चतुर्थ भाव के भी स्वामी हैं और अब यह चतुर्थ भाव में ही अस्त हो रहे हैं। अतः आपको कुछ कमज़ोर परिणाम मिल सकते हैं। साथ ही, इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। मन में कुछ हद तक अशांति के भाव रह सकते हैं। बृहस्पति मीन राशि में अस्त के दौरान भूमि, भवन या वाहन से संबंधित कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना हो, तो जितना हो सके उसे टालने की कोशिश करें या फिर अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करके और किसी एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद ही उस पर अमल करना फायदेमंद रहेगा।
उपाय: इन जातकों के लिए बड़े बुजुर्गों की सेवा करना फलदायी रहेगा।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में बारहवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ तीसरे भाव के स्वामी भी हैं जो अब तीसरे भाव में ही अस्त हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, भाई, बंधु और पड़ोसियों के साथ कुछ मतभेद होने की आशंका है। ऐसे में, आपके लिए बेहतर होगा कि गलतफ़हमियों को स्पष्ट तरीके से सुलझाने की कोशिश करें। हालांकि, बृहस्पति मीन राशि में अस्त के दौरान व्यर्थ के खर्चे कम होंगे लेकिन आत्मविश्वास में कुछ कमी देखने को मिल सकती है।
उपाय: प्रतिदिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करें।
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कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बृहस्पति आपके लाभ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ धन भाव के भी स्वामी हैं जो कि धन भाव में ही अस्त हो रहे हैं। इसके फलस्वरूप, यह अवधि आपको आर्थिक मामलों में कमज़ोर परिणाम दे सकती है और घर-परिवार के लोगों के साथ भी संबंध उतार-चढ़ाव भरे रह सकते हैं। आपके लिए बेहतर होगा कि बृहस्पति मीन राशि में अस्त के दौरान कम बोले और अच्छा बोले। व्यर्थ के वाद-विवाद तथा खर्चों से बचने की कोशिश करें।
उपाय: अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंद बुजुर्गों को कपड़े दान करें।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए बृहस्पति आपकी कुंडली में कर्म भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपकी राशि के स्वामी भी हैं। अब यह आपकी राशि में ही अस्त हो रहे हैं। इस अवधि में आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। संभव है कि इस दौरान आपके निर्णय लेने की क्षमता कुछ हद तक कमज़ोर रह सकती है और ऐसे में, अच्छे से सोच-विचार करने के बाद ही महत्वपूर्ण निर्णय लें। आप चाहे तो किसी एक्सपर्ट से भी सलाह ले सकते हैं। बृहस्पति मीन राशि में अस्त के दौरान कार्यक्षेत्र के मामलों में भी कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं और इसके परिणामस्वरूप, आपको वरिष्ठों के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने की जरूरत होगी।
उपाय: नियमित रूप से गाय को देसी घी की रोटी खिलाएं।
उम्मीद है कि बृहस्पति मीन राशि में अस्त होने के परिणामों को जानने के बाद, आप उसके अनुसार बेहतरीन योजना बना सकेंगे और अपने जीवन में उपलब्धियों का संतुलन बनाए रखेंगे। भगवती आप सबका कल्याण करें।
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