बृहस्पति का मेष राशि में गोचर: जानें आपके जीवन पर इसका प्रभाव!

बृहस्पति का मेष राशि में गोचर: हम जानते हैं कि ग्रहों के गोचर का ज्योतिष शास्त्र और हमारे जीवन में कितना अधिक महत्व है। जब भी कोई ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करता है तो इसका सीधा और निश्चित प्रभाव हमारी ज़िंदगी के किसी न किसी क्षेत्र पर पड़ता ही है। बृहस्पति के गोचर से जातकों को जीवन में कामयाबी हासिल होती है और इसके शुभ प्रभाव से आपको जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में भाग्य का भरपूर साथ प्राप्त होता है। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार बृहस्पति को देवों का गुरु माना जाता है और यह नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है। नवग्रहों में बृहस्पति को मुख्य स्थान प्राप्त है और यह बेहद शुभ और लाभकारी ग्रह हैं। इनके आशीर्वाद से आपको सकारात्मकता, भाग्य का भरपूर साथ, आशावाद और तरक्की मिलती है। ऋग्वेद के अनुसार बृहस्पति को अंगिरस ऋषि का पुत्र माना जाता है।

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बृहस्पति का मेष राशि में गोचर सभी 12 राशियों के जीवन में कई प्रमुख और सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा क्योंकि देव गुरु बृहस्पति हमेशा ही जातकों को बेहद शुभ परिणाम प्रदान करते हैं। इस ख़ास ब्लॉग में हम राशि अनुसार बृहस्पति गोचर के प्रभाव और कुछ सरल उपायों के बारे में भी जानेंगे जिसकी मदद से आप गोचर के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सक्षम हो सकते हैं। इतना ही नहीं, हम आपको यह भी बताएंगे कि बृहस्पति के बली और पीड़ित होने के क्या प्रभाव होते हैं।

बृहस्पति का मेष राशि में गोचर: तिथि और समय  

22 अप्रैल, 2023 की सुबह 3 बजकर 33 मिनट पर धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति मेष राशि में गोचर करेंगे और इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ना निश्चित है। आइए अब इस गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं।

बृहस्पति का मेष राशि में गोचर: प्रभाव

मेष राशि के जातकों की कुंडली के नौवें और बारहवें भाव पर बृहस्पति का शासन है और मेष राशि से इनके अच्छे संबंध हैं। इस गोचर के दौरान बृहस्पति आपकी कुंडली के लग्न भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप आपके जीवन में कई अहम बदलाव होंगे। हालांकि, मेष राशि के जातकों को स्वास्थ्य के संबंध में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि बृहस्पति और राहु की युति से गुरु-चांडाल दोष का निर्माण होगा। जातकों को मई से लेकर अगस्त के बीच सेहत में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको सतर्क रहना चाहिए।

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मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति, राहु और सूर्य की युति के परिणामस्वरूप काम में रुकावट आने के संकेत मिल रहे हैं। इस अवधि में आपको तनाव, स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत और आलोचना का सामना करना पड़ सकता है इसलिए, इस दौरान आपको सावधानी से आगे बढ़ना होगा। हालांकि, सकारात्मक पक्ष के बारे में बात करें तो आपको प्रेम, करियर, शादीशुदा जीवन समेत जीवन के सभी क्षेत्रों में भाग्य का भरपूर साथ प्राप्त होगा।

बृहस्पति का ज्योतिषीय महत्व 

बृहस्पति को ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ और शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। रोमन पौराणिक कथाओं में भी हमें बृहस्पति का जिक्र मिलता है, जहां उन्हें देवताओं का राजा माना जाता है। आपको बता दें कि हमारे जीवन में आध्यात्मिकता और हर प्रकार की दार्शनिक प्रवृत्ति पर सीधा-सीधा प्रभाव देव गुरु बृहस्पति का ही होता है। दूसरे पहलुओं के बारे में बात करें तो, बृहस्पति हमारे जीवन में विकास और विस्तार के कारक हैं और यही कारण है कि हमारी शिक्षा और सीखने की क्षमता पर इनका प्रभाव रहता है। 

अगर बृहस्पति के गोचर की बात करें तो, यह लगभग 1 साल में अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सौरमंडल में सूर्य, चंद्रमा और मंगल बृहस्पति के मित्र माने जाते हैं और बुध, शुक्र और राहु से इनकी शत्रुता है। वहीं शनि और केतु इनके प्रति तटस्थ ग्रह माने जाते हैं।

रत्न शास्त्र के अनुसार बृहस्पति का प्रिय रत्न पुखराज है। अब इनके स्वामित्व पर चर्चा करें तो पुनर्वास, पूर्वाभाद्रपद और विशाखा नक्षत्र पर गुरु का शासन है। आपके जीवन पर बुध का प्रभाव इस बात पर निर्भर है कि वह कौन से भाव में मौजूद हैं। हालांकि बृहस्पति ज्यादातर जातकों को शुभ परिणाम ही देते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से आपकी कुंडली पर निर्भर करते हैं। आइए अब इसके नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

कुंडली में मज़बूत बृहस्पति के सकारात्मक प्रभाव

देव गुरु बृहस्पति प्रवृत्ति से पुरुष हैं और जातकों के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लेकर आते हैं। इनके आशीर्वाद से आपको प्रोफेशनल और पर्सनल, दोनों ही में कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। आइए इनके सकारात्मक प्रभावों के बारे में जानते हैं।

  • बृहस्पति के आशीर्वाद से आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनता है और अक्सर इनका पेट निकला हुआ होता है। इसके अलावा शरीर में लीवर, खून के संचार को नियंत्रित करता है।
  • गुरु के आशीर्वाद से जातक बुद्धिमान और आध्यात्मिक बनते हैं। साथ ही आपके अंदर मानवता का भाव जागृत होता है।
  • बली बृहस्पति के प्रभाव से आपके जीवन में आध्यात्मिक गतिविधियां बढ़ती हैं। आपकी दिनचर्या बेहतर होती है और आपकी एकाग्रता क्षमता मज़बूत होती है।
  • फाइनेंस, कानून, बैंकिंग, शिक्षा, राजनीति और काउंसलिंग से जुड़े क्षेत्रों पर बृहस्पति का शासन होता है। 
  • बृहस्पति के शुभ प्रभाव से आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए अधिक साहसी बनते हैं और सैद्धांतिक तौर से अपने जीवन में आगे बढ़ने में सफल होते हैं।

कमज़ोर बृहस्पति के प्रभाव

हम सभी जानते हैं कि प्रत्येक ग्रह हमारे जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव डालते हैं। लेकिन जब बात बृहस्पति की आती है तो इनके अशुभ प्रभाव हमारे जीवन में कई परेशानियां पैदा कर सकते हैं। आइए, अब विस्तार से इसके बारे में जान लेते हैं। हालांकि, आगे हम कुछ सरल उपायों के बारे में भी बात करेंगे।

  • कमज़ोर बृहस्पति के असर से जातक ज्यादा खर्चीले स्वभाव के बनते हैं और यह जरूरत से ज्यादा आशावादी और लापरवाह किस्म के होते हैं।
  • पीड़ित बृहस्पति के प्रभाव से जातक अधिक उदारवादी बनते हैं और इस कारण से यह कई बार कर्ज और विवादों के चक्कर में फंसते हैं।
  • बृहस्पति के नकारात्मक प्रभाव से जातकों की फिजूलखर्ची बढ़ने और जुए जैसी आदत लगने की संभावना भी बढ़ जाती है। 
  • आपकी कुंडली में गुरु के कमज़ोर होने से आपके जीवन में धन, समृद्धि और मान-सम्मान में कमी आती है।
  • इसके परिणामस्वरूप जातक गलत निर्णय लेने लगते हैं, चीजों की गलत व्याख्या करते हैं और इसे बदनामी की आशंका भी बढ़ती है।
  • पीड़ित बृहस्पति के प्रभाव से आपको सांस की दिक्कत, एनीमिया, बवासीर, पेट से संबंधित बीमारी और अपच जैसे शारीरिक कष्ट भी होने का खतरा बना रहता है।
  • बृहस्पति के दुष्प्रभाव से आप मोटापे से परेशान रह सकते हैं और आप काफी सुस्त भी हो सकते हैं।

बृहस्पति का आशीर्वाद पाने के लिए करें यह आसान उपाय

  • गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह को समर्पित है तथा इस दिन सुबह जल्दी उठें और ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ मंत्र का जाप करें। इसके जाप से आपके जीवन में सुख-शांति बढ़ेगी।
  • बृहस्पतिवार को नहाते वक्त पानी में एक चुटकी हल्दी मिला लें और फिर स्नान करें। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
  • बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद पाने के लिए गाय को आटे की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी मिलाकर खिलाएं।
  • आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए जरूरतमंद लोगों को केले और पीले रंग के वस्त्र दान करें। 
  • देव गुरु बृहस्पति के आशीर्वाद के लिए आप पुखराज भी धारण कर सकते हैं। हालांकि, इसे पहनने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।
  • कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मज़बूत बनाने के लिए आप पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं।
  • गुरुवार का व्रत करें और इस दिन पुखराज, हल्दी, पीले चावल, माणिक्य, पीले रंग की मिठाई और पीले फूल का दान करें।

बृहस्पति का मेष राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष

देव गुरु बृहस्पति आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। आपकी ही मेष राशि में गुरु गोचर होने से आपके…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ

देव गुरु बृहस्पति आपकी राशि के लिए आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। यह गुरु गोचर 2023…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन

बृहस्पति आपकी राशि के जातकों के लिए सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति महाराज आपकी…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क

देव गुरु बृहस्पति आपके नवम भाव और छठे भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि से दशम भाव में देव गुरु बृहस्पति का यह…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह

देव गुरु बृहस्पति आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। 22 अप्रैल को देव गुरु का गोचर सिंह राशि से नौवें…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या

देव गुरु बृहस्पति का गोचर कन्या राशि से अष्टम भाव में होगा। देव गुरु बृहस्पति आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं…(विस्तार से पढ़ें)

तुला

देव गुरु बृहस्पति आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। तुला राशि से सप्तम भाव में गुरु का गोचर होने वाला है…(विस्तार से पढ़ें)

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वृश्चिक

वृश्चिक राशि वालों के लिए बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से छठे भाव में होगा। वह आपके दूसरे और पांचवें भाव…(विस्तार से पढ़ें)

धनु

बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होगा। गुरु ही धनु राशि के स्वामी ग्रह हैं। पंचम भाव में हो रहा देव…(विस्तार से पढ़ें)

मकर

गुरु गोचर – मकर राशि भविष्यवाणी मकर राशि के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी ग्रह हैं और…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी ग्रह हैं। बृहस्पति का यह गोचर आपकी राशि से…(विस्तार से पढ़ें)

मीन

देव गुरु बृहस्पति मीन राशि के स्वामी हैं। यह आपके दशम भाव के स्वामी ग्रह भी हैं और बृहस्पति का यह गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

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