हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में एक बार अमावस्या तिथि आती है। अमावस्या का महत्व दिन विशेष के हिसाब से और भी बढ़ जाता है, जैसे सोमवार को अगर अमावस्या पड़े, तो सोमवती अमावस्या, शनिवार को होने पर शनिश्चरी अमावस्या, वैसे ही अगर अमावस्या मंगलवार को पड़ रही हो, तो उसे भौमवती अमावस्या या भौम अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितरों की पूजा की जाती है, ताकि उनको शांति मिल सके। 26 नवंबर, 2019 को भौमवती अमावस्या है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन कुछ कार्य ऐसे होते हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आज इस लेख में आपको बताएँगे कि वे कौन से कार्य हैं, जिन्हें आप भौमवती अमावस्या पर कर अपनी हर इच्छा पूरी कर सकते हैं।
पितरों की ज़रूर करें पूजा
भौमवती अमावस्या या मंगलवारी अमावस्या के दिन पितरों की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं, और व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है। इस दिन पितरों को पिंड दान और तर्पण करने का भी विधान है। साथ ही भौमवती अमावस्या के दिन स्नान, दान आदि का भी बहुत महत्व होता है। इस दिन शाम के समय पितरों के नाम से खीर बनानी चाहिए, और उसे पीपल के वृक्ष के नीचे रख देना चाहिए।
इनकी भी पूजा करने से होगा लाभ
- भौमवती अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ता है, इसलिए आपको हनुमान जी की भी पूजा-अर्चना कर उनको प्रसन्न कर सकते हैं। इस दिन व्रत और उपवास करने से व्यक्ति को सुख-संपन्नता का आशीर्वाद मिलता है।
- भौमवती अमावस्या के दिन बजरंगबली के साथ-साथ आप मंगल ग्रह की शांति के लिए मंगल देव की भी पूजा कर सकते हैं।
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देव ऋषी व्यास के अनुसार इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय में यदि कोई व्यक्ति स्नान-ध्यान करे, तो उसे गौ दान के समान पुण्य फल प्राप्त होता है ।
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इसके अलावा भौमवती अमावस्या के दिन पीपल की परिक्रमा कर, पीपल के पेड़ और श्री विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
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अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को खिलाने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है, और जीवन से अस्थिरताएं दूर होती है।
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