हिन्दू धर्म में केले के पत्ते को अत्यंत शुभ माना जाता है। किसी भी ख़ास प्रयोजन और पूजा पाठ के दौरान केले के पत्ते का प्रयोग जरूर किया जाता है। हिन्दू धर्म में आज भी धार्मिक उत्सव या समारोहों में केले के पत्ते पर ही भोजन करवाया जाता है। हालाँकि उत्तर भारत में धीरे-धीरे केले के पत्ते पर खाना खाने की प्रथा का अंत हो रहा है लेकिन दक्षिण भारत में आज भी अमूमन लोग केले के पत्ते पर ही खाना खाते हैं। आज हम आपको केले के पत्ते पर खाना खाने के विशेष लाभ और इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं केले के पत्तों पर खाना खाने से आपको क्या लाभ मिल सकते हैं।
इसलिए शुभ माना जाता है केले के पत्ते को
हिन्दू धर्म में केले के पेड़ को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। भारतीय संस्कृति में बहुत सी परंपराओं का पालन किया जाता है जिनमें से केले के पत्ते पर खाना खाने की एक अनूठी परंपरा है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के पत्ते को भगवान् श्री विष्णु से जोड़कर देखा जाता है। इसलिए किसी भी शुभ कार्य के समय केले के पत्ते का उपयोग जरूर किया जाता है। ना केवल खाना खाने के लिए बल्कि साजवट और अन्य कामों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। केले के पत्ते का प्रयोग मुख्य रूप से उत्तर भारत में सत्यनारायण पूजा के दौरान किया जाता है ।
केले के पत्ते पर खाना खाने से आपको ये लाभ मिल सकते हैं
- ऐसा माना जाता है कि केले के पत्ते में बहुत से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं और जब इस पत्ते पर खाना खाया जाता है तो सभी पौष्टिक तत्व खाने में मिलकर हमारे शरीर में पहुँचते हैं जिससे हमें काफी लाभ मिलता है।
- रोजाना केले के पत्ते पर खाना खाने से बालों से जुड़ी समस्याएं नहीं होती और साथ में शरीर में फोड़े फुंसी आदि भी नहीं निकलते।
- केले के पत्ते पर खाना खाने से अपच, गैस और कब्ज आदि जैसी समस्याएं भी नहीं होती।
- वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार केले के पत्ते में हमारे शरीर के लिए आवश्यक बहुत से एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसलिए इन पत्तों पर खाना खाने से वो जरूरी एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर में पहुँचते हैं जो हमें बहुत से रोगों से बचाने का काम करते हैं
- केले के पत्ते पर खाया जाने वाला खाना और ज्यादा स्वादिष्ट बन जाता है क्योंकि इन पत्तों पर गर्म खाना परोसने से एक ऐसे तत्व का स्त्राव होता है जो खाने को और भी स्वादिष्ट बना देता है।
केले के पत्ते पर खाने खाने के धार्मिक मान्यताओं के साथ ही कुछ ऐसे वैज्ञानिक कारण भी हैं जो आपको भोजन करने के लिए इन पत्तों का उपयोग करने पर मजबूर कर देंगें।