एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बैसाखी 2024 के बारे में बताएंगे और साथ ही इस बारे में भी चर्चा करेंगे कि इस दिन राशि के अनुसार किस प्रकार के उपाय करने चाहिए ताकि आप इन उपायों को अपनाकर ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त कर सके। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि विस्तार से बैसाखी के पर्व के बारे में।
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बैसाखी का त्योहार हर साल बहुत धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस पर्व को लोग वैशाख माह में फसल की कटाई के बाद मनाते हैं। सिख धर्म के लोग बैसाखी को नव वर्ष के रूप में मनाते हैं। बैसाखी को खुशहाली और समृद्धि का पर्व माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इसे मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व को लेकर कई मान्यताएं और परंपराएं हैं। सिख समुदाय के लोग इस दिन को नव वर्ष के रूप में मनाते हैं। ये पर्व खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में धूमधाम से मनाया जाता है। ख़ास बात यह है कि बैसाखी पर्व के दिन बेहद शुभ योग का निर्माण हो रहा है और इस योग की वजह से इस त्योहार का महत्व और अधिक बढ़ गया है। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस साल बैसाखी का त्योहार कब मनाया जाएगा और इसका महत्व व तिथि।
बैसाखी 2024: तिथि व समय
इस साल बैसाखी का त्योहार 13 अप्रैल 2024 रविवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग को 27 योगों में सबसे शुभ योग माना जाता है। सौभाग्य योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से आय, सुख, और धन में वृद्धि होती है। इस योग में सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
बैसाखी संक्रांति क्षण: 13 अप्रैल की रात 09 बजकर 15 बजे
मेष संक्रांति: शनिवार, 13 अप्रैल 2024
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बैसाखी पर्व का महत्व
बैसाखी का त्योहार मुख्य रूप से सिख धर्म के लोग मनाते हैं। यह त्योहार खालसा के गठन का प्रतीक है। गुरु गोविंद सिंह ने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा की स्थापना की थी। इस दिन गुरु गोबिंद सिंह ने सभी जातियों के बीच के भेदभाव को समाप्त कर दिया था और हर एक मनुष्यों को समान घोषित किया था। द्रिक पंचांग के अनुसार, शाश्वत मार्गदर्शक और सिख धर्म की पवित्र पुस्तक घोषित किया गया। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि बैसाखी के त्योहार को सिख नव वर्ष के रूप में भी मनाया जाता है। वैशाख महीने तक रबी की फसलें पक जाती हैं और उनकी कटाई शुरू हो जाती है। ऐसे में इस दिन फसल को काटकर घर आ जाने की खुशी में लोग भगवान को धन्यवाद देते हैं और अनाज की पूजा करते हैं। शाम को लोग इकठ्ठा होकर गिद्दा और भांगड़ा करते हैं। इस त्योहार को मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदुओं द्वारा मनाई जाती है। पश्चिम बंगाल में, इसे नबा बर्शा या बंगाली नव वर्ष के नाम से जाना जाता है।
कैसे मनाते हैं बैसाखी का पर्व
- बैसाखी के दिन सूर्योदय से पहले उठे और सभी कार्यों से निवृत्ति होकर स्नान करें और रंग बिरंगे कपड़े पहनकर पूजा करें।
- गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्थान को जल और दूध से शुद्ध किया जाता है।
- उसके बाद पवित्र किताब को ताज के साथ उसके स्थान पर रखा जाता है।
- इस दिन गुरुद्वारों में भक्तों के बीच “कड़ा प्रसाद” नामक एक विशेष मिठाई वितरित की जाती है।
- साथ ही, ‘लंगर’ का आयोजन किया जाता है, जहां अमीर या गरीब सभी वर्गों के लोगों को भक्तों द्वारा सामूहिक रूप से तैयार भोजन मुफ्त में दिया जाता है।
- चमकीले रंग के कपड़े पहने युवा पुरुष और महिलाएं ‘भांगड़ा’ और ‘गिद्दा’ जैसे पारंपरिक नृत्य करते हैं।
- सिख समुदाय विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार करता है जैसे मक्की दी रोटी, सरसों का साग, पनीर टिक्का, आलू की सब्जी, पूरी, सब्जी पकोड़े और बहुत कुछ इस अवसर के उत्सव में शामिल करने के लिए।
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बैसाखी का किसानों से कनेक्शन
बैसाखी का त्योहार मुख्य रूप से किसानों को समर्पित होता है। इस पवित्र दिन किसान अपने पूरे साल में हुई फसल के लिए ईश्वर का आभार व्यक्त करते हैं और अपनी फसलों की विधि-विधान से पूजा करते है और उससे निकले पहले अन्न के दाने को भगवान के सामने अर्पित करते हैं। इस दिन कई लोग पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर बैसाखी मनाते हैं। कुछ किसान इस दिन जरूरतमंद व गरीबों को फसल का थोड़ा सा हिस्सा दान में देते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सेवा और दान करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और दरिद्रता व नकारात्मकता दूर होती है।
बैसाखी में इन चीज़ों का करें दान
- बैसाखी के दिन दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन तन और मन से दान करने को कहा जाता है। इस दिन तरबूजा, खरबूजा, पंखा, घड़ा, पानी, शरबत आदि चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, गुड़, चीनी, आम पन्ना, कच्चे आम का भी दान करना फलदायी होता है।
- बिहार में इस दिन को सत्तुआन नाम से जाना जाता है। ऐसे में, इस दिन सत्तू खाने की प्रथा है। इसके अगले दिन जुड़ शीतल मनाया जाता है इसलिए बैसाखी के दिन सत्तू का दान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। बैसाखी के दिन जौ का दान स्वर्ण दान के बराबर होता है। इस दिन सत्तू और जौ का दान करने से व्यक्ति स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा पा लेता है।
- सनातन धर्म में बैसाखी के दिन को मेष संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप, तप और दान का विधान है। मेष संक्रांति पर गेंहू, मसूर की दाल, चावल, गुड़ समेत लाल रंग युक्त चीजों (लाल रंग के कपड़े, लाल मिठाई) आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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बैसाखी के दिन राशि अनुसार करें उपाय
बैसाखी के दिन राशि अनुसार कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
मेष राशि
इस राशि के जातकों को बैसाखी के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए या फिर बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। ऐसा करना आपके लिए शुभ साबित होगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातक बैसाखी के दिन सूर्योदय के समय 108 बार ‘ऊँ महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का पाठ करें। ऐसा करने से आपको आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को बैसाखी के दिन भगवान शिव और हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए।
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कर्क राशि
इस राशि के जातकों को बैसाखी के दिन भगवान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए और गरीबों व जरूरतमंदों को गुड़ और चना का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको कार्यक्षेत्र में प्रगति हासिल होगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को बैसाखी के दिन आदित्य हृदयम का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
कन्या राशि
इस राशि के जातकों को मां दुर्गा और भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। साथ ही, गणेश जी को दूर्वा और लड्डू चढ़ाएं। ऐसा करने से धन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों को इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। आटे का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को इस दिन हनुमान मंदिर जाकर सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
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धनु राशि
इस राशि वालों को इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। मंत्र- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’। ऐसा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को हर शनिवार को ‘ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनैश्चराय नमः का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आपको हर समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
कुंभ राशि
इस राशि वाले जातकों को बैसाखी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को गेहूं, आटे और चावल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आ रही चुनौतियों का सामना करने में आप सक्षम होंगे।
मीन राशि
मीन राशि वाले जातकों को इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाना चाहिए और भगवान को मिठाई, गुड़, गेहूं का दान करना चाहिए। ऐसा करने से, भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है।
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