कहते हैं कि मां बनने का सुख इस दुनिया में सबसे ऊपर होता है। किसी भी दंपत्ति के लिए अपनी संतान को जन्म देना सबसे बड़ी खुशी होती है लेकिन कई बार परिस्थितियां कुछ ऐसी उत्पन्न हो जाती हैं कि संतान प्राप्ति में देरी या अड़चनों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में कुछ ग्रहों और योग के कारण किसी जातक को संतान प्राप्ति में बाधा का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा पति-पत्नी दोनों की जन्मकुंडली का विश्लेषण करने के बाद भी यह पता लगाया जा सकता है कि उन्हें संतान सुख कब प्राप्त होगा और किस वजह से उन्हें यह सुख नहीं मिल पा रहा है या इसमें देरी आ रही है।
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आज इस ब्लॉग के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन ग्रहों की वजह से संतान प्राप्ति में देरी या बाधाएं आती हैं। साथ ही जानें किन ज्योतिषीय उपायों की सहायता से आप संतान का सुख पा सकते हैं।
शनि की भूमिका
शनि का संबंध देरी, अड़चनों और सीमा से होता है। ज्योतिष में कुंडली का पांचवां भाव संतान को दर्शाता है। जब शनि पांचवे भाव में बैठा हो, तो यह संतान प्राप्ति में देरी की ओर संकेत करता है। शनि के प्रभाव में जातक को धैर्य और दृढ़ता रखने की ज़रूरत होती है।
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पुराने जीवन के कर्म
कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि पिछले जन्म के कर्मों का भी हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर असर पड़ता है जिसमें संतान सुख में देरी आना भी शामिल है। ऐसा माना जाता है कि हमारे पूर्व जन्म के कुछ कार्य या निर्णय हमारे वर्तमान के जन्म में कुछ परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं और हमारे कार्यों में देरी या चुनौतियां पैदा करते हैं।
कई बार पितृ दोष के कारण भी संतान सुख पाने में देरी होती है। ज्योतिषी आपकी कुंडली का विश्लेषण करने के बाद यह बता सकते हैं कि आपको किस वजह से गर्भधारण करने में समस्या या देरी आ रही है।
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बृहस्पति का प्रभाव
बृहस्पति को विस्तार और शांति का प्रतीक माना गया है और संतान के मामले में बृहस्पति अहम भूमिका निभाते हैं। कुंडली में बृहस्पति संतान का प्रमुख कारक होता है। अगर पति-पत्नी दोनों की कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थान में बैठा हो, तो कंसीव करने और स्वस्थ प्रसव की संभावना अधिक होती है।
वहीं, अगर कुंडली में गुरु कमज़ोर हो या पीड़ित हो, तो इसकी वजह से संतान प्राप्त करने में देरी आ सकती है। बृहस्पति पर अन्य ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव या अशुभ दृष्टि के कारण भी संतान पाने में देरी आ सकती है।
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पंचम भाव में अशुभ ग्रह
ज्योतिष में पांचवां भाव संतान और इससे संबंधित होता है। अगर इस भाव में अशुभ ग्रह जैसे कि शनि, मंगल, राहु या केतु हो, तो महिला को गर्भधारण करने में समस्या आती है और संतान प्राप्ति के मार्ग में अड़चनों का सामना करना पड़ता है।
नाड़ी दोष
कुंडली में नाड़ी दोष होने पर भी संतान प्राप्ति में देरी आ सकती है।। नाड़ी दोष की वजह से गर्भधारण करने में अड़चनें और देरी आने की संभावना रहती है। ज्योतिष के अनुसार यदि पति-पत्नी की कुंडली में नाड़ी दोष हो, तो इस स्थिति में संतान का सुख पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। ज्योतिषी तो नाड़ी दोष होने पर लड़का-लड़की का विवाह न करने की सलाह देते हैं।
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संतान प्राप्ति के लिए करें राशि अनुसार उपाय
अगर आपको संतान प्राप्ति में बाधाओं और देरी का सामना करना पड़ रहा है, तो आप अपनी लग्न राशि के अनुसार निम्न उपाय कर सकते हैं:
मेष राशि
इस लग्न के लोग भगवान कृष्ण की पूजा करें। आप जरूरतमंद और गरीब लोगों को लाल दाल का दान करें। इससे आपके लिए संतान प्राप्ति के मार्ग प्रशस्त होते हैं।
वृषभ राशि
वृषभ लग्न वाले जातक भगवान विष्णु की उपासना करें और संतान प्राप्ति में आ रही देरी को दूर करने के लिए गेहूं का दान करें। इससे प्रजनन क्षमता में सुधार होता है और सभी अड़चनें दूर होती हैं।
मिथुन राशि
मिथुन लग्न वाले लोगों को भगवान गणेश की पूजा करने के लिए कहा जाता है। आप चावल का दान करें। इस उपाय को करने से आपके गर्भधारण में आ रही सभी रुकावटें दूर होंगी और आपको संतान सुख मिलेगा।
कर्क राशि
कर्क लग्न वाले लोगों को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। आपको दूध का दान करने से भी लाभ होगा। जो जातक ये दो उपाय करते हैं, उनकी प्रजनन क्षमता में सुधार आता है और संतान सुख मिलता है।
सिंह राशि
आप रोज भगवान सूर्य की उपासना करें और मिठाई का दान करें। इन उपायों की मदद से संतान सुख के मार्ग में आ रही सभी बाधाएं दूर होंगी।
कन्या राशि
यदि आपका कन्या लग्न है और आपको संतान प्राप्ति में बाधाओं और अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है, तो आप मां लक्ष्मी की उपासना करें और तिल के बीजों का दान करें। इससे आपकी प्रजनन क्षमता में इज़ाफा होगा।
तुला राशि
जिन तुला लग्न वाले जातकों को संतान प्राप्ति में देरी हो रही है, वे भगवान कृष्ण की पूजा करें और हरी सब्जियों का दान करें। इससे आपके मार्ग की सभी बाधाएं और अड़चनें दूर होंगी।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लग्न वाले जातकों को भगवान यम की पूजा करनी चाहिए। आपको काले तिल के बीजों का दान करने से लाभ होगा।
धनु राशि
अगर आपकी धनु राशि है और आपको संतान प्राप्ति में देरी या रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है, तो इन समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए आप भगवान राम की पूजा करें और गुड़ का दान करें।
मकर राशि
मकर लग्न वाले लोग कुबेर देवता की पूजा करें। इसके साथ ही आप तांबे के सिक्कों का भी दान करें। इससे आपको स्वस्थ संतान का आशीर्वाद मिलता है।
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कुंभ राशि
कुंभ राशि के लोगों को भगवान वरुण की पूजा और जल का दान करना चाहिए। इससे संतान प्राप्ति में आ रही देरी और अड़चनें दूर होती हैं।
मीन राशि
मीन लग्न के लोग भगवान विष्णु की उपासना करें और मछली का दान करें। इन उपायों की सहायता से आपकी प्रजनन क्षमता में इज़ाफा होगा।
FAQ
उत्तर. आप रोज गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ करें।
उत्तर. पुत्रदा एकादशी की पूजा एवं व्रत करना चाहिए।
उत्तर. शिवलिंग पर गेहूं एवं धतूरा चढ़ाने से संतान सुख प्राप्त होता है।
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