28 मार्च 2023 से गुरु ग्रह अस्त हो चुके हैं। इस दिन गुरु ग्रह 9 बजकर 20 मिनट पर अस्त हो गए हैं। इसके बाद अब 27 अप्रैल तक गुरु इसी अवस्था में रहने वाले हैं और 27 अप्रैल को सुबह 2 बजकर 27 मिनट पर गुरु दोबारा उदित हो जाएंगे।
ज्योतिष में क्योंकि गुरु को भाग्य, सफलता, धन, सुख, का कारक माना गया है और साथ ही यह सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ माने जाते हैं ऐसे में जब गुरु अस्त हो जाते हैं तब मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। इसके अलावा बृहस्पति का सबसे अधिक प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन और विवाह पर पड़ता है इसलिए जब गुरु अस्त होते हैं तब विवाह, सगाई, व्रत का उद्यापन, या घर खरीदने और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों को ना करने की सलाह दी जाती है।
ऐसे में आज अपने इस विशेष ब्लॉग में हम जानेंगे गुरु अस्त का क्या महत्व होता है और इस वर्ष गुरु दोबारा कब उदित होंगे और शुभ काम कब शुरू होंगे।
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गुरु अस्त: जानें इसका अर्थ और महत्व
कहते हैं जब भी गुरु ग्रह किसी राशि में अस्त होते हैं तब शुभ ग्रह बृहस्पति या गुरु की शक्तियां कमज़ोर पड़ जाती हैं और गुरु ग्रह के शुभ प्रभावों में कमी आने लगती है। यही वजह है कि इस दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। कहा जाता है यदि इस वक्त कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य किया जाए तो इससे व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती है और तमाम तरह की अड़चनें, रुकावटें और बाधाएँ जीवन में होने लगती हैं।
जातक की कुंडली में गुरु ग्रह का शुभ और मजबूत स्थिति में होना बेहद अनिवार्य होता है। ऐसे में यदि आप अपनी कुंडली के अनुसार गुरु ग्रह की स्थिति जानना चाहते हैं तो विद्वान ज्योतिषियों से अभी कॉल या चैट पर बात करके इसका जवाब जान सकते हैं। इसके अलावा यदि आपको पहले से पता है कि आपकी कुंडली में मौजूद गुरु ग्रह कमजोर अवस्था में है तो आपको गुरुवार के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ या फिर हरिवंश पुराण का पाठ करने की सलाह दी जाती है। इस बेहद ही सरल उपाय को करने से गुरु मजबूत होते हैं।
तो अब कब शुरू होंगे शुभ काम? जैसा कि हमने पहले भी बताया कि 28 मार्च 2023 से अस्त होकर गुरु इस अवस्था में 27 अप्रैल तक रहने वाले हैं और 27 अप्रैल को सुबह उदित हो जाएंगे। ऐसे में 27 अप्रैल से दोबारा शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे।
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गुरु अस्त का राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
गुरु को ज्योतिष में महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में अब जब गुरु अस्त होने जा रहे हैं तो स्वभाविक है कि इसका सभी 12 राशियों पर कुछ ना कुछ प्रभाव अवश्य पड़ेगा। तो आइए जान लेते हैं गुरु अस्त का सभी 12 राशियों पर प्रभाव और इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के कुछ सरल उपाय:
मेष राशि: इस दौरान आपके जीवन में तमाम रुकावटें आने की आशंका है। नौकरी तलाश कर रहे हैं जातकों को गुरु उदित होने के के बाद सफलता मिल सकती है। उपाय के तौर पर माता पिता और गुरुओं की सेवा करें।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों को इस अवधि में आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आप किसी कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं। उपाय के तौर पर गुरुवार के दिन बृहस्पति मंत्र का जप करें।
मिथुन राशि: गुरु अस्त के प्रभाव स्वरूप मिथुन राशि के जातकों के वैवाहिक जीवन में तनाव देखने को मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में भी कुछ परेशानी आने की आशंका है। उपाय के तौर पर भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम का जप करें।
कर्क राशि: गुरु अस्त की समय अवधि में आपको व्यापार में मेहनत करनी होगी। हालांकि इस दौरान आपके बनते बनते कार्य बिगड़ सकते हैं। उपाय के तौर पर गुरुवार के दिन व्रत रखें।
सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों पर अस्त गुरु का शुभ प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान आपके जीवन से समस्याएं दूर होंगी, शिक्षा और व्यापार के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। उपाय के तौर पर पीले वस्त्र धारण करें।
कन्या राशि: गुरु अस्त के प्रभाव स्वरूप आपके जीवन में भी शुभ परिणाम दिखेंगे। नौकरी पेशा जातकों को प्रमोशन मिलेगा और वैवाहिक जीवन में सुख बढ़ेगा। साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उपाय के तौर पर गायत्री एकाक्षरी बीज मंत्र का जप करें।
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तुला राशि: गुरु अस्त के प्रभाव स्वरूप भाई बहनों के साथ आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं। विवाह की योजना बना रहे हैं तो आपको 27 अप्रैल के बाद शुभ समाचार मिल सकते हैं। उपाय के तौर पर गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान करें।
वृश्चिक राशि: इस राशि के छात्र जातकों को इस अवधि में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आपका स्वास्थ्य भी आपको परेशान कर सकता है। उपाय के तौर पर पुखराज धारण करें। हालांकि कोई भी रत्न हमेशा ज्योतिषियों से परामर्श करके ही धारण करने की सलाह दी जाती है।
धनु राशि: गुरु अस्त के प्रभाव स्वरूप आपके आत्मविश्वास में कमी देखने को मिल सकती है। साथ ही आपकी सेहत भी आपको परेशान कर सकती है। ऐसे में 27 अप्रैल तक अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें। उपाय के तौर पर पीपल की जड़ धारण करें।
मकर राशि: गुरु अस्त के प्रभाव स्वरूप आपके वैवाहिक जीवन में खटास पड़ सकती है। साथ ही आपके खर्चे भी ज्यादा होने वाले हैं। उपाय के तौर पर 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
कुंभ राशि: गुरु अस्त के प्रभाव स्वरूप आपको आर्थिक परेशानियां उठानी पड़ सकती है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि यदि निवेश करने जा रहे हैं तो इस दौरान रुक जाएँ। उपाय के तौर पर गुरुवार के दिन 108 बार ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः मंत्र का जप करें।
मीन राशि: गुरु अस्त के प्रभाव स्वरूप आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। हालांकि कार्यक्षेत्र में आप का प्रदर्शन शानदार रहने वाला है और इसके चलते ही आपके प्रमोशन के योग बनेंगे। उपाय के तौर पर भगवान शिव और विष्णु की पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम का जप करें।
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गुरु अस्त के दौरान अवश्य करें यह उपाय
गुरु अस्त के दौरान यदि आप भी गुरु के शुभ प्रभाव अपने जीवन पर बनाए रखना चाहते हैं तो इस दौरान प्रतिदिन अपने माथे और नाभि पर केसर का तिलक लगाएं। इसके अलावा बृहस्पति देव को पीले रंग के पुष्प और भोग अर्पित करें। पीपल के पेड़ में जल दें और ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः मंत्र का रोजाना जप करें। इन उपायों को करने से आपको बृहस्पति के शुभ परिणाम परिणाम अपने जीवन में हासिल अवश्य होंगे।
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