राजस्थान के वर्तमान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को लेकर इन दिनों सियासत गरमाई हुई है। दरअसल खबर है कि अशोक गहलोत जल्द ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की जगह लेते हुए पार्टी के नए मुखिया के तौर पर चुने जा सकते हैं। इस निर्णय पर कांग्रेस पार्टी द्वारा फैसला करीब-करीब लिया जा चुका है, जिस पर केवल आधिकारिक घोषणा करना ही बाकी रह गया है।
गाँधी परिवार से बाहर का व्यक्ति फिर बनेगा कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष
खबर तो ये भी है कि अशोक गहलोत को इसके लिए पार्टी के आलाकमान से तैयार रहने की हिदायत मिल चुकी है। हालांकि इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है कि पार्टी अशोक गहलोत को अकेले कांग्रेस अध्यक्ष बनाएगी या दो-तीन और नेताओं को उनकी मदद के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा, लेकिन बावजूद इसके ये बात तो करीब-करीब तय ही बताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में कांग्रेस पार्टी को अपना नया अध्यक्ष मिलने की संभावना है, जो गांधी परिवार से बाहर का कोई शख्स होगा।
बीते बुधवार 19 जून को राहुल गाँधी के जन्मदिन पर गहलोत द्वारा उन्हें जन्मदिन की बधाई दी गई थी। जहाँ गहलोत ने देश व जनहित के लिए उनसे पार्टी प्रमुख बने रहने का आग्रह भी किया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुई हुए हैं। राहुल गाँधी द्वारा ये साफ़ कर दिया गया है कि जब तक पार्टी नया नेतृत्व नहीं चुनती है, तब तक नई शुरुआत मुमकिन नहीं है।
उनके द्वारा ये भी स्पष्ट किये जाने की बात कही जा रही है कि उन्होंने अपने बदले प्रियंका गांधी के नाम पर भी पार्टी को विचार करने से मना कर दिया है। दरअसल जिस प्रकार हर चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी व तमाम अन्य विरोधी दल वंशवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को लगातार कटघरे में खड़े करते रहे हैं, ऐसे में यही लग रहा है कि राहुल गांधी पार्टी की उस छवि को सबसे पहले सुधारने का काम करना चाहते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पार्टी आलाकमान राहुल गांधी के बदले कांग्रेस के किसी सीनियर नेता को अध्यक्ष बनाना चाहता है, जिससे विरोधी पार्टियाँ इस मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों नहीं लेंगी।
इस कारण गहलोत हैं लिस्ट में सबसे आगे
- अशोक गहलोत वरिष्ठ नेता रहे हैं जिन्हे संगठन चलाने का अच्छा अनुभव है। साल 2017 में गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के पीछे गहलोत को ही माना गया था। इसके बाद 2019 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस को उन्ही के चलते जीत हासिल हो सकी थी।
- पिछड़ी जाति से आने के चलते पार्टी की छवि को होगा फायदा। ऐसे में यदि कांग्रेस अपना खोया जनाधार वापस पाना चाहती हैं और पिछड़ी जाति के समुदाय से वोट पाना चाहती हैं तो गहलोत सबसे अच्छा विकल्प बन सकते हैं।
- अशोक गहलोत के सोनिया और राहुल गांधी से रिश्ते अच्छे हैं। इसके अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं से भी उनके समीकरण ठीक हैं।
सचिन पायलट को मिल सकती है राजस्थान की मुख्यमंत्री की कुर्सी
खबरों की माने तो अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान की कमान वर्तमान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को सौंपी जा सकती है। ग़ौरतलब है कि बीते कई दिनों से गहलोत और पायलट के बीच विवाद और तकरार की कई खबरें सुनने को मिली थी। ऐसे में पार्टी का ये मानना है कि गहलोत के अध्यक्ष बनने से यह समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाएगी।