अब भारतीय सेना का इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स (आईबीजी) पाकिस्तान और चीन से लगी भारतीय सीमा की सुरक्षा करेगा। सेना के इस घातक ग्रुप को युद्ध की स्थिति से निपटने, दुश्मन के ख़िलाफ़ त्वरित कार्यवाई और मजबूत जवाब देने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसे इसी साल अक्टूबर में सबसे पहले पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया जाएगा।
वेस्टर्न कमांड के तहत आईबीजी ने किया है अभ्यास
सेना के सूत्रों के मुताबिक, ‘वेस्टर्न कमांड के तहत इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स कॉन्सेप्ट का परीक्षण करने के लिए एक अभ्यास किया गया है। इसको लेकर फॉर्मेशन्स और शीर्ष कमांडरों की प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक रही है और यही कारण है कि इस साल अक्टूबर तक पाकिस्तान सीमा पर दो से तीन आईबीजी बनाना शुरू करने जा रहे हैं’। इसके बाद चीन की सीमा पर भी आईबीजी का विस्तार किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि अभ्यास और प्रतिक्रिया के बारे में सेना मुख्यालय में सेना के सात कमांडरों द्वारा पिछले सप्ताह युद्ध कक्ष में विस्तार से चर्चा की गई थी। कमांडर्स-इन-चीफ को आईबीजी को अपने अधिकार क्षेत्रों को विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है। पहले तीन आईबीजी में पश्चिमी कमान के अलग-अलग फॉर्मेशन के तत्व मौजूद होंगे।
आईबीजी का ये होगा स्वरूप
अभ्यास के तहत आईबीजी के दो दलों का परीक्षण किया है, जिनमें से एक अक्रामक दल है। इस दल का रोल सीमा पार भी ख़तरनाक आक्रमक ऑपरेशंस को अंजाम देना होगा। वहीं ग्रुप का दूसरा दल रक्षात्मक शैली पर आधारित है। इसे डिफेंसिव दल कहा गया है। यह दल दुश्मन के हमले से प्रभावित क्षेत्र को बचाएगा।
आईबीजी को आर्मी द्वारा गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है। यह पारंपरिक युद्ध से लड़ने के लिए भारतीय सेना की योजना को पूरी तरह से बदल देगा। बता दें कि, आईबीजी सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की पहल का हिस्सा है, जिसमें सेना को युद्ध की स्थिति में और अधिक प्रभावी व घातक बनाने की योजना है।