वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के गोचर और नक्षत्रों के प्रभाव के कारण मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का गोचर और उनकी विभिन्न राशियों में स्थिति ना केवल मानव अपितु समस्त जीव धारियों पर प्रभाव डालती है और विशेष रूप से हम पृथ्वी वासियों को प्रभावित करती है। यही वजह है कि इन ग्रहों की चाल के कारण प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ ना कुछ बदलाव आते हैं, जो उनकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थितियों के अनुसार शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के परिणाम प्रदान करते हैं।
यह केवल आम मनुष्य पर ही प्रभाव नहीं डालते अपितु पूरे देश और दुनिया पर भी प्रभाव डालने में सक्षम होते हैं इसलिए जब कभी कुछ ग्रहों का विशेष योग बनने वाला होता है तो उसका प्रभाव पूर्ण विश्व पर दिखाई देता है।
ऐसा ही कुछ अब मार्च के महीने में कुंभ राशि में होने वाला है, जब ग्रहों की चाल से कुंभ राशि में काफी हलचल मचाने वाली है और बुध ग्रह इसमें विशेष योगदान देने वाला है।
ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको मार्च के महीने में कुंभ राशि में होने वाली ग्रहों की विशेष हलचल के बारे में बताने जा रहे हैं जिस पर देश और दुनिया के विद्वान ज्योतिषियों की नजरें टिकी हुई हैं।
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क्या है कुंभ राशि में ग्रहों का विशेष संयोग?
मार्च का महीना कुंभ राशि को विशेष रूप से सक्रिय करने वाला है क्योंकि ग्रहों की बड़ी हलचल कुंभ राशि में इस महीने दिखाई देने वाली है। इस प्रकार वैसे तो पांच प्रकार के प्रभाव देखने को मिलेंगे लेकिन हम आप को उनके बारे में बारी-बारी से बता रहे हैं।
सर्वप्रथम 6 मार्च को प्रातः काल 11:10 पर बुध देव जी कुंभ राशि में गोचर करेंगे और यहां पर 24 मार्च की सुबह 10:44 तक रहकर इस राशि को प्रभावित करेंगे।
इसी कुंभ राशि में बुध ग्रह सूर्य के निकट आ जाने से 18 मार्च को शाम 4:06 बजे से अस्त अवस्था में आ जाएंगे।
शुक्र ग्रह जोकि बुध के परम मित्र भी हैं, अपने मित्र शनि की राशि कुंभ में मार्च के अंतिम दिन अर्थात 31 मार्च को प्रातः काल 8:28 बजे गोचर करेंगे।
इसके अतिरिक्त देव गुरु बृहस्पति पहले से ही कुंभ राशि में विराजमान हैं और पूरे मार्च कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे।
ग्रहों के राजा सूर्य देव 15 मार्च तक कुंभ राशि में ही अपना डेरा जमाए रखेंगे।
इस प्रकार देखा जाए तो पांच प्रकार की ग्रह स्थितियां विशेष रूप से कुंभ राशि में इस महीने में घटित होने जा रही हैं जिनका प्रभाव न केवल कुंभ राशि के लोगों पर अपितु देश और दुनिया पर पड़ने की अच्छी संभावना बन रही है। आइये इसके बारे में और विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।
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क्या होगा जब सूर्य, बुध और गुरु की युति कुंभ राशि में दिखाएगी अपना प्रभाव
सर्वप्रथम हमें यह समझना होगा कि सूर्य ग्रह को ज्योतिष के अनुसार आत्म अभिव्यक्ति, आत्मा, पिता, व्यक्तित्व, आदि का कारक माना जाता है और बुध ग्रह बुद्धि के साथ-साथ वाणी, तर्क क्षमता, विश्लेषण करने की क्षमता, गणना कौशल, सांख्यिकी, व्यवसाय और शिक्षा का कारक भी माना जाता है। वहीं देव गुरु बृहस्पति ज्ञान, धन, संतान, धार्मिक विश्वास, शिक्षा, कानून, आदि के प्रदाता ग्रह माने गए हैं। ऐसे में इन तीन ग्रहों की विशेष चाल कुंभ राशि को विशेष रूप से सक्रिय बनाएगी और जीवन को अनेक प्रकार से प्रभावित करेगी। आइए जानते हैं कि विभिन्न क्षेत्रों में इन ग्रहों का कैसा प्रभाव पढ़ने जा रहा है।
अर्थव्यवस्था: इस विशेष संयोग का देश दुनिया पर प्रभाव पड़ना तय है। यदि भारतवर्ष की बात करें तो स्वतंत्र भारत की कुंडली के दशम भाव में बृहस्पति, सूर्य और बुध की युति होने के कारण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलना तय है और उसी क्रम में कुछ बड़ी नीतियों पर कार्य होने की संभावना बनेगी। सरकार नीतियों पर विशेष जोर देगी जो अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान निभाएगी। इसका प्रचार-प्रसार भी व्यापक रूप से होगा और जनता को जागरूक करने की कोशिश की जाएगी। सूर्य के साथ में आने से संभव है कि बैंकिंग सेक्टर को लेकर कुछ बड़ी बातें सामने आएंगी जो अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। इसके साथ ही किसी विशेष क्षेत्र में आर्थिक पैकेज की बात भी चल सकती है। शिक्षा के ऊपर अच्छा खर्च होने की संभावना बन रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट के क्षेत्र में तथा जनता को घर दिलाने के संदर्भ में भी कुछ विशेष योजना आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
देश के साथ-साथ दुनिया की यदि बात करें तो यह स्थिति महत्वपूर्ण राष्ट्राध्यक्षों को कुछ विशेष शक्तियां प्रदान करेगी जिसकी वजह से वह कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले पाएंगे, जो अर्थव्यवस्था पर सीधा सीधा और व्यापक प्रभाव डालेंगे। कानून का भी विशेष रूप से प्रभाव पड़ेगा जो विभिन्न न्यायालयों द्वारा आर्डर पास किए जाने के कारण दिखाई देगा।
स्वास्थ्य व्यवस्था : शनिदेव के स्वामित्व वाली कुंभ राशि में सूर्य, गुरु और बुध की उपस्थिति से स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आने के स्पष्ट संकेत मिलेंगे और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। हालांकि महीने के अंत में जब शुक्र ग्रह का गोचर कुंभ राशि में होगा, तब कुछ समस्याएं सामने आ सकती हैं लेकिन वह ज्यादा गंभीर प्रकृति की नहीं होंगी और उनका निश्चित समाधान प्राप्त हो जाएगा।
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राजनीति : राजनीति के दृष्टिकोण से देखें तो निश्चित तौर पर यह समय केंद्र सरकार को मजबूती प्रदान करेगा। न्यायपालिका द्वारा भी कुछ महत्वपूर्ण आदेश पारित किए जाएंगे, जो राजनीतिक तौर पर काफी प्रभावी रहेंगे। सरकार की छवि मजबूत होगी और वे कुछ बड़े कार्यों में हाथ डालकर जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब हो सकते हैं। सरकार के प्रभाव में वृद्धि दिखाई देगी जो उसके सहयोगियों को भी अच्छी स्थिति प्रदान करेगी। ऐसी संभावना है कि विपक्ष के कुछ लोग सरकार में शामिल हो सकते हैं। सरकार स्वयं को मजबूती से आगे रखेगी और विदेशी पटल पर भी भारत की साख बढ़ाने में कामयाब रहेगी तथा इस समय भारत की भूमिका विश्व के अन्य देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी और वह कई महत्वपूर्ण मामलों में भारत का साथ प्राप्त करना चाहेंगे।
मौसम : वायु तत्व की राशि कुंभ में अग्नि प्रकृति के सूर्य देव का पहले से स्थित होना लेकिन उसके बाद बृहस्पति की स्थिति और बुध तथा शुक्र के प्रभाव से मौसम लगभग खुशनुमा रहने की संभावना है और उत्तर भारत के लोगों को ठंड से मुक्ति मिलेगी तथा मौसम में गर्माहट बढ़ेगी।
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आपको ऊपर जो भी ग्रह स्थितियां बताई गई हैं, वे सभी कुंभ राशि में ही होने वाली हैं इसलिए आइए जानते हैं कि कुंभ राशि के लोगों के लिए इस राशि के अंतर्गत ग्रहों की चाल से क्या प्रभाव पड़ने वाले हैं।
क्या पड़ेगा कुंभ राशि के जातकों के जीवन पर प्रभाव?
कुंभ राशि के प्रथम भाव में अर्थात कुंभ राशि में विभिन्न ग्रहों की चाल के बदलाव से अनेक प्रकार के परिवर्तन संभव रहेंगे। सर्वप्रथम आपकी निर्णय लेने की क्षमता का विकास होगा। आप मजबूती से कठिन निर्णय भी ले पाएंगे, जो आपके जीवन को विशेष रूप से प्रभावित करेंगे और आपको आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
सूर्य देव की उपस्थिति आपकी राशि में होने से आपके स्वभाव में थोड़ी उग्रता और अहम की भावना बढ़ सकती है लेकिन देव गुरु बृहस्पति काफी हद तक उसे संभालने की कोशिश करेंगे। हालांकि बुध ग्रह का प्रभाव आपकी वाणी पर ज्यादा होगा जिससे आप अहम की भावना से ग्रसित होकर स्वयं के प्रति जनों से ज्यादा प्रशंसा भरे शब्दों का प्रयोग करेंगे जो हो सकता है कि अन्य लोगों को अच्छा ना लगे इसलिए आपको अत्यधिक बड़बोलेपन से बचना चाहिए, नहीं तो कई बार स्थितियां आप के विपरीत हो सकती हैं।
इस दौरान आपको अपनी बुद्धि का विकास महसूस होगा और आपने जो शिक्षा अर्जित की है, वह आपके कई तरीके से काम आएगी। राजनीति से जुड़े जातकों के लिए यह समय विशेष रूप से लाभदायक रहेगा और आपको कोई बड़े पद की प्राप्ति हो सकती है। यह समय सरकारी क्षेत्र से लाभ प्रदान करने वाला हो सकता है। आपको अपने कम्युनिकेशन के साधनों का विशेष रूप से ध्यान देना होगा जिस पर प्रभाव पड़ सकता है और बुध ग्रह के अस्त होने की अवधि में कम्युनिकेशन में कमी आ सकती है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह समय आपके लिए अनुकूल रहने वाला है लेकिन शरीर में मेद की वृद्धि हो सकती है।
कुंभ राशि के जातक करें ये उपाय
कुंभ राशि के लोगों को उपाय के तौर पर भगवान शिवजी और शनि देव जी की पूजा करनी चाहिए। आपको शनिवार के दिन रुद्राभिषेक करना चाहिए और संभव हो तो शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना आपके लिए अत्यंत लाभदायक साबित हो सकता है। सरसों के तेल के 108 दीपक पीपल वृक्ष के नीचे शनिवार की संध्या के समय जलाने से आपकी मनवांछित इच्छाएं पूरी हो सकती हैं और स्वास्थ्य में लाभ मिल सकता है।
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