सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। यह दिन जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु को समर्पित होता है। हिन्दू कैलेंडर के प्रत्येक महीने में दो एकादशी के व्रत पड़ते हैं। हर एकादशी का अपना एक खास महत्व होता है, उसकी एक अपनी कथा है और उस अनुसार ही उसके फल प्राप्त होते हैं। अब इसी तरह अपरा एकादशी आने वाली है। अपरा एकादशी प्रत्येक साल हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है।
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ऐसे में आज हम आपको इस लेख में अपरा एकादशी से जुड़ी बेहद ही खास बातें बताने वाले हैं
अपरा एकादशी महत्व
अपरा एकादशी को अजला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान त्रिविक्रम की पूजा की जाती है। सनातन धर्म में इस एकादशी का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि अपरा एकादशी का व्रत करने से कुंभ के समय केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन जितना फल प्राप्त होता है। इसके अलावा अपरा एकादशी के व्रत से वही पुण्य फल प्राप्त होता है जितना पुण्य गंगा तट पर पितरों के लिए पिंडदान करने पर प्राप्त होता है। इस व्रत से जातकों को सूर्य ग्रहण के दिन स्वर्ण दान जितना पुण्य फल प्राप्त होता है।
आइये अब आपको अपरा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त की जानकारी दे देते हैं।
अपरा एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त
अपरा एकादशी तिथि : 06 जून, 2021
अपरा एकादशी दिन : रविवार
अपरा एकादशी पारण मुहूर्त : 05:22:43 से 08:09:35, 07 जून तक
अवधि : 02 घंटे 46 मिनट
नोट : यह पारण मुहूर्त केवल नई दिल्ली के लिए मान्य है। अपने शहर में अपरा एकादशी के पारण मुहूर्त जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।
आइये अब आपको अपरा एकादशी की पूजा विधि बता देते हैं
अपरा एकादशी पूजा विधि
अपरा एकादशी से एक दिन पूर्व यानी कि दशमी के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए। दशमी के दिन रात को सोने से पहले भगवान का ध्यान करें। इसके बाद जातकों को अगली सुबह जल्दी उठना चाहिए। इस दिन जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद भगवान विष्णु के सामने दीपक प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें। तत्पश्चात भगवान विष्णु को तुलसी पत्र और पुष्प अर्पित करें। इसके बाद अपरा एकादशी के दिन व्रत रखने का संकल्प लें। भगवान की आरती कर उन्हें सात्विक चीजों का भोग लगाएं। अगले दिन पारण मुहूर्त में दान करने के बाद व्रत तोड़ें।
इस दिन भक्तों को भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाने के लिए विष्णुसहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए। ध्यान रहें कि अपरा एकादशी के दिन व्रत रख रहे जातकों को झूठ बोलने, छल-कपट, किसी दूसरे व्यक्ति की बुराई करने पर पाबंदी रहती है। इसके साथ ही एकादशी के दिन चावल खाना भी वर्जित माना गया है।
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