ज्योतिष के नज़रिये से अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू-कश्मीर का भविष्य

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अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानते हुए केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। इस मौके पर हमारा यह लेख बताएगा कि आने वाले समय में जम्मू और कश्मीर में क्या क्या स्थितियाँ देखने को मिल सकती हैं और साथ ही जानेंगे नए केंद्र शासित प्रदेश की ज्योतिषीय भविष्यवाणी!

जम्मू और कश्मीर हमारे देश भारत का अभिन्न अंग है और सदैव रहेगा। अनुच्छेद 370 और 35A, जो जम्मू और कश्मीर को एक अलग विशेष राज्य का दर्जा देते थे, अब लगभग  समाप्त हो चुकी हैं और जम्मू और कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने वाला है, जिसके बाद वहां केंद्र का शासन होगा और अपनी विधानसभा होगी। इसके साथ ही लद्दाख को भी केंद्र शासित राज्य का दर्जा प्राप्त हो गया है लेकिन वहां विधानसभा नहीं होगी। इस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर समस्या को समाप्त करने की दिशा में नए कदम उठाए गए हैं। सरकार के इन कदमों की जहां अनेक और प्रशंसा हो रही है, वहीं कुछ लोग इनका विरोध भी कर रहे हैं। 

जम्मू कश्मीर का इतिहास

भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार महर्षि कश्यप के नाम पर कश्मीर बसा था और युग में मुगल आक्रांता कश्मीर पर आधिपत्य जमाने में कामयाब हो गए थे। जिस  समय भारत को स्वतंत्रता मिली, उस समय महाराजा हरि सिंह कश्मीर के शासक थे। वे अपने राज्य को स्वतंत्र रखना चाहते थे, लेकिन पाकिस्तान की राजनीति और कश्मीर के कुछ हिस्से पर कब्जा करने के कारण उन्होंने 26 अक्टूबर 1947 को कुछ शर्तों के साथ भारत में कश्मीर के विलय को स्वीकार कर लिया। तब से लेकर अभी तक जम्मू  और कश्मीर का क्षेत्र अपनी खूबसूरती से ज्यादा अन्य बातों को लेकर विवादित अधिक रहा है। पिछले कुछ समय से यहां पर राष्ट्रपति शासन लागू था। 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानते हुए केंद्र शासित प्रदेश बनाने का संकल्प प्रस्तुत हो चुका है। 

हमने इस आलेख में स्वतंत्र भारत की कुंडली और संसद में जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के संकल्प के समय की कुंडली के आधार पर यह जानने का प्रयास किया है कि आने वाला समय कैसा रहेगा, पेश है उसके कुछ अंश:

स्वतंत्र भारत की कुंडली: 15 अगस्त 1947

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क्या कहती है भारत की कुंडली 

स्वतंत्र भारत की कुंडली पर चर्चा करते हैं तो इस समय चंद्रमा की महादशा में बृहस्पति की अंतर्दशा चल रही है। चंद्रमा तीसरे भाव का स्वामी होकर तीसरे भाव में मौजूद है और बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी होकर छठे भाव में विराजमान है। तीसरा भाव मुख्य रूप से परिवहन और संचार को बताता है, वहीं आठवाँ घर देश पर आने वाली विपत्तियां और प्राकृतिक आपदाएं तथा मृत्यु दर और बीमा आदि के बारे में बताता है। ग्यारहवां भाव देश के सहयोगी, कानून व्यवस्था, स्थानीय सरकारें और देश की आमदनी आदि के बारे में बताता है। वर्तमान समय में शनि और बृहस्पति दोनों ही ग्रह वक्री अवस्था में हैं। ऐसी स्थिति में जहां एक ओर  राष्ट्र विरोधी ताकतों को मुंँहतोड़ जवाब देने का प्रयास किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर सरकार को अनेक विरोधियों और परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा। इसमें कुछ अपने दल भी विपक्षी की भूमिका निभा सकते हैं। 

अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प 

5 अगस्त 2019 को प्रातः 11:05 पर संसद में इस बात की घोषणा की गई कि जम्मू और कश्मीर को विशेष अधिकारों वाली अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प लिया गया है। इसी आधार पर हमने एक कुंडली का निर्माण किया और देखने का प्रयास किया कि इस दिशा में आने वाला समय कैसा रहेगा:

इस कुंडली पर ध्यान देने से यह पता चलता है कि इस दौरान इस बात की घोषणा हुई उस दौरान कन्या लग्न उपस्थित था और नवमांश में भी कन्या लग्न होने से लग्न मजबूत हो गया यानी की जो बात कही गई है वह काफी दृढ़ रूप से कही गई है। लग्न का स्वामी बुध एकादश भाव में जन्म कुंडली और नवमांश कुंडली दोनों में मौजूद है। इसका मतलब  यह हुआ कि लग्न और लग्नेश दोनों ही वर्गोत्तम हैं और एकादश भाव में लग्नेश की स्थिति कार्य में सफलता की ओर इंगित करती है। इसके अतिरिक्त एकादशेश चन्द्रमा और लग्नेश बुध का राशि परिवर्तन योग भी इस काम में सफलता को दिखाता है। 

भारी विरोध के बीच बनेगी नई सरकार 

एकादश भाव में बुध के साथ शुक्र, सूर्य और नीच राशि के मंगल की उपस्थिति इस बात का संकेत देती हैं कि सरकार को विरोध का सामना करना पड़ेगा और कुछ हिंसात्मक गतिविधियाँ भी देखने को मिल सकती हैं। किसी आतंकवादी गतिविधि या छद्म युद्ध जैसे हालातों से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अतिरिक्त तृतीय और अष्टम भाव का स्वामी मंगल नीच राशि में होने से कुछ गुप्त रूप से हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने का प्रयास हो सकता है। बारहवें भाव के स्वामी सूर्य की स्थिति जहां विदेशी ताकतों को भी इसमें हिस्सा लेने की ओर इंगित करती हैं तो वहीं नवमेश और द्वितीयेश शुक्र की उपस्थिति शीघ्र ही नए कानून बनाने की ओर इशारा करती है, जिसमें आर्थिक रूप से राज्य की मदद  करना भी शामिल हो सकता है। 

जम्मू-कश्मीर में जल्द होगा नई सरकार का गठन 

जम्मू कश्मीर की नाम राशि मकर है और प्रभाव राशि तुला है। मकर राशि से सप्तम भाव और तुला राशि से दशम भाव में चतुर्ग्रही योग होने से जहां जनता असमंजस की स्थिति में रहेगी, वहीं सभी विरोध को दरकिनार करते हुए कूटनीतिक और राजनीतिक दोनों रूपों से नई सरकार का शीघ्र ही गठन होगा। ऐसी संभावना है कि जनवरी 2020 तक जम्मू और कश्मीर में नई सरकार आकार ले लेगी। शनि और मंगल का षडाष्टक योग भी अपना असर दिखाता रहेगा और सरकार के लिए आने  वाला समय आसान नहीं होगा।  

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जहां सरकार अपनी बात पर अडिग रहेगी, वहीं विरोध भी होता रहेगा और कुछ समस्याएं भी सामने आएँगी। सरकार के लिए यह राह आसान नहीं होगी लेकिन फिर भी सभी चुनौतियों का सामना करते हुए शीघ्र ही भारत के अभिन्न अंग और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में सरकार का गठन होने की संभावना रहेगी। 

हम सभी देशवासियों के साथ साथ हमारे नए केंद्र शासित प्रदेश में जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के लोगों को भी नए राज्य के गठन की शुभकामनाएं देते हैं। हम आशा करते हैं कि आने वाला कल एक सुनहरे भविष्य का निर्माण करेगा।

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