वैदिक ज्योतिष में अनेक शुभ एवं अशुभ योगों का उल्लेख किया गया है और इन योगों का हमारे जीवन पर नकारात्मक एवं सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नकारात्मक योगों की सूची में अंगारक योग का नाम भी आता है। इसे अंगारक दोष के नाम से भी जाना जाता है।
इस योग के बनने पर लोगों को अपने जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता। आपके जीवन के किस पहलू एवं क्षेत्र पर इस योग का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, यह आपकी राशि पर निर्भर करता है।
इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि अंगारक योग क्या होता है, इसका प्रभाव क्या होता है और अंगारक योग के अशुभ प्रभाव कैसे कम होते हैं। साथ ही जानें कि आप अपनी कुंडली में अंगारक दोष का पता कैसे लगा सकते हैं।
भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके
अंगारक योग क्या है
यह योग जलन, क्रोध, विवाद, झगड़े, अवसाद, मानसिक और शारीरिक पीड़ा आदि से जुड़ा है।। राहु और मंगल अंगारक योग का निर्माण करते हैं। जब किसी राशि में मंगल और राहु की युति होती है, तब यह योग बनता है।
मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा और जोश का प्रतिनिधत्व करता है। यह ग्रह गुस्से, आक्रामकता, झगड़े, नकारात्मक विचारों, खून, अग्नि, सर्जरी, हथियार और पुलिस आदि कारक भी है। वहीं राहु की बात करें, तो यह ग्रह विस्तार, भ्रम, भौतिक सुखों, विष और गंदे स्थानों का कारक है।
राहु और मंगल की युति होने पर मंगल के नकारात्मक प्रभाव बढ़ जाते हैं। राहु भ्रम की स्थिति पैदा करता है और व्यक्ति सिर्फ अपने बारे में सोचने लगता है। इस समय व्यक्ति असंतुष्ट रहता है और उसे बहुत ज्यादा क्रोध आता है। अंगारक योग मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है।
राहु और मंगल की युति का प्रभाव
राहु और मंगल की युति में जीवन पर नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। वहीं इसके प्रभाव में व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध और प्रयासरस रहता है। ऐसा कहा जाता है कि हर 18 महीने में यह युति होती है और इसकी वजह से जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
अंगारक योग के अशुभ प्रभाव कैसे कम होते हैं
राहु और मंगल की युति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। कुछ उपायों की मदद से इस योग के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है। इन ज्योतिषीय उपायों में धार्मिक अनुष्ठान, मंत्र जाप या ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए रत्न धारण करना शामिल है।
मानसिक समस्याओं से बचने के लिए ध्यान और योग आदि करने की सलाह भी दी जाती है क्योंकि इस दोष का असर जातक के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
करवाएं अंगारक दोष निवारण पूजा
अंगारक योग से प्रभावित लोग कैसे होते हैं
जिन लोगों पर अंगारक योग का प्रभाव होता है, उन्हें उनके व्यवहार से पहचाना जा सकता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति बहुत ज्यादा गुस्सैल बन जाता है। वह निर्णय ले पाने में असक्षम होते हैं। ये लोग स्वभाव से मदद करने वाले होते हैं। इस योग के प्रभाव में आकर जातक को सरकारी पद पर नौकरी मिल सकती है या वो प्रशासनिक एजेंट बन सकता है।
पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट
कुंडली में कैसे देखें अंगारक योग
कुंडली में इस योग की पुष्टि होने के बाद अन्य चीज़ों जैसे कि मंगल और राहु की स्थिति, नक्षत्र और नवांश कुंडली आदि के बारे में जानना होता है। ज्योतिष के अनुसार अगर यह योग मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मकर या मीन राशि में बन रहा है, तो इसकी अशुभता कम हो जाती है। इसकी वजह यह है कि इन स्थानों पर मंगल राहु से ज्यादा मज़बूत होता है और राहु का मंगल पर उतना ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।
वहीं अंगारक योग के वृषभ, मिथुन, कर्क, तुला या कुंभ राशि में बनने पर मुश्किलें बढ़ जाती हैं। कुंडली में ऐसे संकेतों को समझना बहुत जरूरी है जो अंगारक योग के प्रभाव को कम या ज्यादा करते हैं।
अंगारक योग के बारे में एक और चीज़ समझनी चाहिए कि कुंडली में राहु और मंगल कहां विराजमान हैं। यदि राहु और मंगल अशुभ स्थान में बैठे हैं, तो फिर इस स्थिति में अंगारक योग के नकारात्मक प्रभाव और ज्यादा बढ़ जाएंगे।
वहीं अगर राहु और मंगल शुभ स्थान में विराजमान हैं, तो इस स्थिति में अंगारक योग के अशुभ प्रभावों में कमी आएगी। इससे अंगारक योग के अशुभ प्रभावों को कुछ कम करने में भी मदद मिलती है।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
विवाह में अंगारक दोष
यदि वैवाहिक संबंध में अंगारक दोष हो, तो इस वजह से पति-पत्नी के बीच गुस्सा और अहंकार से संबंधित समस्याएं होने का खतरा रहता है। इस योग या दोष से प्रभावित व्यक्ति बिना सोचे-समझे गुस्सा करता है और अपने लिए ही मुश्किलें खड़ी कर लेता है।
इस दोष के गंभीर होने पर वैवाहिक संबंध में खटास और ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि इससे प्रभावित व्यक्ति अपने जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाने या उनकी बात सुनने को तैयार नहीं होता है। इसकी वजह से रिश्ते में चुनौतियां और परेशानियां आती हैं।
आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी राजयोग रिपोर्ट
अपनी कुंडली में अंगारक दोष का पता कैसे लगाएं
यदि आपकी कुंडली में राहु और मंगल एक साथ बैठे हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी कुंडली में अंगारक दोष बन रहा है। वहीं अगर किसी व्यक्ति को बहुत जल्दी या आसानी से गुस्सा आ जाता है, तो उसे भी अंगारक दोष हो सकता है।
अंगारक दोष के सबसे पहले संकेत या लक्षण होते हैं बहुत ज्यादा गुस्सा आना, जलन या ईर्ष्या रखना, अति उत्तेजित रहना और बहुत अधिक ऊर्जावान महसूस करना। अंगारक दोष अच्छा या बुरा हो सकता है लेकिन इसके नकारात्मक परिणामों से बचने के लिए समझदारी से व्यवहार करना आवश्यक है।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. इस योग से प्रभावित व्यक्ति हिंसक और गुस्सैल हो जाता है।
उत्तर. रोज़ हनुमान चालीसा का पाठ करें।
उत्तर. कुंडली में राहु और मंगल की युति होने पर।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!