भारत का इतिहास बेहद पुराना रहा है। यहाँ आपको कई ऐसी सामग्री मिल जाएगी जिससे हिंदू धर्म के बारे में जानने वालों को उसे समझने में मदद मिलती है। परन्तु अब हिन्दू धर्म और उससे जुड़ी पौराणिक एवं वीरता की गाथाओं को विदेशों में भी लोगों को जानने का मौका मिलेगा।
अमेरिका में शुरू होगी रामायण पर आधारित अनोखी प्रदर्शनी
बता दें कि अमेरिका के सबसे बड़े कला संग्रहालय ‘द मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट’ की तरफ से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे जानकर हिंदू धर्म के अनुयायी और हिन्दू धर्म में रूचि रखने वाले लोगों को बेहद खुशी होगी। दरअसल, अमेरिका के इस प्रसिद्ध कला संग्रहालय में पौराणिक महाकाव्य ‘रामायण’ को एक अनोखे अंदाज़ में प्रदर्शित किया जाएगा। खबर है कि पूरे एक साल तक चलने वाली एक प्रमुख प्रदर्शनी का मुख्य केंद्र बिंदू हिंदू ग्रंथ ‘रामायण’ ही होगी, जिसमें 17 वीं से 19 वीं शताब्दी के बीच उत्तर भारत के राजपूत और पहाड़ी दरबारों के लिए बनाए गए 30 चित्रों को अनोखे तरीके से दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। साल भर के लिए अमेरिका में चलने वाली इस प्रदर्शनी को ‘सीता एंड राम: द रामायण इन इंडियन पेंटिंग’ का नाम दिया गया है जिसकी शुरुआत 10 अगस्त, शनिवार से होगी।
प्रदर्शनी में दिखाई जायेगी भगवान राम के साहस और वीरता की कहानी
इस प्रदर्शनी को लेकर द मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट की ओर से कहा गया है कि “हिन्दू धर्म पर आधारित इस प्रदर्शनी में 17 वीं और 19 वीं शताब्दी के बीच उत्तर भारत के राजपूत और पहाड़ी राज दरबारों के लिए बनाए गए चित्रों को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके केंद्र में पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास संस्कृत कवि वाल्मीकि द्वारा रचित महाकाव्य रामायण की कल्पना विद्यमान है। प्रदर्शनी में 30 उत्कृष्ट चित्रों को प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें लंका के राजा रावण द्वारा भगवान श्री राम की पत्नी माता सीता के अपहरण के बाद श्री राम द्वारा उन्हें बचाने की वीर और साहसी कथा का विस्तार किया जाएगा।”
पहली बार इस तरह की लगी है अनोखी प्रदर्शनी
इसके अलावा संग्रहालय ने ये जानकारी भी दी कि, इस प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताओं को दो तरीकों से दिखाया जाएगा, जिसमें मुख्य रूप से 19 वीं शताब्दी की एक दुर्लभ पेंटिंग भी शामिल है, जिसका शीर्षक ‘तांत्रिक फॉर्म ऑफ मंकी गॉड हनुमान’ रखा गया है, यह द मेट कलेक्शन का एक नया एवं अदभुद संयोजन है, जिसके लिए माना जा रहा है कि इसे पहली बार सार्वजनिक रूप में इस तरह प्रदर्शित किया जाएगा।
14 वर्ष के वनवास काल का भी दिखाया जाएगा प्रर्दशन
इस प्रदर्शनी से जुड़ी अन्य विशेषताओं को देखें तो इसमें भगवान श्री राम, मां सीता और लक्ष्मण द्वारा वनवास काल में किस तरह वन में 14 साल तक अपना जीवन-व्यापन किया, इस घटना को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जो परिष्कृत प्राचीन पहाड़ी चित्रकला परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है। इसे भी इस अनोखी प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण माना जा रहा है। इसके साथ ही 18 वीं शताब्दी का एक दुर्लभ टेक्सटाइल पीस, ‘राम और रावण के बीच का युद्ध’ और 6 चित्रों का मुख्य समूह जो कि द शांगरी रामायण की 1690 से 1710 ई तक की श्रृंखला से लिया गया है, वो भी इस प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण रहेंगे।
एक साल तक चलेगी प्रदर्शनी
हिन्दू धर्म पर आधारित इस अनोखी प्रदर्शनी को द मिरियम और इरा डी वलच फ़ाउंडेशन फंड की मदद से बनाया गया है, जो पूरा एक साल तक चलेगी और जिसे देखने देश-विदेश से लाखों लोगों के आने की उम्मीद की जा रही है।