6 दिनों में 2 महत्वपूर्ण ग्रह अपनी-अपनी स्वराशि में करेंगे गोचर: देश और राशियाँ किस हद तक होंगी प्रभावित?

ज्योतिष में ग्रहों के गोचर को विशेष स्थान दिया गया है। गोचर अर्थात एक ग्रह का किसी एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाना। यह गोचर कभी मार्गी अवस्था में होता है तो कभी वक्री व्यवस्था में भी होता है। हालांकि जब कोई ग्रह किसी राशि से निकलकर स्वराशि यानी खुद की राशि में प्रवेश करें तो उस गोचर का महत्व बढ़ जाता है क्योंकि इस दौरान वह ग्रह अपने गोचर काल के दौरान उच्च परिणाम देने के लिए जाना जाता है।

जल्द ही 6 दिनों के भीतर ज्योतिष में महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त दो ग्रह अपनी-अपनी स्वराशि में गोचर करने जा रहे हैं। जिसमें पहला ग्रह मंगल है जो अपनी स्वराशि मेष में (27 जून को) गोचर करेगा। वहीं दूसरा ग्रह है बुध जो अपनी स्वराशि मिथुन में (2 जुलाई को) गोचर करने जा रहा है। 

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इसके अलावा इस समय अवधि के दौरान मेष में मंगल और शुक्र की युति और मिथुन में सूर्य और बुध की भी युति होने जा रही है। ऐसे में इन दोनों गोचरों और दोनों ही महत्वपूर्ण युति का आम जनजीवन पर और देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने के लिए पढ़ें एस्ट्रोसेज का यह विशेष लेख।

मेष में मंगल गोचर: समय और प्रभाव

सबसे पहले बात करें इस कड़ी में होने वाले पहले गोचर की तो इसमें मंगल ग्रह मीन राशि से निकलकर अग्नि तत्व की राशि मेष में प्रवेश कर जाएगा। जैसा कि हमनें पहले भी बताया कि मेष राशि पर मंगल का आधिपत्य रहता है। ऐसे में ज्योतिष और ज्योतिष के जानकारों की नजर में मंगल का यह गोचर बेहद ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। समय की बात करें तो,

मंगल का यह गोचर 27 जून, सोमवार सुबह 5 बजकर 39 मिनट पर होगा

मंगल के इस गोचर से यह तीन राशियाँ होंगी मालामाल

मिथुन राशि: मंगल का यह गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए उनके ग्यारहवें भाव में होगा। इससे इनकम और लाभ का भाव कहा जाता है। ऐसे में प्रबल संभावना बन रही है कि इस दौरान मिथुन राशि के जातकों की आय में बढ़ोतरी होगी, व्यापार में अच्छा धन लाभ होगा, आर्थिक पक्ष मजबूत बनेगा। इसके अलावा यदि आप व्यापार में निवेश के लिए योजना बना रहे हैं तो उसके लिए भी समय बेहद अनुकूल रहने वाला है। 

कार्यक्षेत्र में आपको शुभ परिणाम मिलेंगे, आपको बॉस की सराहना मिलेगी, जिसके दम पर पदोन्नति के भी योग बनते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा जिससे आपके जीवन में खुशियां आएंगी। इस समय को और भी ज्यादा उपयोगी बनाने के लिए आप पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। हालांकि यह रत्न धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।

कर्क राशि: मंगल अपने इस गोचर के दौरान कर्क राशि के जातकों के दशम भाव में स्थित होंगे। इससे कर्म और नौकरी का भाव कहा जाता है। ऐसे में नौकरी पेशा जातकों को अपने कार्यस्थल पर लाभ मिलेगा। साथ ही जो लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें अच्छे ऑफर मिल सकते हैं। नए व्यवसायिक संबंध बनाने के लिए भी समय बेहद ही अनुकूल है। 

यदि आप अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं उसके लिए भी समय अनुकूल रहने वाला है। प्रबल संभावना बन रही है कि कर्क राशि के जातकों को इस दौरान कारोबार में कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है। इसके अलावा व्यापार में निवेश करने के लिए समय बेहद ही अनुकूल नजर आ रहा है। इस समय को और ज्यादा अनुकूल बनाने के लिए आप स्नान के पानी में नियमित रूप से काले तिल डालकर उससे स्नान करें।

सिंह राशि: सिंह राशि के लिए मंगल का यह गोचर उनके नवम भाव में होगा जिसे भाग्य और विदेश यात्रा का भाव कहा जाता है। ऐसे में इस दौरान आपको भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। इसके अलावा इस राशि के कुछ जातक कारोबार के सिलसिले में किसी लंबी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं जिससे आपको भविष्य में लाभ मिलने के योग हैं। 

इस राशि के जो छात्र जातक किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें भी किस्मत का पूरा साथ मिलेगा और सफलता हासिल होगी। जो लोग नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं उनके लिए यह समय बेहद शानदार रहने वाला है। इसके अलावा इस दौरान आपकी आध्यात्मिक रूचि में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। उपाय के तौर पर आप फिरोज़ा धारण कर सकते हैं। इससे पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।

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बुध का मिथुन में गोचर समय प्रभाव

बुध ग्रह पिछले 68 दिनों तक वृषभ राशि में रहने के बाद अब मिथुन राशि में गोचर करने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष में बुध को सबसे छोटा और सूर्य की परिक्रमा सबसे तेज गति से पूरी करने वाला ग्रह माना गया है। ऐसे में अपनी ही राशि में बुध का यह गोचर बेहद ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। बात करें समय की तो,

बुध का मिथुन राशि में गोचर 2 जुलाई, 2022 की सुबह 9:40 बजे होगा

बुध के गोचर से इन 3 राशियों को होगा जबरदस्त लाभ

वृषभ राशि: बुध का यह गोचर वृषभ राशि के जातकों के धन भाव में होने जा रहा है। ऐसे में विशेष तौर पर यह समय अवधि इस राशि की नौकरी पेशा जातकों और व्यापारी जातकों के लिए लाभप्रद रहेगी। इस राशि के जो जातक नई नौकरी तलाश कर रहे हैं उन्हें अच्छे और शानदार अवसर प्राप्त होंगे और पहले से नौकरी पेशा जातकों को कार्यक्षेत्र में पदोन्नति मिलेगी। 

व्यापारी जातक कोई बड़ी डील फाइनल कर सकते हैं। साथ ही आपके पारिवारिक जीवन में शांति और खुशहाली बनी रहेगी। उपाय के तौर पर आप अपने घर में स्त्रियों को उपहार भेंट कर सकते हैं।

सिंह राशि: बुध का यह गोचर सिंह राशि के जातकों के ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है। ऐसे में इस दौरान सिंह राशि के जातकों के जीवन में आर्थिक पक्ष के लिहाज से बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। नौकरी पेशा जातकों की आय में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा यदि आप कहीं निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो उसके लिए भी समय अनुकूल रहेगा। 

इस राशि के स्टॉकहोल्डर्स और ब्रोकर्स के लिए भी यह समय अवधि बेहद ही शानदार साबित होगी। आपको अच्छा खासा धन लाभ होगा और आप धन संचित करने में भी कामयाब रहने वाले हैं। इस राशि के जो जातक खुद का व्यवसाय चला रहे हैं उन्हें भी अच्छा धन लाभ होगा। साथ ही आप अपने व्यापार के विस्तार के लिए निवेश भी कर सकते हैं। इस समय अवधि को और पर ज्यादा अनुकूल बनाने के लिए बुधवार के दिन कन्याओं को हरे वस्त्र, चूड़ियों आदि का दान करें।

धनु राशि: बुध ग्रह का यह गोचर धनु राशि के सातवें भाव में होने जा रहा है। इसके प्रभाव स्वरूप पेशेवर जातकों और व्यापारी जातकों के लिए यह अपनी बेहद शानदार साबित होगी। जो जातक व्यापार के क्षेत्र से जुड़े हैं और विशेष तौर पर साझेदारी के व्यापार से जुड़े हैं उनके व्यापार में वृद्धि मिलेगी। साथ ही आप अपने उत्पादों और सेवाओं के चलते लोकप्रियता और प्रसिद्धि बटोरेंगे। 

इसके अलावा प्रेम के लिहाज से भी यह समय आपके लिए शानदार रहेगा। सिंगल जातकों को कोई खास व्यक्ति मिल सकता है। आर्थिक स्थिति बहुत ही शानदार और मजबूत नजर आएगी। इस राशि के जातक अपने जीवन साथी के साथ मिलकर अपने जीवन में कोई नई शुरुआत कर सकते हैं। उपाय के तौर पर रोजाना स्नान करने के बाद 108 बार ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप अवश्य करें।

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मंगल-शुक्र युति और बुध-सूर्य युति का फल 

जैसा कि हमनें पहले ही बताया कि इन गोचर के साथ-साथ इस दौरान दो महत्वपूर्ण युति भी देखने को मिलेगी। जिसमें पहली युति मंगल और शुक्र की युति होगी और दूसरी युति बुध और सूर्य की होने वाली है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं मंगल शुक्र युति का क्या फल होता है और साथ ही बुध सूर्य युति का क्या फल होता है। 

सबसे पहले हम आपको यह बता दे कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब दो या दो से अधिक ग्रह कुंडली में किसी एक राशि में आते हैं दो या दो से अधिक ग्रह किसी एक भाव में स्थित होते हैं तो उसे युति कहा जाता है। ग्रहों की युति महत्वपूर्ण फल देने वाली होती है क्योंकि कई बार दो विपरीत स्वभाव के ग्रह युति में एक साथ आ जाते हैं तो कभी दो समान प्रभाव देने वाले ग्रह भी एक साथ युति में आ जाते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होता है कि इस युति के दौरान कौन सा ग्रह किस पर भारी पड़ता है और जातकों के जीवन में इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

शुक्र मंगल युति फल

मंगल शुक्र युति के प्रभाव स्वरूप जातकों के जीवन में कामवासना की अधिकता देखने को मिलती है। वैदिक ज्योतिष में जहां मंगल को अग्नि और तेज का प्रतीक माना गया है वहीं शुक्र को सुंदरता, प्रेम, वासना आदि का ग्रह माना जाता है। ऐसे में जब यह दो ग्रह मिलते हैं तो व्यक्ति में कामवासना बलवती हो जाती है। इसके अलावा मंगल शुक्र की युति का सीधा प्रभाव जातकों के प्रेम संबंध पर भी पड़ता है।

शुक्र मंगल युति उपाय

  • सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, का नियमित रूप से पाठ करें। 
  • इसके अलावा शुक्र और मंगल की युति के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए मंगलवार के दिन कन्याओं को बूंदी या मीठा प्रसाद वितरित करें।

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सूर्य बुध युति का फल

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य और बुध एक ही राशि में रहते हैं तो इससे बुधादित्य योग का निर्माण होता है। इस योग को बेहद ही शुभ माना गया है। बुधादित्य योग तरक्की, पैसा, और सम्मान दिलाने वाला एक बेहद ही शुभ योग माना जाता है। इसके अलावा कई ज्योतिष के जानकार तो इस योग की तुलना राजयोग से भी करते हैं। 

हालांकि यहां पर यह जानना बेहद आवश्यक है कि बुधादित्य योग हमेशा अच्छे फल ही लेकर नहीं आता है। कई बार कुंडली में सूर्य बुध की स्थिति के प्रभाव स्वरूप जातकों को शुभ युति से मिलने वाले अति शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। यह योग तभी फलित होता है जब सूर्य और बुध दोनों ही कुंडली में मजबूत अवस्था में होते हैं।

सूर्य बुध युति उपाय

  • उपाय के तौर पर रोजाना सूर्यनमस्कार करें। 
  • आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। 
  • इसके अलावा पेड़ लगाने और ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्य को अर्घ्य देकर भी इस शुभ योग के फल को अपने जीवन में प्राप्त किया जा सकता है।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

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