जून के महीने में एक अनोखी खगोलीय घटना होने जा रही है जिसमें 18 वर्षों के बाद बुध (Mercury), शुक्र (Venus), मंगल (Mars), बृहस्पति (Jupiter)और शनि ग्रह (Saturn) पूरे एक महीने एक सीध में नजर आने वाले हैं। ऐसे में यदि किसी को इस अति दुर्लभ नज़ारे को देखना है तो यह सुबह-सुबह देखा भी जा सकता है। अब सवाल उठता है कि, क्या यह महज एक दुर्लभ खगोलीय घटना है या क्या वाकई में इसका देश दुनिया और आम जनजीवन पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्योतिष के अनुसार जब भी कोई ग्रह कोई भी परिवर्तन करता है फिर वह अपनी गति में परिवर्तन करके वक्री या मार्गी हो, सूर्य के नजदीक आने से अस्त हो या दूर जाने से उदित हो, या गोचर करे तो इसका व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव अवश्य पड़ता है। ऐसे में स्वाभाविक है कि जब ज्योतिष की दुनिया के 5 दिग्गज ग्रह एक साथ आने वाले हैं तो इसका हमारे जीवन पर प्रभाव तो अवश्य पड़ेगा।
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प्लानेट परेड: ग्रहों के एक सीध में आने की कोई वैज्ञानिक परिभाषा नहीं होती है। हालांकि इस घटना को आम भाषा में और आम लोगों को समझाने के लिए खगोल विज्ञान ‘ग्रह परेड’ या ‘प्लानेट परेड’ शब्द का उपयोग करता है। ऐसे में यहां इस ब्लॉग में हम जिस खगोलीय घटना की बात कर रहे हैं उसे प्लानेट परेड की श्रेणी में रखा जाता है।
अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इस दुर्लभ खगोलीय घटना की जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही बताएंगे कि इसका देश, दुनिया, आम जनजीवन पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है।
18 वर्षों बाद दिखेगा यह दुर्लभ नजारा
चूंकि ग्रह हमारे जीवन को सीधे तौर से प्रभावित करते हैं ऐसे में इनकी चाल और इनकी हरकतों पर हर पल ज्योतिषियों और वैज्ञानिकों की नज़र बनी रहती है। माना जा रहा है कि इसी तरह से यह ग्रह 2040 में भी एक साथ आएंगे और बात करें अतीत में हुई ऐसी घटना की तो आखिरी बार ग्रह ऐसे सीध में 2004 में आए थे।
इन ग्रहों को कैसे देखा जा सकेगा?
सुबह तड़के घर से बाहर निकलने पर यह ग्रह आपको नजर आ सकते हैं। कहा जा रहा है जैसे-जैसे जून का महीना आगे बढ़ता जाएगा वैसे-वैसे आसमान में बुध ग्रह को देखना आसान होता जाएगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि 24 जून को यह नजारा बेहद ही स्पष्ट और खास नजर आएगा।
24 जून को शुक्र और मंगल के बीच घटते हुए अर्धचंद्र को भी देखना मुमकिन होगा। स्वाभाविक सी बात है नंगी आंखों से यह नजारा नहीं नजर आए या फिर इतना स्पष्ट न नज़र आए। ऐसे में इसके लिए आपको दूरबीन की आवश्यकता पड़ेगी और दिशा की बात करें तो यह दुर्लभ नजारा देखने की सबसे सही दिशा पूर्व की तरफ क्षितिज में होने वाली है।
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इस खगोलीय घटना के लिए ये तारीखें रहेंगी महत्वपूर्ण
3 और 4 जून: यूं तो यह तारीख अब निकल चुकी है। हालांकि इस दिन सुबह के समय बुध और शनि ग्रह के बीच का अंतर सबसे कम माना जा रहा है। इस दिन केवल 91 डिग्री के फासले पर यह ग्रह नजर आए थे।
24 जून: इस महत्वपूर्ण खगोलीय घटना का सबसे अहम दिन 24 जून ही माना जा रहा है जिस दिन आपके पास इस दुर्लभ नजारे को देखने के लिए 1 घंटे का समय रहने वाला है। इसके अलावा इस दिन शुक्र और मंगल के बीच चंद्रमा भी नजर आएगा। जो खूबसूरत प्लानेट परेड को और भी ज्यादा खास बनाने वाला है।
क्या आप यह जानते हैं? इस विशेष ब्लॉक में हम जिन पांच ग्रहों की बात कर रहे हैं अर्थात गुरु, मंगल, बुध, शुक्र, और शनि इन्हें मिलाकर पंच महापुरुष योग बनता है। कहते हैं जिस भी व्यक्ति की कुंडली में यह योग होता है ऐसे व्यक्ति भगवान श्रीकृष्ण जितने भाग्यशाली होते हैं। ज्योतिष के अनुसार बताएं तो कहा जाता है इन पांच ग्रहों में से जब कोई भी ग्रह मूल त्रिकोण या केंद्र में बैठा होता है तो इंसान की किस्मत चमक जाती है। पंच महापुरुष योग तब सबसे ज्यादा सार्थक होता है जब यह ग्रह केंद्र में स्थित होता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि भगवान श्री राम और कृष्ण की कुंडली में यही पंच महापुरुष योग विराजमान था।
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जून महीने में ये दिन भी होंगे बेहद खास
24 जून के साथ-साथ 21 जून की तारीख भी याद कर लीजिए क्योंकि यह वही दिन होगा जिसे साल का सबसे लंबा दिन कहा जाता है। इस दिन रात छोटी होगी और दिन बड़ा होगा। इसके अलावा इस दिन चंद्रमा भी गुरु बृहस्पति के करीब हो जाएगा। 22 जून को मंगल के करीब आ जाएगा। 23 जून को चंद्रमा सभी ग्रहों से बड़ा नजर आएगा। 26 जून को चंद्रमा शुक्र के पास नज़र आएगा। 27 जून को चंद्रमा के पास बुध ग्रह नजर आएगा।
जून के महीने में आकाश में नजर आएंगी यह राशियां
ग्रहों के बाद राशियों की बात करें तो जून के महीने में कर्क राशि, सिंह राशि, कन्या राशि, तुला राशि और वृश्चिक राशि बिना दूरबीन की सहायता से आकाश में नजर आ सकती हैं।
इसके अलावा किस राशि में कौन सा ग्रह है? इस बारे में जानकारी प्रदान करें तो, सूर्य वृषभ राशि में मौजूद है जो कि 21 जून को मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा। बुध ग्रह वृषभ राशि में है, और शुक्र मेष राशि में है, मंगल और बृहस्पति मीन राशि में है, शनि ग्रह मकर राशि में है।
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देश दुनिया और आम जनजीवन पर क्या पड़ेगा इस अनोखी खगोलीय घटना का प्रभाव:
ग्रहों की यह अनोखी खगोलीय घटना का देश, दुनिया और आम जन जीवन को कैसे और किस हद तक प्रभावित करेगी इसे जानने के लिए आइए जानते हैं ऐस्ट्रोसेज की प्रसिद्ध और जानी-मानी आचार्या कृति भार्गव की भविष्यवाणी क्या कहती है:
- इन ग्रहों के इस तरह से एक सीध में आने से प्रबल आशंका है कि विश्व नेताओं के बीच किसी मुद्दे को लेकर तीखी बहस हो सकती है।
- सरकारी अधिकारियों के कुछ बेतुके बयानों के चलते समस्या होने की भी आशंका है।
- कृषि क्षेत्र में उछाल देखने को मिलेगा। चीनी, गुड़, और अन्य खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने की संभावना है।
- चूंकि इस सीधी रेखा में शुक्र भी शामिल है ऐसे में शुक्र के इस परिवर्तन के चलते देश की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है।
- बुध के सीधी रेखा में होने से पड़ोसी राज्यों से भारत के रिश्ते औसत रहने वाले हैं।
- इसके अलावा शुक्र के प्रभाव स्वरूप ऑटोमोबाइल उद्योग में दुनिया तेजी देख सकती है।
- सीधी रेखा में मंगल भी शामिल है। ऐसे में मंगल के इस परिवर्तन और वृश्चिक राशि पर उसकी दृष्टि से भूमि से लाभ मिलने की प्रबल संभावना बनती नजर आ रही है इसीलिए इस समय अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का निवेश करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
- इन ग्रहों के इस तरह से सीधी रेखा में आने से विशेष तौर से उत्तर-पूर्व क्षेत्र में भूकंप और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थितियां बन सकती हैं।
- इसके साथ ही पेट्रोल, तेल, गैस की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। जिससे मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में परेशानी आ सकती है और साथ ही समुद्री मालवाहक जहाजों में भी कुछ बाधाएं देखने को मिल सकती है।
- खनन, बैंकिंग, चिकित्सा, शेयर बाजार, और क्रिप्टो जैसे क्षेत्रों में इस समय अवधि के दौरान कुछ चुनौतियाँ खड़ी हो सकती है।
- 27 जून के बाद रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई की परिस्थिति सुलझ सकती है या मुमकिन है कि इस दौरान वह अपनी समस्या का समाधान खोजने में कामयाब हो जाएँ।
- भारतीय सेना इस समय अवधि में मजबूत स्थिति में नजर आने वाली है।
- सरकार द्वारा कुछ ऐसी नीतियां बनाई जा सकती है जो देश के गरीब तबके को राहत देने वाली साबित होगी।
- सरकार की ओर से नए टैक्स शामिल किए जा सकते हैं।
- ग्रहों के इस महत्वपूर्ण परिवर्तन के बाद निर्यात और आयात क्षेत्र में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
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