12 मई है बेहद खास, इस दिन कर लिया ये उपाय तो सालभर बनी रहेगी माँ लक्ष्मी की कृपा!

हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले लोग शुभ दिन या शुभ मुहूर्त पर अटूट भरोसा रखते हैं। कोई भी शुभ काम या मांगलिक काम करने से पहले पंचांग की गणना करना बहुत से लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। ऐसे में सोचिए यदि हम आपको इस महीने में पड़ने वाले एक ऐसे दिन के बारे में बताएं जिसे बेहद ही शुभ माना जा रहा है और इस दिन कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है तो आपकी कैसी प्रतिक्रिया रहेगी।

यकीनन ही आप भी इस शुभ दिन का सबसे ज्यादा उपयोग करके अपने शुभ और मांगलिक कार्य संपन्न करने का प्रयास करेंगे। अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं मई महीने में 12 तारीख को इतना विशेष महत्व क्यों दिया जा रहा है? इस दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं और साथ ही इस दिन क्या कुछ उपाय करके आप अपने जीवन में आजीवन मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

किसी भी निर्णय को लेने में आ रही है समस्या, तो अभी करें हमारे विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात

12 मई का दिन है बेहद खास: जानें वजह 

जल्द आने वाली तारीख यानी 12 मई को बेहद शुभ माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन कई ऐसे शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है जिससे इस दिन के महत्व में चार चांद लग रहे हैं। इस दिन यदि आप पूजा-पाठ और व्रत करते हैं तो इससे कभी न खत्म होने वाले पुण्य की प्राप्ति होगी। इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसी दिन मोहिनी एकादशी भी पड़ रही है।

मोहिनी एकादशी 2022: शुभ मुहूर्त 

एकादशी तिथि प्रारंभ: 19:34 से बुधवार, मई 11, 2022

एकादशी तिथि समाप्त: 18:53 गुरुवार, मई 12, 2022

मोहिनी एकादशी पारणा मुहूर्त :05:31:52 से 08:14:09 तक 13, मई को

अवधि: 2 घंटे 42 मिनट

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

  • 12 मई यानी वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। मोहिनी एकादशी को सभी एकादशी व्रत में बेहद ही श्रेष्ठ माना गया है। कहते हैं यह वही दिन है जब भगवान विष्णु ने असुरों से इस धरती को बचाने के लिए अप्सरा मोहिनी का रूप धारण किया था। ऐसे में इस दिन का उपवास करने से श्रीहरि का आशीर्वाद मिलता है, व्यक्ति के जीवन में सुख शांति आती है, और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • मोहिनी एकादशी गुरुवार के दिन पड़ रही है और सप्ताह में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को निर्धारित किया गया है। ऐसे में गुरुवार के दिन ही एकादशी का पड़ना वैसे भी इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ा देता है। यही वजह है कि यदि आप भी 12 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखते हैं तो इससे भगवान विष्णु की प्रसन्नता अवश्य हासिल होगी।
  • 12 मई के दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और हर्षण योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। जानकारी: ज्योतिष में हर्षण योग को एक बेहद ही शुभ और लाभकारी योग का दर्जा दिया गया है। इस योग में किया गया काम सदैव शुभ फलदायी रहता है। 
  • इसके अलावा इस दिन चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेंगे। 12 तारीख को दो ग्रह अपनी यानि स्वराशि में स्थित रहने वाले हैं जिसमें से पहला ग्रह है शनि जो कुंभ राशि में रहेंगे और दूसरा है बृहस्पति जो मीन राशि में रहेंगे।
  • ग्रहों का यह संयोजन राजयोग के समान फल देने के लिए जाना जाता है।
  • इसके अलावा विशेष रूप से बात करें तो ग्रहों का यह संयोजन विशेष रूप से तुला राशि, मकर राशि, कुंभ राशि, और मीन राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें।

12 मई को अवश्य करें इनमें से कोई भी एक उपाय

चूंकि ज्योतिषियों के अनुसार 12 मई का यह दिन विशेष महत्व रखता है और बेहद ही शुभ संयोगों  वाला है ऐसे में इस दिन यदि आपने नीचे दिए गए उपायों में से कोई भी एक उपाय कर लिया तो आपके जीवन में सदैव मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

  • इस दिन तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और 11 बार तुलसी की परिक्रमा करें। 
  • पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और घी का दीपक प्रज्वलित करें। 
  • इस दिन चूंकि एकादशी का व्रत भी किया जा रहा है ऐसे में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के साथ-साथ दक्षिणावर्ती शंख की भी पूजा करें। पूजा के बाद पीले रंग के फल, पीले रंग के कपड़े, और पीला अनाज किसी जरूरतमंद को दान कर दें। 
  • मुमकिन हो तो श्रीमद् भागवत का पाठ करें। 
  • भगवान विष्णु का शंख से अभिषेक करें और मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। भोग में तुलसी का पत्ता अवश्य डालें। हालांकि यहां इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एकादशी के दिन कभी भी तुलसी का पत्ता ना तोड़े ऐसे में आप चाहें तो पूजा के लिए एक दिन पहले ही तुलसी के कुछ पत्ते तोड़कर अपने पास रख सकते हैं और फिर से अगले दिन पूजा में शामिल कर सकते हैं। 
  • इसके अलावा क्योंकि इसी दिन चंद्रमा का गोचर भी हो रहा है ऐसे में शाम के समय दूध और गंगाजल से चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य अर्पित करें और किसी योग्य ब्राह्मण को घी का कलश, दही, सफेद वस्त्र, इत्यादि चीजों का मुमकिन हो तो दान भी करें।
  • इस दिन आप मोती रत्न भी धारण कर सकते हैं। मोती धारण करने से चंद्रमा की शुभता प्राप्त होती है। हालांकि कोई भी रत्न हमेशा किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करके ही धारण करें। 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।