एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको केतु का कन्या राशि में गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय और प्रभाव आदि। बुध महाराज की राशि कन्या में केतु का गोचर 30 अक्टूबर 2023 को होने जा रहा है। आइये आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि केतु का कन्या राशि में गोचर होने से सभी राशियों समेत देश-दुनिया पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
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वैदिक ज्योतिष में राहु-केतु की स्थिति एक-दूसरे से 180 डिग्री पर होती है। यह दोनों ग्रह यानी कि राहु-केतु एक राशि में लगभग 18 महीने तक रहते हैं और उसके बाद, दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। हालांकि, केतु का कन्या राशि में गोचर 30 अक्टूबर 2023 को होगा और ऐसे में, यह तुला राशि से निकलकर बुध देव की राशि कन्या में प्रवेश कर जाएंगे। आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं केतु गोचर 2023 के बारे में और साथ ही, आपको अवगत करवाते हैं केतु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए किये जाने वाले आसान एवं अचूक राशि अनुसार उपायों से। आपको बता दें कि यह राशिफल आपकी चंद्र राशि को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
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वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह को रहस्यमय ग्रह माना जाता है और इस ग्रह से संबंधित भविष्यवाणियां ज्यादातर लोगों को पसंद नहीं आती हैं क्योंकि केतु को कर्मों का ग्रह माना गया है। इसके परिणामस्वरूप, जातकों को ज्यादातर अपने जीवन में अप्रिय परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। केतु ग्रह का मुख्य लक्षण मोहभंग है और यह व्यक्ति को भौतिक इच्छाओं से दूर करते हुए धर्म एवं अध्यात्म के मार्ग पर ले जाता है। यह हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है। केतु की छवि बिना सिर वाले ग्रह के रूप में है जो व्यक्ति को उसके पूर्व जन्म के कर्मों का अहसास करवाता है। कुंडली के जिस भाव में केतु विराजमान होते हैं, उस भाव से जुड़े सारे गुण आपको प्रदान करते हैं।
यदि केतु पर दूसरे ग्रह का प्रभाव हो, तो केतु से मिलने वाले परिणाम उस ग्रह के अनुसार थोड़े बदल जाते हैं। जब केतु आपकी कुंडली के किसी भाव में प्रवेश करते हैं तो इसका प्रभाव जातक के जीवन पर भी पड़ता है। अगर कुंडली में केतु शुभ ग्रहों जैसे बृहस्पति के साथ युति करता है या गुरु ग्रह की दृष्टि उस पर पड़ रही होती है, तो जातक का स्वभाव बेहद धार्मिक हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति कई तरह के धार्मिक और पुण्य कार्य करता है जैसे कि तीर्थस्थल की यात्रा आदि। हालांकि, अगर केतु किसी अन्य ग्रह के साथ मौजूद होता है, तो इस ग्रह से मिलने वाले परिणाम सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के हो सकते हैं।
केतु का कन्या राशि में गोचर का समय
जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया कि केतु को छाया ग्रह माना जाता है जो कि बिना सिर का ग्रह है। यह राहु से हमेशा 180 डिग्री की दूरी पर स्थित होता है। इसी क्रम में, राहु और केतु हर 18 महीने में वक्री अवस्था में एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करते हैं। केतु ग्रह 30 अक्टूबर 2023 की दोपहर 02 बजकर 13 मिनट पर तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे।
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केतु का कन्या राशि में प्रभाव
जब केतु कन्या राशि में मौजूद होता है, तो दुनिया में रहस्य और व्यावहारिकता दोनों को साथ लेकर आता है। केतु को आध्यात्मिक प्रगति और वैराग्य का प्रतीक माना जाता है जबकि कन्या विश्लेषणात्मक और लक्ष्यों पर केंद्रित राशि है। ऐसे में, केतु के कन्या राशि में होने पर ऐसी ऊर्जा उत्पन्न होती है जो हमारे भविष्य को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। कन्या राशि में मौजूद केतु का संबंध तीव्र बुद्धि और मज़बूत मानसिक स्वास्थ्य से जोड़कर देखा जाता है। इसके परिणामस्वरूप, इन लोगों का तेज़ दिमाग व्यापार जगत में सफल होने में सहायता करता है। यह जातक स्वभाव से मजाकिया किस्म के होते हैं और इनका झुकाव अध्यात्म के प्रति होता है। साथ ही, ज्ञान से पूर्ण होते हैं। इनकी रचनात्मकता और कार्य कुशलता की वजह से लोग इन्हें अपना आदर्श मानते हैं। केतु के कन्या राशि में होने पर जातकों का दृष्टिकोण प्रैक्टिकल और हकीकत का सामना करने वाला हो सकता है। साथ ही, यह लोग बेहद अनुशासित होते हैं और आगे बढ़ना पसंद करते हैं।
जब व्यक्ति की कुंडली में केतु ग्रह कन्या राशि में स्थित होते हैं, तो उस समय यह जातक जो भी काम करने का फैसला लेते हैं, वह सही और प्रभावी साबित होता है। केतु को मन-मस्तिष्क के लिए ज्यादा अच्छा नहीं कहा जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि यह व्यक्ति की भौतिक वस्तुओं को महत्व देने और अपने आसपास मौजूद वस्तुओं की सुंदरता की तारीफ करने में असमर्थ बनाता है। अगर प्रचलित मान्यताओं की बात करें तो, शादी और प्रेम के मामले में ऐसे लोग समृद्ध और अच्छी सामाजिक स्थिति वाले किसी इंसान के साथ शादी करने के बजाय प्रेम को महत्व देंगे और ऐसे ही व्यक्ति से विवाह करेंगे जिन्हें ये पसंद करते हैं। यह जातक हर चीज़ की तुलना आर्थिक स्थिति से करते हैं।
केतु का कन्या राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
व्यापार एवं कमर्शियल
- केतु का कन्या राशि में गोचर व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है जिसका सकारात्मक असर निश्चित रूप से देश के साथ-साथ दुनियाभर के व्यापार पर भी दिखाई देगा।
- कन्या राशि में केतु इंसान को चालाक बनाने का काम करता है। ऐसे में, एमएनसी कंपनियां और उद्योग जगत के कुछ बड़े नाम सकारात्मक निर्णय ले सकते हैं। इन फैसलों का प्रभाव समाज के एक बड़े वर्ग पर पड़ने का अनुमान है।
- केतु का कन्या राशि में गोचर तकनीक की दुनिया में एक नई क्रांति लाने का काम कर सकता है।
गूढ़ विज्ञान और अन्य क्षेत्र
- कन्या राशि में केतु के स्थित होने से आध्यात्मिक गतिविधियों में तेज़ी देखने को मिलेगी।
- जिन लोगों का संबंध गूढ़ विज्ञान से है, उन्हें केतु गोचर सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
- दुनियाभर के ज्योतिषियों, टैरो रीडर और अंक ज्योतिषियों को इसका लाभ मिलेगा।
- अध्यात्म और शांति की खोज में भारत आने वाले टूरिस्टों की संख्या में बढ़ोतरी आएगी। केतु का यह गोचर भारत के लिए कई तरह से फलदायी साबित होगा।
केतु का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए केतु ग्रह 30 अक्टूबर 2023 को आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। हालांकि, तीसरे भाव में केतु के गोचर को अच्छा माना जाता है इसलिए इस गोचर को आपके लिए फलदायी कहा जाएगा। इस भाव में बैठकर केतु ग्रह आपको शक्ति और साहस प्रदान करेंगे जिसके दम पर आप व्यापार में जोखिम उठाने में सक्षम होंगे और इसके परिणामस्वरूप, सफलता भी प्राप्त कर सकेंगे। इसके विपरीत, केतु की इस स्थिति का प्रभाव भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते पर पड़ सकता है और ऐसे में, आपका उनके साथ रिश्ता बिगड़ सकता है। इस अवधि में आपके और भाई-बहनों के बीच कितनी भी परेशानियां चल रही हों या फिर उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हों, आप उनका साथ हर कदम पर देंगे।
कार्यक्षेत्र में आपके शत्रुओं को असफलता हाथ लगेगी। लेकिन इसके विपरीत, आपको आर्थिक रूप से लाभ प्राप्त होगा। साथ ही, यह अवधि आपकी आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने का काम करेगी, तो वहीं केतु आपके जीवन को प्रगति की राह पर लेकर जाएंगे। अगर आप एथलीट हैं, तो केतु गोचर की अवधि आपके लिए अच्छी कही जाएगी। इस दौरान आपके कौशल में बढ़ोतरी होगी और ऐसे में, आपको आगे बढ़ने के कई बेहतरीन अवसर मिलेंगे। इन जातकों को रियल एस्टेट के माध्यम से लाभ होने की संभावना है। साथ ही, आप कुछ गंभीर सोच-विचार करते हुए नज़र आ सकते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए केतु ग्रह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में, आप खुद को ऐसी परिस्थितियों में पा सकते हैं जहां आप अपने विचारों में डूबे रहेंगे। हद से ज़्यादा सोच-विचार करने की वजह से आपको थकान और कभी-कभार नींद न आने की समस्या परेशान कर सकती है। साथ ही, आंखों से जुड़े रोग जैसे कि आंखों में दर्द, पानी आना और डार्क सर्कल आदि समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। आपका मन धार्मिक विचारों से भरा रहेगा और इस अवधि में आपका ज्यादातर समय तीर्थ यात्राओं में बीतेगा। आप प्राणायाम और ध्यान करते हुए भी देखे जा सकते हैं। केतु गोचर के दौरान निजी संबंधों को बनाए रखना आपको मुश्किल लग सकता है। ऐसे में, पार्टनर और आपके रिश्ते में प्रेम की कमी देखने को मिल सकती है।
जब केतु ग्रह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे उस समय से आपके जीवन का सुनहरा दौर शुरू हो जाएगा। इस अवधि में आपकी सभी इच्छाएं और मनोकामनाएं पूरी होंगी। आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा। साथ ही, विभिन्न स्रोतों से आपको धन लाभ प्राप्त करने के अनेक अवसर मिलेंगे। हालांकि, केतु गोचर के दौरान बच्चों को बदलावों का सामना करना पड़ सकता है और इस राशि वाले अपने प्रेम जीवन में भी परिवर्तन का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि, इस समय पैसा आपके लिए कोई बड़ी समस्या नहीं होगी और आर्थिक रूप से मज़बूत होना आपको ख़ुशी देने का काम करेगा।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए केतु ग्रह का गोचर आपके नौवें भाव में होगा। इस राशि वाले जो भी काम करेंगे बहुत सोचने-समझने और कार्य के अच्छे या बुरे परिणामों को जानने के बाद ही करेंगे क्योंकि संभव है कि इस दौरान आपको अपने काम से मनचाहे परिणाम नहीं मिल पा रहे हो। ऐसे में, आपको महसूस हो सकता है कि आपका ध्यान इन चीज़ों से हट रहा है। आशंका है कि आप काम के प्रति खुद को आत्म प्रेरित करने के बजाय अपना आत्मविश्वास खो रहे हों। इसके परिणामस्वरूप, काम से आपकी पकड़ ढीली हो सकती है। साथ ही, यह समय पारिवारिक जीवन के लिए उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है। लेकिन, 30 अक्टूबर 2023 से बाद की अवधि आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। कुंडली का नौवां भाव सक्रिय होने से आप तीर्थस्थलों और लंबी दूरी की यात्रा का आनंद लेते हुए नज़र आएंगे।’
ऐसे में, आप और आपका परिवार तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं। आपका जीवन और मन-मस्तिष्क दोनों ही पहले की तुलना में स्थिर रहेगा। लेकिन, केतु गोचर के दौरान आप तनावग्रस्त नज़र आ सकते हैं और पिता के साथ आपका रिश्ता बिगड़ने की आशंका है। फलस्वरूप, इन जातकों को पिता के साथ अपने रिश्ते को सुधारने की कोशिश करनी होगी। साथ ही, उनकी सेहत का ख्याल भी रखना होगा। धार्मिक यात्राओं की वजह से आपका झुकाव अध्यात्म की तरफ बढ़ सकता है। केतु के कन्या राशि में गोचर के दौरान भाग्य आपका साथ देगा और आप हर काम में सफलता हासिल करेंगे। बिज़नेस के क्षेत्र में भी कामयाबी आपके कदम चूमेगी।
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केतु का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों को करेगा नकारात्मक रूप से प्रभावित
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के पांचवें भाव में केतु का गोचर होगा और इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों को अपने रिश्ते में समस्याओं और तनाव का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपके और पार्टनर के बीच आपसी समझ और तालमेल ज्यादा अच्छा नहीं है, तो आप दोनों गलतफ़हमियों का शिकार हो सकते हैं जिसकी वजह से आपका रिश्ता टूट सकता है। आपको बता दें कि केतु ग्रह को अलगाव का ग्रह माना जाता है।
इसके परिणामस्वरूप, आपको किसी नए रिश्ते में धोखा मिलने के आसार हैं या फिर इस अवधि में आपका लंबे समय से चल रहा रिलेशनशिप टूट सकता है। ऐसे में, आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। केतु का कन्या राशि में गोचर होने से वृषभ राशि के छात्रों की पकड़ मुश्किल विषयों में मज़बूत होगी। लेकिन, इसके बावजूद भी इन सब्जेक्ट्स में अच्छे अंक हासिल करने की संभावना बेहद कम है। जिन जातकों का विवाह हो चुका है, उन्हें संतान से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको बच्चों के हित को लेकर सावधान रहना होगा।
सिंह राशि
केतु महाराज 30 अक्टूबर 2023 को आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे और इस भाव का संबंध वाणी से है। ऐसे में, केतु के दूसरे भाव में गोचर होने की वजह से आपके बातचीत करने के तरीके में बदलाव देखने को मिल सकता है। इस दौरान आप ऐसी बातों को बोलते हुए दिखाई दे सकते हैं जिसके दो अर्थ होंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपको किसी से भी बात करते समय बेहद सावधान रहना होगा क्योंकि इस अवधि में आप जो भी कहेंगे ईमानदारी से और बेबाक होकर कहेंगे। ऐसे में, आपकी बात को समझना दूसरों के लिए मुश्किल हो सकता है। संभावना है कि आप जो भी कहेंगे उन्हें दूसरों के द्वारा गलत समझा जाएं।
केतु गोचर के दौरान आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने की संभावना बेहद कम है। इसके विपरीत, यह दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जाएगी इसलिए आपको बहुत सावधान रहना होगा। साथ ही, वित्तीय स्थिति को मज़बूत करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे, तब ही आप धन से जुड़े मामलों को संभालने में सक्षम होंगे। यदि आपके भाई-बहन आपका नियमित रूप से सहयोग करेंगे, तो आप धन लाभ कमाने में सफल हो सकते हैं। संभव है कि केतु गोचर की अवधि में आपको आंखों से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ें और ऐसे में, आपको चश्मा पहनने की नौबत आ सकती है। यदि आप देर रात तक जागते रहते हैं, तो इन जातकों को अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा क्योंकि आपको डार्क सर्कल होने की आशंका है।
तुला राशि
तुला राशि के जातक अकेलापन महसूस कर सकते हैं और इस अवधि में आपको अपनी अंतरात्मा में झांकने का मौका मिलेगा। ऐसे में, आप स्वयं को जानने तथा समझने में सक्षम होंगे। आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि इस दुनिया में आपके जैसा कोई नहीं है और आप लोगों से मिलने-जुलने को लेकर उत्साहित नहीं रहेंगे। इस दौरान गूढ़ विज्ञान जैसे तंत्र-मंत्र आदि में आपकी रुचि बढ़ सकती हैं। साथ ही, आप धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हुए दिखाई देंगे। केतु ग्रह आपके लग्न भाव से निकलकर बारहवें भाव में गोचर करेगा और इसके परिणामस्वरूप आपके खर्चों में वृद्धि होने की आशंका है।
अनचाहे खर्चें आने की वजह से आप दबाव महसूस करेंगे और ऐसे में, आप आप भी करना पसंद करेंगे जो आप नहीं करना चाहते होंगे। आर्थिक स्थिति भी इस समय ज्यादा अच्छी नहीं रहेगी, लेकिन इस अवधि का उपयोग आप आध्यात्मिक रूप से प्रगति पाने में कर सकते हैं जिसमें आपको सफलता मिलने की संभावना है। इस समय आपको अपना ध्यान रखने की और रोगों से बचने की सलाह दी जाती है। केतु का कन्या राशि में गोचर आपके लिए विदेश यात्रा के मौके लेकर आ सकता है। यदि आप विदेश से संबंधित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं या विदेश यात्रा पर जाने के इच्छुक हैं, तो अब आपको सफलता मिल सकती है।
केतु का कन्या राशि में गोचर: जरूर करें ये प्रभावी उपाय
- प्रतिदिन केतु के बीज मंत्र ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः केतवे नमः’ का 108 बार जाप करें।
- गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल, गर्म कपड़े और अन्य जरूरी वस्तुओं का दान करें।
- नियमित रूप से कुत्तों को खाना खिलाएं। अगर काले कुत्ते को खिलाएंगे, तो ज्यादा प्रभावी रहेगा।
- केतु के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए भगवान गणेश की प्रतिदिन पूजा करें।
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