विलासिता का ग्रह चंद्रमा की राशि में- कितना शुभ रहेगा यह गोचर? पढ़ें राशि अनुसार अपना गोचरफल!

अपने इस खास ब्लॉग में आज हम बात करेंगे अगस्त की शुरुआत में ही होने वाले शुक्र के एक महत्वपूर्ण गोचर की। साथ ही जानेंगे इसका सभी 12 राशियों पर क्या कुछ अच्छा बुरा प्रभाव पड़ने वाला है। इसके अलावा जिन राशियों पर इस गोचर का नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है उन्हें क्या कुछ उपाय करके इस गोचर का प्रभाव अपने जीवन से कम या दूर करना चाहिए इसकी जानकारी भी हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान करेंगे।

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सबसे पहले बात करें शुक्र के गोचर की तो वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह का दर्जा दिया गया है और यह बेहद महत्वपूर्ण ग्रह भी है। 7 अगस्त को शुक्र ग्रह चंद्रमा के आधिपत्य वाली कर्क राशि में गोचर करने वाला है। आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं शुक्र के गोचर का समय, इसकी अवधि और इस गोचर से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातों के साथ इस गोचर के राशि अनुसार प्रभावों की विस्तृत जानकारी। 

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कर्क राशि में शुक्र गोचर: समय और अवधि 

शुक्र ग्रह 7 अगस्त 2023 को उल्टी गति अर्थात वक्री गति में चलते हुए कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस राशि में शुक्र ग्रह 2 अक्टूबर तक रहेंगे। 4 सितंबर 2023 को इसी राशि में शुक्र मार्गी अर्थात अपनी सीधी गति में भी आ जाएंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 18 अगस्त को शुक्र कर्क में ही उदित भी हो रहे हैं और फिर 2 अक्टूबर को शुक्र कर्क राशि से सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे। 

अर्थात शुक्र का यह गोचर 7 जुलाई से 2 अक्टूबर की अवधि के दौरान रहने वाला है। इस दौरान शुक्र एक बार अपनी अवस्था बदलेंगे और एक बार उदित होंगे।

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शुक्र कर्क में – क्या होता है प्रभाव? 

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को प्रेम, इच्छाओं, विलासिता, अभिव्यक्ति, भौतिक सुख, समृद्धि, आदि का कारक माना गया है। वहीं कर्क राशि की बात करें तो यह भावना प्रधान प्रेम पूर्ण और एक बेहद ही कोमल राशि है। ऐसे में जब शुक्र ग्रह कर्क राशि में होता है तो यह स्थिति गहन अनुभूतियों को प्रदान करने वाली साबित होती है। इस दौरान व्यक्ति के भाव अर्थात इमोशंस चरम पर होते हैं। 

शुक्र ग्रह की सौम्यता और कर्क की कोमलता जब एक साथ मिलती है तो व्यक्ति बेहद ही भावुक स्वभाव के हो जाते हैं। इसके अलावा क्योंकि शुक्र को हृदय से संबंधित ग्रह कहा गया है और कर्क राशि भी मन को दर्शाती है ऐसे में जब इस ग्रह और इस राशि की ऊरजाएँ एक साथ आती हैं तो व्यक्ति के जीवन में गहरा असर देखने को मिलता है। इस अवधि में जातक दिमाग से ज्यादा अपने दिल की सुनते हैं, वह अपनी अनुभूतियों के दम पर आगे बढ़ते हैं, अपने जीवन में सुरक्षा और आराम पर ज्यादा ध्यान देते हैं, साथ ही दूसरों के प्रति दया, प्रेम और परोपकारिता का गुण इनमें उभर कर देखने को मिलता है।

  • कर्क राशि में शुक्र का होना व्यक्ति को आकर्षक स्वभाव का बनाता है। 
  • शालीन और सौम्य बनाता है। 
  • ऐसे व्यक्ति दूसरों से प्यार करते हैं और खुलकर अपना प्यार ज़ाहिर भी करते हैं। 
  • साथ ही अपनी सुख-सुविधाओं के साथ औरों की सुख-सुविधाओं पर भी ध्यान देते हैं। 
  • जातक इस अवधि में बेहद ही कोमल और उदार स्वभाव के बन जाते हैं। 
  • इसके अलावा ऐसे जातकों के अंदर ऐसी खूबी होती है कि वह अपने विचारों से ही किसी का भी मन मोह लेते हैं। 
  • इसके अलावा कर्क राशि में शुक्र के होने से जातक प्यार के मामले में बेहद ही भावुक होते हैं और अपने रिश्ते के प्रति बेहद ही ईमानदार होते हैं। 
  • ऐसे जातक अपने पार्टनर से भावनात्मक सुरक्षा और लगाव की इच्छा अधिक रखते हैं।

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शुक्र को मजबूत बनाते हैं ये ज्योतिषीय उपाय 

आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं शुक्र के कुछ ज्योतिषीय उपायों की जानकारी जिन्हें करके आप भी अपनी कुंडली में मौजूद शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं और इस ग्रह से मिलने वाले शुभ फल अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं। 

  • अपने आसपास जितने हो सके साफ सफाई रखें। 
  • महिलाओं का सम्मान करें। 
  • गलत और अनुचित कार्यों से दूर रहें। 
  • किसी को धोखा ना दें। 
  • किसी भी हालत में अपनी वाणी को खराब ना करें। 
  • मां लक्ष्मी की पूजा करें। 
  • सफेद वस्त्र अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें और मुमकिन हो तो सफेद वस्त्रों का दान भी करें। 
  • इसके अलावा रोजाना शुक्र के इस बेहद ही शुभ मंत्र का जाप करें ”ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”।

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शुक्र गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके परिवार के दूसरे भाव वित्त, वाणी, और जीवनसाथी के सातवें भाव का स्वामी है और अब शुक्र का कर्क में गोचर के दौरान आपके ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न भाव का स्वामी है और छठे भाव का स्वामी आपके भाई-बहनों, शौक, छोटी दूरी की यात्रा, संचार कौशल के तीसरे घर में वक्री हो रहा है। ऐसे में वृषभ राशि के जातकों को ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम भाव और बारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके परिवार, बचत, और वाणी के दूसरे भाव में वक्री होने जा रहा है। ऐसे में मिथुन राशि के जातकों को….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके चौथे भाव और ग्यारहवें भाव के शासक के साथ एक शुभ ग्रह भी है लेकिन अब यह आपके लग्न में वक्री हो रहा है इसीलिए कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का कर्क में गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके तीसरे भाव और दशम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान विदेशी भूमि, खर्च के बारहवें भाव में वक्री होने जा रहा है। ऐसे में सिंह राशि के….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र धन के दूसरे घर और भाग्य के नौवें घर को नियंत्रित करता है और अब यह वित्तीय लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहनों, और चाचा (पटेरनल अंकल) के ग्यारहवें घर में वक्री हो रहा है। यूं तो शुक्र ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

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तुला राशि 

शुक्र तुला राशि के लग्न भाव और अष्टम भाव का स्वामी है और अब पेशे के दशम भाव में वक्री होने जा रहा है। ऐसे में शुक्र के इस महत्वपूर्ण गोचर से ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके बारहवें और सातवें भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ यात्रा, भाग्योदय के नवम भाव में वक्री होने जा रहा है। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके छठे भाव और एकादश भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान दीर्घायु (लंबी उम्र), अचानक होने वाली घटनाओं, गोपनीयता के अष्टम भाव में वक्री होने जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके पंचम और दशम भाव का स्वामी है और अपने इस गोचर के दौरान विवाह, जीवनसाथी, और व्यवसाय में साझेदारी के सप्तम भाव में वक्री होने जा रहा है। शुक्र ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और अपने इस गोचर के दौरान शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता, मामा के छठे भाव में वक्री होने जा रहा है। शुक्र मकर राशि….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

मीन राशि 

शुक्र मीन राशि के तीसरे और अष्टम भाव का स्वामी है और अपने इस गोचर के दौरान शिक्षा, प्रेम संबंधों, और संतान के पांचवें भाव में वक्री होने जा रहा है। मीन राशि के जातकों को ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

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