वैदिक ज्योतिष ये मानता आया है कि हम मनुष्य जो भी कर चुके हैं या कर रहे हैं या फिर भविष्य में जो कुछ भी करने वाले हैं, इन सब का संबंध कहीं न कहीं ग्रहों की स्थिति व उसके चाल से होता है। ग्रह हमारे जीवन पर विशेष अधिकार रखते हैं। हर ग्रह अपने स्वभाव व स्थिति के अनुसार न सिर्फ हमारे जीवन पर नकारात्मक या सकारात्मक प्रभाव डालता है बल्कि इन ग्रहों की वजह से हमारे रिश्ते भी बनते बिगड़ते रहते हैं।
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ऐसे में आज हम आपको इस लेख में उन ग्रहों के बारे में बताने वाले हैं जिनकी वजह से आपके किसी से भी रिश्ते बनते या बिगड़ते हैं और साथ ही हम इस लेख में आपको इस समस्या से निपटने के ज्योतिषीय उपाय भी बताएंगे।
ग्रह और उनका हमारे रिश्ते पर प्रभाव
सूर्य ग्रह
किसी भी पुरुष जातक की कुंडली में सूर्य देवता को पिता का कारक माना जाता है। महिलाओं की कुंडली में यह पति का कारक होता है। ऐसी स्थिति में यदि सूर्य कमजोर हो तो जातकों के अपने पिता के साथ अच्छे संबंध नहीं रहते हैं। वहीं महिलाओं की कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो उस महिला के अपने पति के साथ संबंध खराब हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में सूर्य को मजबूत करने के उपाय करने चाहिए।
उपाय : सूर्य को मजबूत करने के लिए सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद तांबे के पात्र में गंगाजल, लाल पुष्प व अक्षत डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
चंद्र ग्रह
चंद्रमा किसी भी जातक की कुंडली में माता का कारक माना जाता है। यानी अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो उसके संबंध अपने माता के साथ बेहतर नहीं रहते हैं। इसके साथ-साथ मानसिक तनाव भी जातकों को परेशान करता है। ऐसे में इन जातकों को चंद्रमा शांति के उपाय करने चाहिए।
उपाय : सोमवार को उपवास रखें व सफेद वस्त्र धारण करें। भगवान शिव की उपासना करें और उन्हें जल व सफेद पुष्प अर्पित करें।
मंगल ग्रह
मंगल ग्रह किसी भी जातक की कुंडली में भाई बहन के साथ संबंधों का कारक माना जाता है। यदि मंगल मजबूत हो तो जातक के भाई-बहन उन्नति भी करते हैं और उनके साथ जातक के संबंध भी अच्छे रहते हैं। कमजोर मंगल की वजह से भाई बहनों में हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहती है। साथ ही कमजोर मंगल की वजह से जातकों के शत्रु भी प्रबल होते हैं। ऐसे जातकों को मंगल शांति के उपाय करने चाहिए।
उपाय : मंगलवार को लाल वस्त्र धारण करें। हनुमान जी की पूजा करें और उन्हें बूंदी के लड्डू अर्पित करें।
बुध ग्रह
बुध किसी भी जातक की कुंडली में ननिहाल पक्ष से संबंध का कारक माना जाता है। बुध यदि कमजोर हो तो ऐसे जातकों को व्यवसाय में घाटा होने लगता है और ननिहाल पक्ष के साथ रिश्ते बिगड़ने लगते हैं। ऐसे में जातकों को बुध शांति के उपाय करने चाहिए।
उपाय : बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें। उन्हें दूर्वा अर्पित करें और इस दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करें।
बृहस्पति ग्रह
बृहस्पति को सभी ग्रहों में गुरु का दर्जा प्राप्त है। बृहस्पति किसी भी जातक की कुंडली में शिक्षक, दादा-दादी व घर के बड़े बुजुर्गों के साथ संबंध का कारक माना जाता है। यदि बृहस्पति कमजोर हो तो उस जातक के जीवन में तरक्की रुक जाती है और दादा-दादी, शिक्षक व घर के बुजुर्गों के साथ संबंध बिगड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में गुरु शांति का उपाय करें।
उपाय : गुरु शांति के लिए बृहस्पतिवार के दिन उपवास रखें। पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पूजा कर, उन्हें तुलसी पत्र अर्पित करें।
शुक्र ग्रह
यदि आपका वैवाहिक जीवन खराब दौर से गुजर रहा है तो हो सकता है कि आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर हो। शुक्र किसी भी जातक की कुंडली में वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। इसके अलावा कमजोर शुक्र की वजह से जीवन में दरिद्रता का प्रवेश होता है। ऐसी स्थिति में जातकों को शुक्र शांति के उपाय करने चाहिए।
उपाय : शुक्रवार के दिन व्रत रखें। सफेद वस्त्र धारण करें। शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें और श्री सूक्तं का पाठ करें।
शनि, राहु और केतु
यदि किसी जातक की कुंडली में शनि, राहु और केतु नकारात्मक फल देने की स्थिति में बैठे हों तो ऐसे जातकों के अपने दोस्त-मित्र व सहयोगियों से संबंध बिगड़ जाते हैं। इसके साथ-साथ बने बनाए कार्य में रुकावट आने लगती है और मानसिक व शारीरिक समस्याएं भी परेशान करने लगती हैं। ऐसे में जातकों को इन तीन ग्रहों के शांति हेतु उपाय करने चाहिए।
उपाय : शनिवार के दिन काले कपड़े पहनें। भगवान हनुमान की पूजा करें। दान-पुण्य व धर्म-कर्म करें।
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