जानें आखिर क्यों घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए बड़ी मूर्तियां, वजह कर देगी हैरान !

सभी हिन्दू घरों में विशेषतौर पर एक छोटा मंदिर जरूर देखने को मिलता है। घरों में मंदिर रखने की परंपरा काफी प्राचीन काल से ही चली आ रही है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार घर में मंदिर रखने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती है और घर में सकारात्मकता आती है। प्रायः लोग अपने घर में बने मंदिर को काफी सजा कर और आस पास स्वछता बना कर रखते हैं। हालाँकि मंदिर से जुड़े और भी कई ऐसे नियम हैं जिनका पालन जरूर किया जाना चाहिए। आज हम आपको मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे ही विशेष नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें घर के मंदिर में बड़ी मूर्तियों को नहीं रखे जाने का भी जिक्र करेंगे। आइये जानते हैं मंदिर से जुड़े इन अहम नियमों के बारे में। 

घर के मंदिर का महत्व 

हिन्दू धर्म के अनुसार प्रत्येक घर में एक छोटा मंदिर जरूर होना चाहिए। यदि ईश्वर में आपकी आस्था है तो प्रतिदिन घर के मंदिर की सफाई करें और वहां दीया जरूर जलाएं। मान्यता है कि घर में मंदिर होने से परिवार का कल्याण होता है, घर में सकारात्मक शक्तियां आती है और नकारात्मकता दूर होती है। इसके साथ ही साथ घर में मंदिर होने से आपका बुरी शक्तियों से बचाव होता है और धन धान्य में वृद्धि होती है। गौरतलब है कि यदि घर में आप मंदिर रखते हैं तो आपको विशेष रूप से उसके कुछ नियमों का पालन भी जरूर करना चाहिए। 

घर के मंदिर में इसलिए नहीं रखनी चाहिए बड़ी मूर्तियां 

घर में बने मंदिर से जुड़े प्रमुख नियमों के अनुसार मंदिर में आपको कभी भी किसी भी भगवान् की बहुत बड़ी मूर्ती नहीं रखनी चाहिए। हालांकि कुछ लोग मंदिर को भव्य बनाने के लिए वहां बड़ी बड़ी मूर्तियों का प्रयोग भी करते हैं, जबकि ऐसा करना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार खासतौर से घर के मंदिर में शिवलिंग कभी भी अपने अंगूठे से बड़े आकार का नहीं रखना चाहिए। घर के मंदिर में बड़ी मूर्तियों को रखना इसलिए वर्जित माना जाता है क्योंकि उनके खंडित होने का डर बना रहता है। 

घर के मंदिर से जुड़े इन प्रमुख नियमों को भी जरूर जान लें 

  • घर के मंदिर में भूलकर भी खंडित मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। खंडित मूर्तियों को घर में रखना बेहद अशुभ माना जाता है। मंदिर में किसी भी भगवान् की खंडित मूर्ती रखने से उसके अशुभ प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकते हैं। 
  • यदि आपके घर में पूजा घर नहीं है या मंदिर खुले में है तो रात को सोते वक़्त हमेशा मंदिर के आगे एक पर्दा लगा देना चाहिए। माना जाता है कि जिस प्रकार से रात के वक़्त हम लोग आराम करते हैं उसी प्रकार से देवता भी विश्राम करते हैं। 
  • घर के मंदिर का दरवाजा हमेशा पूर्व दिशा की तरफ होनी चाहिए। इसके साथ ही साथ पूजा के लिए बैठते समय हमेशा अपना मुँह पूर्व दिशा की तरफ ही रखें। 
  • घर का मंदिर कभी भी शौचालय के समीप नहीं बनवाना चाहिए। ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है। 
  • घर का मंदिर हमेशा ऐसी जगह पर होनी चाहिए जहाँ सीधी सूरज की रौशनी और हवा आती हो। 
  • घर में मंदिर बनवाने पर सुबह शाम वहां पूजा अर्चना जरूर की जानी चाहिए। इससे सकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश करती हैं।

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