ग्रह दशा का खराब होना भी हो सकता है “थायरॉइड” का कारण, जानें इससे बचने के उपाय !

थायरॉयड ग्रंथि हमारी गर्दन में स्थित है, और यह ग्रंथि हार्मोन को स्रावित करने के लिए जिम्मेदार होती है, जो मुख्य रूप से हमारे शरीर को ऊर्जा का प्रदान करते हैं। इसलिए, ये हार्मोन हमारे शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करते हैं । जब यह ग्रंथि बहुत अधिक या बहुत कम हार्मोन बनाने लगती है, तो हम थका हुआ, बेचैन या अचानक वजन कम होने या बढ़ने की समस्या से पीड़ित होने लगते हैं। हालाँकि ये बीमारी शुरूआती दिनों में जानलेवा नहीं है लेकिन थायरॉइड कैंसर और ऐसे मामलों में जहां सर्जरी की आवश्यकता होती है, वहां स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है। थायरॉइड रोग का मुख्य कारण शरीर में आयरन की कमी, अनुवांशिक समस्या, कैंसर ट्यूमर या ऑटोइम्म्यून बीमारियां होती हैं। लेकिन कभी-कभार व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों और नक्षत्रों की दशा में परिवर्तन होने से भी व्यक्ति इस रोग से ग्रसित हो सकता है। आज इस लेख के जरिये हम आपको थायरॉइड होने के ज्योतिषीय कारण और उसके निवारण के बारे में बताने जा रहे हैं।

थायरॉइड होने के ज्योतिषीय कारण

थायरॉइड एक ऐसी बीमारी है जिसका ना तो जल्दी पता चलता है और पता चलने पर ना ही आसानी से इसका इलाज हो पाता है। इसलिए मेडिकल साइंस ये नहीं बता सकती है कि कोई व्यक्ति कब इस रोग से ग्रसित हो सकता है या नहीं हो सकता। दूसरी तरफ ज्योतिषशास्त्र हमें व्यक्ति की कुंडली में मौजूद ग्रहों और नक्षत्रों की दशा को देखकर इस रोग के होने के कारणों के बारे में जानकारी दे सकता है। आईये कुंडली में मौजूद उन ग्रह दशाओं से आपको अवगत करवाते हैं जो इस रोग के होने के मुख्य कारण हैं।

  • सूर्य और बृहस्पति की युति : वो व्यक्ति कभी ना कभी थायरॉइड से पीड़ित हो सकता है जिसकी जन्म कुंडली में सूर्य और बृहस्पति की युति होती है। इसके साथ ही इस युति पर यदि शनि, राहु और मंगल की हानिकारक दृष्टि हो तो भी व्यक्ति इस रोग से ग्रसित हो सकता है। लिहाजा आपकी कुंडली में ऐसे योग होने से आप भी थायरॉइड की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं।
  • पहला और दूसरा भाव : व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार यदि जातक के लग्न भाव में किसी हानिकारक ग्रह की दृष्टि हो तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति जीवन में कभी भी इस बीमारी से ग्रसित हो सकता है।
  • पहले और दूसरे भाव का स्वामी : जब व्यक्ति की कुंडली के पहले और दूसरे भाव का स्वामी छठे, आठवें और बारहवें भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति  थायरॉइड का शिकार हो सकता है। ग्रहों की ऐसी अवस्था में होने से व्यक्ति को थायरॉइड से संबंधित अन्य रोग भी हो सकते हैं।

थायरॉइड होने के ज्योतिषीय कारण

वैदिक ज्योतिष, वेदों के अध्ययन से जुड़े छह सहायक विषयों में से एक है जो हमें हमारे जीवन में आने वाली किसी भी समस्या के बारे में न केवल भविष्यवाणी देता है बल्कि उन समस्याओं से निबटने में भी सहायता करता है। इसी प्रकार से आज वैदिक ज्योतिष की मदद से हम आपको थायरॉइड जैसी बीमारी से निजात पाने के कारगर उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। आईये एक नजर डालें इन उपायों पर:

  • पहले घर के स्वामी की स्थिति को मजबूत करें : कुंडली का पहला भाव या लग्न भाव विशेष रूप से व्यक्ति के “स्व” और ऊपरी शरीर के अंगों का कारक माना जाता है। इस प्रकार से, थायरॉइड ग्रंथि हमारे गले में मौजूद होती है, लिहाजा इससे जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से निजात पाने के लिए व्यक्ति को अपने लग्न भाव के स्वामी की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और उसकी स्थिति को मजबूत करने का प्रयत्न करना चाहिए।
  • दूसरे घर के स्वामी को शांत रखें : व्यक्ति की जन्म कुंडली में, दूसरा भाव विशेष रूप से बोलने की क्षमता यानि कि गले से संबंधित होता है। लिहाजा यदि किसी व्यक्ति को थायरॉइड रोग के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे अपने दूसरे भाव के स्वामी को शांत रखने के लिए ज्योतिषीय उपाय करने चाहिये। ऐसा करके गले से जुड़ी विभिन्न समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।
  • जन्म कुंडली में सूर्य को प्रभावशाली बनाएं : सूर्य को खासतौर से हिन्दू धर्मशास्त्र में जीवन और ऊर्जा का कारक माना जाता है। इसके साथ ही व्यक्ति की कुंडली की गणना करने के लिए भी सूर्य की स्थिति ख़ासा मायने रखती है। व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की दशा की वजह से थायरॉइड रोग होने का कारण नजर आ रहा हो तो ऐसे में ग्रहों को कुंडली में अनुकूल बनाने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ ही साथ आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करना भी विशेष लाभकारी साबित हो सकता है। प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठें और उगते हुए सूर्य के दर्शन करें इससे भी थायरॉइड की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
  • नियमित व्यायाम : जैसा कि हम सभी जानते हैं व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने के लिए रोजाना सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करना चाहिए। थायरॉइड रोग से निवारण के लिए भी यदि सुबह जल्दी उठकर व्यायाम किया जाए और हेल्दी रूटीन अपनाया जाए तो इस रोग से निश्चित रूप से निजात पाया जा सकता है।

हम आशा करते हैं “ थायरॉइड” पर आधारित हमारा ये लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। हम आपके स्वास्थ्य जीवन की कामना करते हैं !

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