रक्षाबंधन विशेष: इन दो कारणों से ख़ास होगी इस बार की राखी !

आने वाले 15 अगस्त को देश भर में भाई बहन के प्यार के त्यौहार यानि की रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस दिन को भाई बहन के अटूट प्यार के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस बार इस दिन कुछ ऐसे ख़ास संयोग बनने जा रहे हैं जिस वजह से इस त्यौहार का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। ये वो ख़ास वजहें है जो इस त्यौहार को इस साल और भी ज्यादा ख़ास बना देगी। आइये जानते हैं आखिर कौन से हैं वो प्रमुख कारण जो इस त्यौहार को इस साल बेहद खास बना रही है। 

ज्योतिषीय परिप्रेक्ष्य से भी ख़ास होगा राखी का त्यौहार 

ज्योतिषीय दृष्टिकोण की बात करें तो रक्षाबंधन का त्यौहार इस बार इसलिए भी ख़ास है क्योंकि ये गुरुवार के दिन मनाई जायेगी। बता दें कि गुरुवार के दिन इस त्यौहार को मनाये जाने के पीछे एक पौराणिक कथा भी जुड़ी है। इसके अनुसार एक बार बृहस्पति देव ने देवलोक पर दानवों के हमले का सामना करने के लिए देवराज इंद्र की पत्नी से राखी बंधवाई थी जिसके बाद उन्हें युद्ध में जीत मिली और उनके प्राणों की रक्षा भी हुई। इसलिए भी इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार गुरुवार के दिन आने से इसे ख़ास माना जा रहा है। 

इस बार रक्षाबंधन पर नहीं लगेगा भद्रा काल 

बता दें कि रक्षाबंधन के त्यौहार को इस बार जो चीज सबसे ख़ास बनाती है वो है इस दिन का भद्रा मुक्त होना। भद्रा मुक्त राखी के महत्व को समझने के लिए आपको सबसे पहले भद्राकाल के बारे में जानना बेहद जरूरी है। असल में भद्रा काल को ज्योतिषशास्त्र में बेहद अशुभ समय माना जाता है और इस दौरान राखी नहीं बाँधी जाती है। वैदिक ज्योतिष की माने तो भद्रा को सूर्य देव की बेटी और शनिदेव की बहन माना जाता है। चूँकि भद्रा का स्वभाव बेहद क्रूर होता है इसलिए इसे मुख्य रूप से किसी भी शुभ काम के लिए वर्जित माना जाता है। एक अन्य पौराणिक मान्यता के अनुसार रावण की बहन ने उसे भद्रा काल के दौरान ही राखी बाँधी थी और उसका अंत कैसे हुआ इस बात से सभी भली भांति ज्ञात हैं। चूँकि इस बार रक्षाबंधन के त्यौहार पर भद्राकाल नहीं लग रहा है इसलिए इस दिन आप सूर्योदय से लेकर शाम सूर्यास्त तक किसी भी वक़्त अपने भाई की कलाई पर राखी बाँध सकते हैं। 

इसके साथ ही साथ इस बार ये त्यौहार श्रावण पूर्णिमा ग्रहण से भी मुक्त रहेगा। इसलिए इस दिन को भाई बहन के सौभाग्य के लिए बेहद ख़ास माना जा रहा है। भद्रा और ग्रहण रहित काल में भाई की कलाई पर राखी बाँधने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और आपस में प्यार बना रहता है। 

राखी का शुभ मुहूर्त 

रक्षा बंधन की तारीख : गुरुवार, 15 अगस्त 

राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त : 05:49:59 से 18:01:02 तक

अवधि : 12 घंटे 11 मिनट 

राखी बाँधने का अपराह्न मुहूर्त : 13:44:36 से 16:22:48 तक

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.