पूजा के लिए भूलकर भी ना करें स्टील के बर्तनों का प्रयोग, जानें आखिर क्या है वजह !

हिन्दू धर्म में यूँ तो ऐसी बहुत सी बातें हैं जिसका पालन हर किसी को करना चाहिए लेकिन उनमें से भी कुछ ही ऐसी बातें होती है जिसका पालन लोग कर पाते हैं। लेकिन जब बात आती है ईश्वर भक्ति की तो विशेष रूप से इस दौरान भूलकर भी कोई ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए जिसके दुष्परिणाम आपको बाद में झेलने पड़े। पूजा पाठ के लिए अक्सर लोग कुछ ख़ास बर्तनों का प्रयोग करते हैं, आज कल बहुत से ऐसे भी लोग हैं जो पूजा के लिए स्टील के बर्तनों का प्रयोग करते हैं, जबकि उन्हें ऐसा भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों स्टील के बर्तनों को पूजा पाठ के लिए वर्जित माना जाता है। आइये जानते हैं क्या है इसके पीछे की मुख्य वजह।

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा पाठ के लिए हर किसी को ख़ास नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। खासतौर से जो नियम हमारे शास्त्रों में बताये गए हैं उसकी अवहेलना भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। ईश्वर की पूजा अर्चना के लिए विशेष रूप से स्टील के बर्तनों का प्रयोग वर्जित माना गया है। माना जाता है कि ईश्वर की पूजा के लिए प्रयोग किये जाने वाले विभिन्न धातुओं का अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।

पूजा के लिए इन धातुओं के बर्तनों का प्रयोग वर्जित माना जाता है

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विशेष रूप से हिन्दू धर्म में पूजा पाठ के दौरान स्टील, एल्मुनियम और लोहे के बर्तनों का प्रयोग वर्जित माना जाता है। अगर आप इन धातु से बने ईश्वर की मूर्ती की भी पूजा करते हैं तो उसका फल आपको ना के बराबर ही मिलता है। आपके मन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा की आखिर इस धातु के बर्तनों को अशुभ क्यों माना जाता है। बता दें कि स्टील के बर्तन मानव निर्मित होते हैं इसलिए उसका प्रयोग वर्जित माना गया है। एल्मुनियम के बर्तनों में जल्द कालिख लग जाती है इसलिए उसे भी वर्जित माना जाता है। बात रही लोहे के बर्तनों की तो उनमें जंग लग जाने की वजह से पूजा के प्रयोग के लिए वर्जित माना गया है।

पूजा के लिए इन बर्तनों का प्रयोग माना जाता है शुभ

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा पाठ के लिए जिन बर्तनों को शुभ माना जाता है वो खासतौर से प्राकृतिक धातु के बने होने चाहिए। इसलिए पूजा के दौरान पीतल, तांबा, सोना और चांदी के बर्तनों का प्रयोग करना शुभ फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ईश्वर को प्रसाद चढ़ाने या जलाभिषेक करते समय केवल इन्हीं धातुओं से बने बर्तनों का प्रयोग करना चाहिए। बहरहाल अब आप जान चुके होंगें की आखिर क्यों स्टील आदि के धातुओं का प्रयोग पूजा-पाठ के दौरान करना वर्जित माना जाता है। अगर आप भी आजतक पूजा के लिए स्टील के बर्तनों का प्रयोग करते आ रहे हैं तो इसे तत्काल रूप से बंद कर दें।

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