मंगल ग्रह और करियर पर उसका असर

ज्योतिष की दुनिया में, मंगल को काल पुरुष का पराक्रम माना गया है।  व्यक्ति की कुंडली में मौजूद मंगल ग्रह जीवन पर शुभ-अशुभ प्रभाव डालने के साथ-साथ हमारे करियर को भी बेहतर दिशा और दशा देने में सहायक होता है। तो आइये आज जानते हैं मंगल ग्रह का कुंडली के सभी भावों पर क्या प्रभाव पड़ता है और साथ ही जानते हैं कि, कुंडली में मौजूद मंगल ग्रह कैसे हमारे करियर और पेशे को भी नियंत्रित करता है।

कुंडली में अलग-अलग भावों में मंगल ग्रह के प्रभाव के साथ-साथ यदि आप खुद के लिए उपयुक्त करियर की व्यक्तिगत और विस्तृत जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो कॉग्निएस्ट्रो करियर काउंसलिंग रिपोर्ट इसमें आपकी मदद कर सकती है। करियर और नौकरी दो ऐसे विषय हैं जिनके बारे में लोग अधिकतर समय परेशान या चिंतित रहते ही हैं। ऐसे में यदि आप भी ऐसी दुविधा में हैं तो आप अभी हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से किसी भी सवाल का जवाब जानने के लिए प्रश्न पूछ सकते हैं, और साथ ही जीवन में सही दिशा भी पा सकते हैं।

ज्योतिष में मंगल ग्रह 

लग्ने व्यये च पाताले, जामित्रे चाष्ट कुजे।

कन्या जन्म विनाशाय, भर्तुः कन्या विनाशकृत।।

ज्योतिष में मंगल को कालपुरुष का पराक्रम माना गया है। ग्रह मंडल में इन्हें सेनापति का पद प्राप्त है। मंगल पराक्रम, स्फूर्ति, साहस, आत्मविश्वास, धैर्य, देश प्रेम, बल, रक्त, दृढ़ता, महत्वाकांक्षा, खतरे उठाने की शक्ति, क्रोध, घृणा, उत्तेजना, झूठ एवं शस्त्र विद्या के अधिपति माने गये हैं। मंगल मेष व वृश्चिक राशि के स्वामी हैं। यह मकर राशि में उच्च के एवम् कर्क राशि में नीच के होते है। मंगल को मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। मंगल ग्रह शुभता का प्रतीक भी है।

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इस ग्रह की मूलभूत प्रवृत्ति प्रजनन और कायाकल्प है। फिर भी इस ग्रह को अशुभ, क्रूर, घातक, इत्यादि कहा व समझा जाता है। अग्नि तत्व होने से मंगल सभी प्राणियों को जीवन शक्ति देता है एवम् प्रेरणा, उत्साह तथा साहस का प्रेरक होता है। इस लेख में हम आपको बताएँगे कि मंगल की विभिन्न भावों में स्थिति होने से आपको किस प्रकार के कार्यक्षेत्र में सफलता मिल सकती है। 

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प्रथम भाव में मंगल

मंगल भूमि का कारक होता है। यही कारण है कि जिस व्यक्ति के लग्न में मंगल होता है, वह जातक सदैव युवा प्रतीत होता है और मंगल व्यक्ति को अचल संपत्ति प्रदान करता है। साथ ही विरासत में भी ऐसे लोगों को अचल सम्पत्ति मिलती है। ऐसा व्यक्ति समान्यतः धनी होता है। चिकित्सा या इंजीनियरिंग के क्षेत्र में ऐसे लोगों की रुचि होती है तथा ऐसे क्षेत्रों में तरक्की भी ऐसे जातकों द्वारा प्राप्त की जाती है। ऐसा व्यक्ति येन-केन प्रकारेण धन अर्जन करने में समर्थ होता है। अपनी मेहनत के बल पर धन कमाता है। और अपने व्यापार को आगे बढ़ाने में सक्षम रहता है।

दूसरे भाव में मंगल

धने कुजे धनैर्हीनः क्रियाहीनश्चजायते।

दूसरे भाव में स्थित मंगल वाला व्यक्ति सामान्यतः अपने माता-पिता की बड़ी संतान होता है। इस घर का मंगल व्यक्ति को ससुराल से धन-दौलत दिलाने में समर्थ होता है और ससुराल से प्राप्त किये हुए धन से अपने कार्य को आगे बढ़ता है। अब आप अपने भविष्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, और साथ ही यहाँ क्लिक करके आप यह भी जान सकते हैं कि आपके जीवन में राजयोग है कि नहीं?

ऐसा जातक उग्र स्वभाव का होता है, जिसे अपना ही कार्य करना चाहिए क्योंकि ऐसे जातक किसी के अधीन रहकर नौकरी नहीं कर सकते। ये अपने कार्य में सफलता और अच्छा धन अर्जित कर पाते हैं। आप किसी न किसी व्यसन के शिकार हो सकते हैं। आपकी शैक्षिक यात्रा में रुकावट आ सकती हैं।

तृतीय भाव में मंगल

तृतीय भूसुते जातः प्रतापीशील  संयुतः।

रणेशूरो राजमान्यो विख्यातश्च प्रजायते।

तीसरे स्थान में मंगल जातक को साहसी बनाता है। ऐसा व्यक्ति पराक्रम और परिश्रम से अपने भाग्य का निर्माण करता है। कुंडली में तीसरे भाव में मंगल हो तो जातक प्रतियोगिता परीक्षा पास कर नौकरी हासिल करता है। ऐसा जातक लोन लेने से बचता है। आपसे सब लाभान्वित होंगे परन्तु आप अन्य से लाभान्वित हों, ऐसा जरूरी नहीं है। आप अपनी काबिलियत के बल पर समाज में अपना स्थान बना पाएंगे। अगर आप शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं और यह जानने की लालसा रखते हैं कि आपके लिए सरकारी नौकरी ज्यादा उपयुक्त रहेगी या प्राइवेट तो कॉग्निएस्ट्रो करियर रिपोर्ट की मदद से आपको अपने इस सवाल का सटीक जवाब मिल सकता है। 

आपकी रुचि टेक्निकल डिग्री प्राप्त करने में हो सकती है। इंजीनियरिंग सर्विस में आप जा सकते हैं। सरकारी नौकरी के लिए यदि प्रयास करेंगे तो आपको सरकारी नौकरी अवश्य ही मिलेगी। आप कोई ऐसी नौकरी कर सकते हैं, जहां अस्त्र शस्त्र धारण किए जाते हों अर्थात्  आप  सेना अथवा पुलिस की नौकरी में जा  सकते है। आप आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ होंगे। आपको पैसे की कमी नहीं होगी। आप किसी न किसी प्रकार से आने वाली आर्थिक समस्या का समाधान करने में समर्थ हैं। 

चतुर्थ भाव में मंगल

कुंडली में चतुर्थ भाव में मंगल हो तो जातक आर्थिक दृष्टि से सुखी तथा सम्पन्न होता है। जातक का अपना घर होता है। व्यक्ति सरकारी नौकरी में पद प्राप्त कर सकता है। आप प्रतियोगिता परीक्षा पास कर नौकरी हासिल करेंगे। सरकार के अधीन कार्य करने वाला तथा विश्व में प्रसिद्ध होता है। ऐसा जातक सेना तथा पुलिस विभाग में भी नौकरी कर सकता है। ऐेसे जातक परदेश में निवास करता है। अतः ऐसे जातक को ऐसी नौकरी की तलाश करनी चाहिए, जो घर से दूर हो। चतुर्थ स्थान में मंगल हो तो सरकार अथवा किसी बड़े अधिकारी की कृपा हमेशा बनी रहती है।

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पंचम भाव में मंगल

पंचम स्थान का मंगल हो तो जातक खेल-कूद के क्षेत्र में एक सफल खिलाड़ी बनता है। जातक जो भी खेल खेलेगा, उसमें अपना नाम अवश्य ही रौशन करेगा। ऐसा जातक यदि डॉक्टर बनना चाहता है तो बहुत ही अच्छा योग है, आप डॉक्टर बन सकते हैं। ऐसा जातक घूमने का शौक़ीन होता है। आप में सट्टेबाजी का भी शौक हो सकता है। आपको इसमें घाटा भी उठाना पड़ सकता है। अपने व्यवसाय में कोई भी निर्णय बिना विवेक के न लें तो अच्छा रहेगा। ध्यान रहे, यदि आप फौज में जायें तो खेलकूद से जुड़ी लाइन को पकड़ें, सफलता अवश्य मिलेगी। यदि 10 वीं के बाद विषयोंं के चयन से जुड़ी कोई समस्या हो तो आप कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट की मदद भी ले सकते हैं। 

षष्ठ भाव में मंगल

षष्ठम भाव का मंगल जातक में अपार शक्ति का संचार करता है और वह सर्वदा विजयी होता है। ऐसा जातक यदि राजनीति में अपना करियर बनाना चाहता है तो ठीक रहेगा, आप उसमे सफल होंगे। आप अपनी मेहनत से खूब कमाएंगे और अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति करेंगे। प्रतियोगिता के आधार पर आपकी नौकरी लग सकती है। आप एक अच्छे सर्जन डॉक्टर बन सकते हैं और खूब पैसा कमा सकते हैं। यदि आप खेलों में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आप सफल हो सकते हैं। अगर आप अपने करियर के चयन को लेकर चिंतित हैं, या यह जानना चाहते हैं कि आपकी मेहनत भविष्य में आपको कैसे फल देने वाली है तो उसका जवाब आपको कोग्निएस्ट्रो करियर परामर्श रिपोर्ट से मिल सकता है।

सप्तम भाव में मंगल

सप्तम भाव में मंगल होने से व्यक्ति एक अच्छा व्यापारी व आर्थिक तथा व्यावसायिक सफलता के लिए कड़ी मेहनत करने पर अच्छा सम्मान प्राप्त करता है। मंगल की यह स्थिति आर्थिक लिहाज से अच्छी नहीं मानी गयी है। अत: आपका धन व्यर्थ के कामों में भी खर्च हो सकता है। यदि आपके सातवें भाव में मंगल है और आप साझेदारी में कोई काम कर रहे हैं तो आप को साझेदार से कष्ट हो सकता है। अतः बुद्धि और विवेक से काम लेने में ही समझदारी होगी।

अष्टम भाव में मंगल

रूधिरार्तोगतनिश्चयः कुधी विद्यो निंधयतम कुजेष्टमे।

अष्टम भाव में मंगल होने से जातक को सदैव धन कमाने के लिए तथा व्यावसायिक सफलता के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। इस भाव में मंगल के होने से आर्थिक दृष्टि बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। आपको अपने जीवन में दो प्रकार से आय मिलने की सम्भावना बनती है। आपके पास गुप्त धन तथा गुप्त कार्य हो सकता है। यदि  मंगल अशुभ है या अशुभ प्रभाव में मंगल है तो आपका स्वयं किया गया परिश्रम व्यर्थ प्रयास होकर रह जाएगा।
 

नवम भाव में मंगल

धर्मस्थिताः भूमिपुत्रा कुर्वन्ति धर्मरहितं विपतिं कुशीलं।

नवम भाव में मंगल होने से जातक व्यवसाय में प्रसिद्धि प्राप्त करेगा परन्तु प्रसिद्धि के बावजूद भी अपने को सहज महसूस नहीं करेगा। यदि आप डॉक्टर हैं और मंगल आपके नवम स्थान में है तो यह योग बहुत ही अच्छा है। आप अवश्य ही मान सम्मान, यश और कीर्ति प्राप्त करेंगे। आर्मी, इंजीनियर, सुनार, लोहार, आदि कार्यों के लिए यह मंगल लाभ प्रदायक है।

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दशम भाव में मंगल

कर्मस्थाने महीपुत्रे शुभकर्मा शुभान्विता। 

सुपुत्री स्यात सुखी शूरो गर्विष्ठोsपि भवेन्नरः।।

मंगल दशम भाव में है तो मैकेनिकल तथा इलेक्ट्राॅनिक्स इंजीनियरिंग आप कर सकते हैं।  हथियारों से जुड़े काम या वर्दी से जुड़े कामों से भी पैसा मिल सकता है। पुलिस की नौकरी में आप जा सकते हैं। आप डॉक्टरी का पेशा भी अपना सकते है। यहां स्थित मंगल शल्य चिकित्सा या मंत्रों के ज्ञान में भी दक्ष बनाता है। वकीलों के लिए भी यह अच्छा योग है। आप राजनीति के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकते है। राजनीति कैसे करनी चाहिए, इसका पूर्ण ज्ञान ऐसे जातकों को होता है। राजनैतिक प्रबंधन क्षमता के आप धनी हैं। अपनी कुंडली के आधार पर पाएं अपनी व्यक्तिगत करियर परामर्श रिपोर्ट और जानें कौन सा करियर आपके लिए सबसे सही है

एकादश भाव में मंगल

एकादशगे गुणवान प्रियसुखभागी तथाभवेच्छूरः।

धन-धान्य-सुतै सहितः क्षितितनये विगतशोकश्च।।

एकादश भाव यानि लाभ भाव का मंगल व्यापारियों के लिए बहुत ही लाभ प्रदान करने वाला होता है परन्तु ऐसा तभी होगा जब वे केवल अपनी पूँजी से व्यापार करेंगे। व्यापारी धन से जमीन खरीदते हैं, उसके बाद उस जमीन को टुकड़े-टुकड़े करके घर, कालोनी बसाने के लिए जमीन बेचते हैं और इस जमीन से भारी लाभ कमा सकते हैं। एकादश भाव में स्थित मंगल आपको धैर्यवान और साहसी बनाता है। आप अपने कर्मों से अपनी किस्मत बदल सकते हैं। 

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द्वादश भाव में मंगल

बारहवें स्थान में मंगल आपके स्वभाव को उग्र बनाता है। इस भाव में मंगल के होने से जातक दूसरों के धन का अपहरण करने की सोच रख सकता है, अथवा धन चुराने के लिए सोचता रहता है। आपकी रुचि धार्मिक कार्यों के प्रति कम ही होगी। यदि किसी कारण आप धर्म के कार्यों से जुड़े हैं तो भी भी आप धर्म की महत्ता को उतना नहीं समझते हैं, जितना समझना चाहिए। ऐसा जातक विदेश या  विदेश से सम्बंधित कार्य करता है तो उसे लाभ की प्राप्ति हो सकती है। 

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मंगल को प्रसन्न करने के ज्योतिष उपाय 

  • अगर आप मंगल की प्रसन्नता हासिल करना चाहते हैं तो भगवान हनुमान या भगवान कार्तिकेय की भक्ति करें।
  • मंगलवार को कार्तिकेय स्तोत्र, हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें।
  • अपने जीवन से मंगल के दोष दूर करने के लिए आप मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं।
  • आप चाहें तो मंगलवार को उपवास कर सकते हैं और जरूरतमंदों को लाल मसूर, गेहूं, खांड, सौंफ, लाल कनेर के फूल, गुड़ आदि का दान भी कर सकते हैं।
  • इसके अलावा मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए और इसके दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए आप उच्च गुणवत्ता वाले मूंगा रत्न, अनंतमूल जड़ी, या तीन-मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं।

उपरोक्त विवरण से  केवल कार्य और व्यवसाय से संबंधित मंगल की स्थिति  पर आधारित सामान्य फल का ज्ञान मिलता है विशेष फल के लिए कुंडली का विवेचन और देश काल तथा पात्र की स्थिति के अनुसार  विश्लेषण करना आवश्यक है। इस प्रकार विभिन्न भावों में स्थित मंगल आपके कार्य एवं व्यवसाय को अलग-अलग रूपों में प्रभावित करता है।

इस बारे में व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने के लिए अभी आचार्य डा. सुनील बरमोला से फोन पर बात करें।

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आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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