बुध का वृश्चिक राशि में गोचर इन राशियों के लिये रहेगा भाग्यशाली!

बुध के वृश्चिक राशि में गोचर करने से आएंगे कई परिवर्तन! भविष्यवाणी पढ़े और जानें कि इससे सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

नवग्रहों में बुध को युवराज का दर्जा प्राप्त है। वैदिक ज्योतिष में यह ग्रह बुद्धिमत्ता, ज्ञान और संचार का कारक है। बुध ग्रह का गोचर काल बहुत कम समय का होता है, यह एक राशि में 14 दिन रहता है और उसके बाद अगली राशि में गोचर कर जाता है। बुध ग्रह एक तटस्थ ग्रह है इसलिये कुंडली में यह जिस भी ग्रह के साथ विराजमान रहता है उसके अनुसार ही फल देता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशियों का स्वामी है और यह हरे रंग का प्रतिनिधित्व करता है। कन्या राशि में बुध उच्च का होता है और मीन राशि में नीच का। नीचे बताया जा रहा है कि बुध के कुंडली में मजबूत या कमजोर रहने से कैसे फलों की प्राप्ति होती है।

  • बुध की मजबूत स्थिति: अगर कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में है तो ऐसा जातक बुद्धिमान होता है, उसकी वाणी में प्रखरता होती है, व्यवसाय करने में बुद्धि अच्छी चलती है। बुध की अच्छी स्थित व्यक्ति की तार्किक क्षमता में वृद्धि करती है।
  • बुध की कमजोर स्थिति: अगर कुंडली में बुध कमजोर अवस्था में हे तो ऐसा व्यक्ति उदासीन होता है। अपनी बात को समझाने में ऐसे लोगों को परेशानी होती है। ऐसे लोग अवैध करने से भी पीछे नहीं हटते।

अश्लेषा, ज्येष्ठ और, रेवती नक्षत्रों का स्वामी ग्रह बुध कुंडली में चतुर्थ भाव (सुख भाव) और दशम भाव (कर्म भाव) को दर्शाता है। जो भी जातक बुध ग्रह को शांत करना चाहता है उसे बुध मंत्र  “ ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का जाप करना चाहिये। इससे बुध ग्रह शांत हो जाता है। 

बुध ग्रह से संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिये पढ़ें- बुध ग्रह उपाय

गोचर काल

7 नवंबर को तुला राशि में मार्गी होने के बाद बुध, 5 दिसंबर 2019 को सुबह 10:22 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। बुध ग्रह 25 दिसंबर 2019, बुधवार को 15:32 मिनट तक वृश्चिक राशि में स्थित रहेगा और इसके बाद अगले राशि धनु में प्रवेश कर जाएगा। बुध द्वारा शासित होने वाली राशियों के जातक पन्ना पहन सकते हैं इससे बुध की स्थिति मजबूत होती है। पन्ना रत्न को आप दाहिने हाथ की छोटी अंगुली पर सोने या चांदी से बनी अंगूठी पहन सकते हैं। ऐसे जातक दसमुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। आइये अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध ग्रह के गोचर से सारी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

मेष

बुध आपकी राशि से अष्टम भाव में स्थित होंगे। कुंडली के अष्टम भाव को आयुर्भाव कहा जाता है। इस भाव से जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव, अचानक……..आगे पढ़ें

वृषभ

बुध आपकी राशि से सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष में कुंडली के सातवें भाव से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, जीवनसाथी एवं जीवन के अन्य क्षेत्रों में……..आगे पढ़ें

मिथुन

बुध आपकी राशि से षष्ठम भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में इस भाव को शत्रु भाव कहा जाता है। इस भाव से विरोधियों, रोग, पीड़ा, जॉब, कम्पीटीशन, रोग प्रतिरोधक क्षमता……..आगे पढ़ें

पढ़ें: बुध ग्रह की शांति के उपाय

कर्क

बुध आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में इस भाव को संतान भाव के नाम से भी जाना जाता है। इस भाव से रोमांस, संतान, रचनात्मकता, बौद्धिक क्षमता……..आगे पढ़ें

सिंह

बुध आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर कर रहे हैं। कुंडली के चौथे भाव को सुख भाव कहा जाता है। इस भाव से माता, जीवन में मिलने वाले सभी प्रकार के……..आगे पढ़ें

कन्या

बुध आपकी राशि से तृतीय भाव में जाएंगे। कुंडली में तीसरे घर को सहज भाव कहा जाता है। इस भाव से व्यक्ति के साहस, इच्छा शक्ति, छोटे भाई-बहनों, जिज्ञासा, जुनून, ऊर्जा, जोश और उत्साह को देखा……..आगे पढ़ें

तुला

बुध आपकी राशि से द्वितीय भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष में दूसरे भाव से व्यक्ति के परिवार, उसकी वाणी, प्रारंभिक शिक्षा एवं धन आदि का विचार किया जाता है। पारिवारिक जीवन……..आगे पढ़ें

वृश्चिक

बुध ग्रह आपकी ही राशि में गोचर करेगा जो आपके प्रथम भाव अर्थात लग्न भाव में स्थित होगा। ज्योतिष में लग्न भाव को तनु भाव कहा जाता है। बुध का गोचर……..आगे पढ़ें

धनु

बुध आपकी राशि से द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष में यह भाव व्यय भाव कहलाता है। इस भाव से ख़र्चे, हानि, मोक्ष, विदेश यात्रा आदि को देखा……..आगे पढ़ें

मकर

बुध आपकी राशि से एकादश भाव में स्थित होगा। कुंडली में एकादश भाव को आमदनी का भाव कहा जाता है। इस भाव से आय, जीवन में प्राप्त होने……..आगे पढ़ें

कुंभ

बुध आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष में दशम भाव करियर एवं प्रोफेशनल, पिता की स्थिति, रुतबा, राजनीति एवं जीवन के लक्ष्यों की ……..आगे पढ़ें

मीन

बुध आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष में नवम भाव को भाग्य भाव कहते हैं। इस भाव से व्यक्ति के भाग्य, गुरु, धर्म, यात्रा, तीर्थ स्थल, सिद्धांतों……..आगे पढ़ें

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