बुध के गोचर का पड़ेगा इन राशियों पर गंभीर प्रभाव!

बुध का होगा कुंभ में गोचर, किसके होंगे वारे न्यारे और कौन होगा निराश!

बुध ग्रह अपने आप में विलक्षण माना जाता है क्योंकि यह समस्त संसार को तर्क और बुद्धि की क्षमता प्रदान करता है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि बुध वात, पित्त और कफ तीनों ही प्रकृतियों पर नियंत्रण रखता है, इसलिए यदि आपका बुध शुभ है तो जीवन में शारीरिक कष्ट काफी हद तक कम हो जाते हैं क्योंकि इन्हीं तीन प्रकृतियों का असंतुलन शरीर में रोग उत्पन्न करता है।

वैसे तो सभी ग्रह अपनी कक्षा अनुसार गति करते हैं और कुछ खास समय में एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे ग्रहों का गोचर कहा जाता है। ऐसा ही एक गोचर बुध ग्रह का होगा जोकि 31 जनवरी को बुध के कुंभ राशि में प्रवेश करने से शुरू होगा।

पाएँ 250+ पन्नों की रंगीन कुंडली और भी बहुत कुछ:  बृहत् कुंडली

बुध ग्रह की खास विशेषताएँ

शरद ऋतु बुध की प्रिय ऋतु है और उत्तर दिशा पर इसका अधिकार माना जाता है। बुध के प्रभाव से व्यक्ति शारीरिक रूप से सुंदर बनता है और अपनी वास्तविक उम्र से कुछ कम का दिखता है। तर्क शक्ति और गणित तथा सांख्यिकी में इन्हें महारत हासिल होती है और कुंडली में उत्तम बुध होने से व्यक्ति चतुर वक्ता और कुशल व्यापारी बन सकता है।

यदि बुध बलशाली है तो व्यक्ति हाज़िर जवाब होगा, अच्छा वक्ता होगा, कुशाग्र बुद्धि वाला व्यक्ति होगा और उसकी गणितीय क्षमता बहुत अच्छी होगी। यदि बुध पीड़ित है तो व्यक्ति मानसिक रूप से परेशानियों में घिरा हो सकता है। उसे किसी भी प्रकार की गणना में समस्या आएगी। कारोबार में हानि हो सकती है और विभिन्न रोगों जैसे कि बोलने में समस्या, गले और नाक से संबंधित रोग, त्वचा रोग, नसों में पीड़ा, अत्यधिक पसीना आना या तंत्रिका तंत्र में समस्या आ सकती है।

बुध वाणिज्य, लेखन, पत्रकारिता, वकालत, कथा वाचन, प्रवक्ता, बनाने में पारंगत है और विशेष रूप से अखरोट, हरे पौधे, तेल, घी, पालक, हरे रंग के वस्त्र, मूंग दाल, आदि बुध के आधिपत्य में आते हैं। किसी भी प्रकार का शिक्षा का स्थान जैसे विद्यालय, विश्वविद्यालय, मंत्र जपने का स्थान, खेल का मैदान, व्यापार का क्षेत्र, सभी बुध के अधीन आते हैं। वाणी तथा कम्युनिकेशन स्किल में बेहतरी प्रदान करने का काम भी बुध ही करता है।

बुध का कुंभ में गोचर- क्या है विशेषता

बुध लगभग आधे महीने में अपना एक राशि चक्र पूरा कर लेते हैं, लेकिन कई विशेष परिस्थितियों में इनका गोचर लंबी अवधि तक भी हो सकता है। बुध का कुंभ राशि में 31 जनवरी को होने वाला गोचर काफी विशेष होगा क्योंकि यह इस राशि में 7 अप्रैल तक स्थित रहेंगे और इसी राशि में 17 फरवरी से बुध वक्री भी हो जायेंगे।

बुध का वक्री होना भी अपने आप में खासा महत्व रखता है क्योंकि यह बड़े-बड़े परिवर्तन लेकर आता है। 10 मार्च को बुध वक्री से मार्गी अवस्था में आकर 7 अप्रैल तक कुंभ राशि में रहेगा, इसी वजह से बुध का यह गोचर काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है और कुछ खास राशियों को इस गोचर के गंभीर प्रभाव प्राप्त होंगे।

ask a question

बुध का गोचर इनके लिए ख़ास 

इस बार होने वाला बुध का गोचर मेष राशि, वृश्चिक राशि और मकर राशि के लोगों के लिए जबरदस्त सफलता के योग बना रहा है। बुध का यह गोचर ना केवल आपके सपनों को साकार करेगा, बल्कि आपको जीवन में आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रेरणा भी देगा। इस समय में आपको चारों ओर से फायदा होगा। प्रबल रूप से धन लाभ होंगे और सामाजिक रूप से भी आप उन्नति करेंगे। आपको अपने परिजनों का सहयोग मिलेगा और आपकी वाणी में मिठास बढ़ेगी। कुल मिलाकर इस गोचर में आप ज़बरदस्त तरीके से अपना प्रभाव बढ़ा पाएंगे।

बुध का गोचर – ये रहें सावधान

हर गोचर अपनी एक नई कहानी कहता है। इसी क्रम में बुध का यह गोचर धनु और मीन राशि वालों के लिए विशेष रूप से परेशानियों का कारण बन सकता है। इस गोचर की अवधि में आपको दो बातों का खास ख्याल रखना होगा एक तो यह कि आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा और आप बीमार हो सकते हैं और दूसरा इस गोचर काल में कोई भी यात्रा करने से आपको बचना चाहिए। कार्यो में अधिक मेहनत के बाद भी आंशिक सफलता मिलने से आपको तनाव महसूस होगा और धन हानि होने की संभावना बनेगी। अपने कुछ मित्रों से इस दौरान अलगाव हो सकता है। अपनी वाणी पर संयम रखना बहुत आवश्यक होगा, नहीं तो बनते हुए काम भी बिगड़ सकते हैं।

जानें पूरे वर्ष में आने वाले समय का पूरा हाल – वार्षिक कुंडली 2020

बुध देव की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय

यदि आप बुध ग्रह को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए विशेष उपाय अपना सकते हैं:

  • आप बुध देव के वैदिक मंत्र “ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च। अस्मिन्त्सधस्‍थे अध्‍युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।” अथवा बुध ग्रह के तांत्रिक मंत्र “ॐ बुं बुधाय नमः” या फिर बुध के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” में से किसी का भी जाप कर सकते हैं।
  • आप पन्ना रत्न भी पहन सकते हैं या उसके स्थान पर ओनेक्स रत्न भी धारण कर सकते हैं।
  • यदि आप चाहें तो चार मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
  • आप बुध ग्रह की शुभता के लिए विधारा की जड़ धारण कर सकते हैं।
  • आप चाहें तो बुध यंत्र की स्थापना करके उसकी विधिवत पूजा भी कर सकते हैं।
  • उपरोक्त में से प्रत्येक उपाय को बुधवार के दिन, बुध ग्रह के नक्षत्रों अश्लेषा, ज्येष्ठा अथवा रेवती में अथवा बुध की होरा में धारण / स्थापित करना बेहतर रहेगा।
  • बुधवार के दिन छोटी कन्याओं को हरे रंग के वस्त्र अथवा हरी चूड़ियाँ भेंट करें।
  • प्रत्येक बुधवार गौ माता को पालक अथवा साबुत मूंग खिलाएं, इससे बुध देव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

रत्न, रुद्राक्ष समेत सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *