रक्षा पर्व और देश भक्ति से भरा होगा अगस्त का महीना!

अगस्त 2020 पर एक नज़र 

अगस्त 2020 यानि वर्ष का आठवां महीना और माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लेने वाले श्री कृष्ण का जन्मोत्सव पर्व जन्माष्टमी भी इसी महीने धूमधाम से मनाया जाएगा। अनेक पर्वों और त्योहारों से सजा तथा सूर्य, मंगल, शुक्र और बुध इन चार ग्रहों के कुल पांच गोचरों से सजा अगस्त का महीना अनेक परिवर्तन जीवन में लेकर आएगा। ऐसे में आपके मन में स्वतः ही एक प्रश्न उत्पन्न होगा कि इन सभी का आप के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा और अगस्त का महीना आपके लिए कैसे रहेगा? तो अपने मन में उमड़ रहे किसी भी प्रश्न का उत्तर जानने के लिए अभी यहां क्लिक करें और हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से परामर्श पाएं।

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जब इस साल की शुरुआत हुई थी तो पूरा देश नयी उम्मीद से भरा हुआ था और ना जाने लोगों के क्या-क्या सपने थे लेकिन कोरोना महामारी की मार झेल रही दुनिया में यह साल कहां जा रहा है, किसी को कोई खबर नहीं है। जहाँ कुछ लोग अपने काम धंधे और नौकरियों को लेकर परेशान हैं तो ना जाने कितने लोग स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में आकर अपने जीवन से हाथ धो रहे हैं। ऐसे समय में त्यौहार और पर्व हमारे जीवन में उल्लास जगाते हैं।  हमें जीवन जीने की  तो आइए एक नज़र डालते हैं अगस्त 2020 पर और यह जानते हैं कि यह महीना हमारे लिए क्या कुछ लेकर आने वाला है?

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इस आर्टिकल में जानें, अगस्त में जन्मे लोगों की कुछ विशेषताएँ, साथ ही इस महीने में आने वाले सभी महत्वपूर्ण व्रत-त्यौहार और ग्रहों के गोचर की संपूर्ण जानकारी। साथ ही अगस्त के महीने से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण भविष्यवाणी भी आपको यहाँ मिलेंगी।

अगस्त में जन्मे लोगों के बारे में कुछ ख़ास बातें

अगस्त में जन्मे लोगों का व्यक्तित्व : अगस्त में जन्मे व्यक्ति स्वभाव से काफी सौम्य होते हैं और जीवन में सच्चाई और ईमानदारी पर इनका पूरा ध्यान होता है। इनकी जीवन शैली अच्छी होती है और यह दूसरों की सेवा और मदद करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं। इन्हें ऐशो आराम से युक्त जीवन जीना पसंद होता है। आमतौर पर इनके सिर पर बाल कम होते हैं। अगस्त में जन्मे लोगों का भाग्य अक्सर उनका साथ देता है।

अगस्त में जन्मे लोगों का रोमांस : अगस्त में जन्मे लोगों को जीवन में वैभव और सच्चाई को महत्व देते हैं। अपने बारे में बताने के लिए बहुत बोलते हैं और फ्लर्ट भी करते हैं लेकिन कभी अचानक से किसी ऐसे व्यक्ति से विवाह कर बैठते हैं, जिसकी पर्सनैलिटी कोई खास प्रभावशाली ना हो। ये लोग प्यार के मामले में अच्छे होते हैं लेकिन अक्सर अपनी तारीफ सुनने के चक्कर में यह प्यार के मामले में कमजोर पड़ जाते हैं। 

अगस्त में जन्मे लोगों का करियर : अगस्त में जन्मे लोग जीवन में सभी सुखों को प्राप्त करना चाहते हैं और भाग्य भी इनका साथ देता है, इसलिए कम मेहनत में कई बार ज्यादा अच्छे परिणाम मिल जाते हैं। ये आज़ाद ख्याल के होते हैं और अपनी तरक्की को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं। आप टैलेंटेड होते हैं और इसलिए आपको शीघ्र ही काम मिल जाता है लेकिन कभी-कभी अपनी मर्जी का मालिक बनना और बेकार की इज्जत करना आपको आगे बढ़ने से रोक देता है। फिर भी आप एक अच्छे व्यापारी, इंजीनियर, कलाकार या शिक्षक हो सकते हैं।

अगस्त में जन्मे लोगों का आर्थिक पक्ष : अगस्त में जन्मे लोगों को पैसों को लेकर थोड़ा कंजूस कहा जा सकता है क्योंकि आप एक एक पैसे का हिसाब रखने वाले होते हैं, इसलिए आप अपने जीवन में अक्सर पैसा जोड़ने में कामयाब हो जाते हैं और आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी होती है। 

अगस्त में जन्मे लोगों का स्वास्थ्य : अगस्त में जन्मे लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति कभी-कभी लापरवाही बरतते हैं और ज्यादा ऐशो आराम के चक्कर में अपनी सेहत से खिलवाड़ कर बैठते हैं। आपको गठिया, आंख और कमर के रोग, धमनियों का सख्त होना, गाउट या रक्त से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।

अगस्त में जन्मे लोगों का समाज में मान-सम्मान : अगस्त में जन्मे लोग प्रसिद्धि के मामले में उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। ये अक्सर उग्र स्वभाव के हो सकते हैं जिसकी वजह से कई बार में परेशानी उठानी पड़ती है लेकिन लोगों की मदद करने में ये लोग सबसे आगे होते हैं। मदर टेरेसा, सैफ अली खान, महेश बाबू, सत्या नडेला, सारा अली खान, ताप्सी पन्नू, श्रीदेवी, नागार्जुन, सुनील छेत्री, किशोर कुमार, राजीव गांधी, वाणी कपूर, चिरंजीवी, काजोल, द ग्रेट खली, जेनेलिया डिसूजा जैसी हस्तियों का जन्म अगस्त के महीने में ही हुआ है।

अगस्त में जन्मे लोगों के लिए शुभ 

अगस्त में जन्मे लोगों के लकी नंबर 2,5,9 होते हैं और लकी कलर सलेटी, सुनहरा और लाल होते हैं। आपके लिए रविवार, शुक्रवार और बुधवार के दिन अति शुभ होते हैं। 

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अगस्त में आने वाले व्रत/त्यौहार-गोचर की संपूर्ण जानकारी 

1 अगस्त, शनिवार : प्रदोष व्रत (शुक्ल)

प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत शुभ और बहुत फलदायी व्रत बताया गया है। प्रदोष व्रत प्रत्येक मास में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के दौरान आता है और भगवान शंकर और उनकी अर्धांगिनी माता पार्वती की उपासना के लिए सबसे उत्तम व्रत माना जाता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है।

(साल 2020 के दौरान आने वाले सभी प्रदोष व्रतों की सूची आपको यहाँ मिलेगी)

3 अगस्त,  सोमवार : रक्षाबंधन पर्व, श्रावण पूर्णिमा व्रत

श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का परम पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी अथवा रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनकी समृद्धि की कामना करती हैं तथा भाई उन्हें कोई तोहफा देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।  

(राखी बांधने का शुभ मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)

रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे उत्तर भारत और मध्य भारत में कजरी पूर्णिमा का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन दान-पुण्य, स्नान और तप का विशेष महत्व है। यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा का दोष हो तो उससे मुक्ति के लिए श्रावण पूर्णिमा का व्रत सर्वोत्तम माना जाता है।

( श्रावण पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)

6 अगस्त,बृहस्पतिवार : कजरी तीज व्रत

प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का उत्सव मनाया जाता है। इसे कजली तीज भी कहते हैं। कुछ जगहों पर यह बूढ़ी तीज का सातूढ़ी तीज भी कहलाती है। यह अन्य तीज उत्सवों की तरह सुहागन महिलाओं का मुख्य पर्व है। इस दिन सुहागन महिलाएं वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति और समृद्धि की वृद्धि के लिए यह व्रत करती हैं।

(कजरी तीज का शुभ मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)

7 अगस्त, शुक्रवार : संकष्टी चतुर्थी

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता कहा जाता है क्योंकि संसार में किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत भगवान गणेश की कृपा से ही संभव होती है। इन्हीं भगवान गणेश को संकट हर्ता भी कहा जाता है और विघ्न विनाशक भी कहा जाता है। भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। 

(साल 2020 की सभी संकष्टी चतुर्थी की सूची देखने के लिए यहाँ क्लिक करें)

12 अगस्त, बुधवार : श्री कृष्ण जन्माष्टमी 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जन्म उत्सव है जिसे व्रत के साथ-साथ एक बहुत बड़े उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन कंस के कारागार में माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अवतार लिया था। भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए प्रत्येक वर्ष इस त्यौहार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

(श्री कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ  पूजा मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)

15 अगस्त, शनिवार : अजा एकादशी, भारत का स्वतंत्रता दिवस 

अजा एकादशी का दिन भगवान विष्णु की पूजा का सबसे उत्तम दिन माना जाता है क्योंकि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस एकादशी को अन्नदा एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु और माता महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

(अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)

भारत का स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है क्योंकि 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजी दासता से मुक्ति मिली थी। यह हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक एक महान पर्व है जिसे हर भारतवासी को मनाना चाहिए। 

16 अगस्त, रविवार : सिंह संक्रांति, प्रदोष व्रत (कृष्ण)

सूर्य देव के सिंह राशि में गोचर करने को सिंह संक्रांति कहा जाता है। सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं और जगत के पिता और आत्मा कहे जाते हैं। उनका राशियों में संचार करना गोचर के साथ-साथ संक्रांति कहलाता है और एक महत्वपूर्ण दिन होता है। 

(साल 2020 की सभी संक्रन्तियों की सूची देखने के लिए यहाँ क्लिक करें)

भगवान शिव को मानने वाले लोग प्रदोष व्रत भी रखते हैं। कृष्ण पक्ष में भी प्रदोष का व्रत रखा जाता है, जो अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस व्रत के फल के रूप में भगवान शिव भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।

17 अगस्त, सोमवार : मासिक शिवरात्रि

प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। शिवरात्रि का व्रत भी भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए रखा जाता है और इस व्रत को रखने से व्यक्ति को अपनी इंद्रियों को नियंत्रण करने में मदद मिलती है। 

(मासिक शिवरात्रि से जुड़ी संपूर्ण जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें)

19 अगस्त, बुधवार : भाद्रपद अमावस्या

भाद्रपद मास में आने वाली अमावस्या को भाद्रपद अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पितरों की शांति हेतु दान और पुण्य करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। 

( भाद्रपद अमावस्या का शुभ मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)

21 अगस्त, शुक्रवार : हरतालिका तीज

हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। विशेष रूप से यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माना गया है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं निराहार और निर्जला व्रत भी करती हैं। एक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए यह व्रत किया था। इस व्रत को करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

(अपने शहर के अनुसार जानें हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त)

22 अगस्त, शनिवार : श्री गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। एक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न काल में सोमवार के दिन स्वाति नक्षत्र एवं सिंह लग्न में हुआ था,  इसलिए यह सबसे मुख्य चतुर्थी मानी जाती है और इस गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या कलंक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। लोक परंपरा के अनुसार इसे डंडा चौथ भी कहते हैं।

(अपने शहर के अनुसार जानें श्री गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त)

29 अगस्त, शनिवार : परिवर्तनी एकादशी

परिवर्तिनी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा का एक उत्तम दिन है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की मुख्य रूप से पूजा की जाती है। परिवर्तनी एकादशी को पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु अपनी शेष शैया पर विश्राम करते हुए करवट लेते हैं, इसीलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इस व्रत के द्वारा व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और माता महालक्ष्मी का पूजन करने से अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। 

(जानें परिवर्तिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त) 

31 अगस्त, सोमवार : थिरूवोणम

ओणम भारत के केरल राज्य में मनाया जाने वाला एक दस दिवसीय त्योहार है। इस त्यौहार का अंतिम और दसवां दिन अत्यंत विशेष होता है जिसे थिरूवोणम कहा जाता है। मलयालम भाषा में श्रवण नक्षत्र को थिरुओनम कहकर पुकारा जाता है। यह त्यौहार प्रतिवर्ष मलयालम कैलेंडर के अनुसार चिंगम माह में थिरूवोणम अर्थात श्रवण नक्षत्र के प्रबल होने पर मनाया जाता है।

(जानें थिरूवोणम का शुभ मुहूर्त) 

अगस्त में होने वाले गोचर 

अगस्त का महीना ग्रहों के गोचर के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इस महीने चार चार ग्रह गोचर करने वाले हैं। सूर्य, मंगल, शुक्र और बुध ग्रहों का गोचर अगस्त माह में आकार लेगा। इतने बड़े पैमाने पर ग्रहों का गोचर जीवन के सभी भागों को प्रभावित करने वाला होगा।

शुक्र का गोचर

शुक्र का गोचर 1 अगस्त 2020 को 4 बज कर 56 मिनट पर मिथुन राशि में होगा। शुक्र ग्रह 1 सितंबर की सुबह 1 बज कर 50 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेंगे।

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बुध का गोचर

बुध ग्रह का गोचर 2 अगस्त को 03:23 बजे कर्क राशि में होगा और 17 अगस्त 08:18 बजे तक ये इसी राशि में रहेंगे।

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बुध ग्रह का दूसरा गोचर 17 अगस्त 2020 को 8 बज कर 18 मिनट पर कर्क से सिंह राशि में होगा और इस राशि में बुध ग्रह 2 सितंबर 2020, 11 बज कर 52 मिनट तक स्थित रहेंगे। 

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सूर्य का गोचर

सूर्य ग्रह का सिंह राशि में गोचर 16 अगस्त को 18:56 बजे होगा और सूर्य देव इस राशि में 16 सितंबर 2020, 18:52 मिनट तक रहेंगे।

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मंगल का गोचर

मंगल देव 16 अगस्त को मीन राशि से निकल कर मेष राशि में 20:37 बजे गोचर करेंगे। मेष राशि में ही 10 सितंबर से ये अपनी वक्री गति शुरु करेंगे और वक्री गति करते हुए 4 अक्टूबर, 9:55 बजे मंगल ग्रह मीन राशि में लौटें जायेंगे। 

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इस महीने से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण भविष्यवाणी : 

  • अगस्त के महीने में सिंह राशि में सूर्य, मेष राशि में मंगल, मिथुन राशि में शुक्र, कर्क राशि और सिंह राशि में बुध का गोचर होगा। इस प्रकार मुख्य रूप से केंद्र बिंदुओं में मेष राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि और सिंह राशि रहेगी।
  • सूर्य अपनी राशि सिंह में होगा और अच्छा बलवान होगा जिससे लोगों के व्यक्तित्व में सुधार आएगा और आरोग्य का कारक कहा जाने वाला सूर्य अपनी राशि में होने से उत्तम आरोग्य प्रदान करेगा जिससे लोगों के स्वास्थ्य में सुधार आएगा और कोरोना महामारी से बचाव करने में शरीर मजबूत हो पाएगा।
  • मंगल भी अपनी राशि मेष में होने से बलवान होगा जिससे लोगों में स्वास्थ्य को लेकर एक विशेष जागरूकता देखी जाएगी और सभी लोग अपनी सेहत के प्रति जिम्मेदारी दिखाएंगे।

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  • आर्थिक मोर्चे पर लोगों को लाभ होगा और जिनको नौकरियों से संबंधित समस्या चली आ रही थी, उन्हें अब कुछ अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे और नौकरियों में वापस मौका मिल सकता है।
  • सूर्य और मंगल की मजबूती से लोगों में नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक गुणों में वृद्धि होगी और देश में पुलिस और सेनाओं का वर्चस्व बढ़ेगा और उनके अधिकारों में वृद्धि हो सकती है तथा उनकी छवि मजबूत होगी।
  • ग्रहों का गोचर के अनुसार सरकारी क्षेत्र में कार्यरत लोगों, प्रशासनिक लोगों, कानून और राजनीति से जुड़े लोगों तथा कलाकारों के लिए अगस्त का महीना अच्छा रहेगा और इन्हें अपने क्षेत्र में प्रगति मिलेगी।

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  • इसके अलावा मिथुन राशि में शुक्र और राहु की युति होने और बृहस्पति के पीड़ित होने से उन लोगों के अंतरंग संबंधों में भी बढ़ोतरी होगी लेकिन आप मर्यादित आचरण में रहें, इसका विशेष ध्यान रखना होगा नहीं तो परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं।
  • इस प्रकार अगस्त का यह महीना अपने साथ बहुत कुछ लेकर आने वाला है। हम आप को यही सलाह देते हैं कि आप किसी भी चुनौती का सामना पूरी मजबूती के साथ करें और यदि कोई समस्या है तो उसे दूर करने की कोशिश करें। उस से डरें नहीं। जीवन में सकारात्मक रवैया रखें और मजबूत आत्मबल के साथ जिस कार्य को भी आप करने की कोशिश करेंगे, उसी में सफलता प्राप्त होगी।

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